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किसानों की भावनाओं का सम्मान करते हुए प्यार से बुला कर रास्ता निकाले केंद्र सरकार : CM गहलोत - राजस्थान में किसान आंदोलन

किसान आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र की मोदी सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है. गहलोत ने किसानों के भारत बंद का समर्थन करते हुए कहा है कि जिस तरीके से देश ने आज किसानों के इस बंद का समर्थन किया उससे केंद्र की मोदी सरकार को समझना चाहिए कि देश किस तरह से उबाल है. उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों को प्यार से बुलाकर उनसे बातचीत करके कोई रास्ता निकालना चाहिए.

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मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा केंद्र सरकार को किसानों से बात करनी चाहिए
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Published : Dec 8, 2020, 11:03 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह समझ में नहीं आता कि केंद्र सरकार ने इतने आनन-फानन में यह बिल क्यों लेकर आई. आखिर केंद्र की मोदी सरकार देश को किस दिशा में लेकर जाना चाहती है जो इस तरह के फैसले ले रही है. अशोक गहलोत ने कहा कि देश का किसान स्टेट होल्डर है, लेकिन उनसे कोई बातचीत नहीं की जा रही है. किसानों के लिए जो कानून लाया जा रहा है उस कानून में किसानों की कोई भूमिका नहीं जोड़ी गई.

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा केंद्र सरकार को किसानों से बात करनी चाहिए

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्दबाजी में जिस तरह से कानून लाया गया वह अपने आप में कहीं ना कहीं सवाल खड़े करता है. जिस तरह से आनन-फानन में निर्णय लिए जा रहे हैं उससे देश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा है. केंद्र की मोदी सरकार को इस तरह के फैसले से पहले देश की अर्थव्यवस्था के बारे में चिंता करनी चाहिए. विपक्ष लगातार कहता रहा है कि इस कानून को लाने से पहले उन्हें सुनवाई करनी चाहिए थी. लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार होता है, लेकिन दुर्भाग्य है कि केंद्र की मोदी सरकार किसी की बात नहीं सुननी चाहती.

गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए इस कृषि कानून के खिलाफ हमने राष्ट्रपति से भी मिलने का समय मांगा है, लेकिन समय नहीं दिया गया ना केवल राजस्थान बल्कि 4 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रपति से बात करने के लिए समय मांगा था. हम बात करना चाहते थे लेकिन उसका कोई जवाब नहीं दिया गया.

ये भी पढ़ें: पंचायत चुनाव परिणाम : कहीं दिखा BJP का दबदबा तो कहीं कांग्रेस निकली आगे...जानें पूरा लेखा जोखा

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जिस तरीके से किसानों के परिवार और किसान इस ठंड के अंदर नेशनल हाईवे पर बैठे हैं उनके बारे में चिंता करनी चाहिए. मैं चाहूंगा कि केंद्र सरकार को किसानों को बुलाकर उनसे बात करे. लोकतंत्र में बातचीत जारी रहनी चाहिए अगर डायलॉग होता है तो कई समस्याओं के समाधान निकल आते हैं.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह समझ में नहीं आता कि केंद्र सरकार ने इतने आनन-फानन में यह बिल क्यों लेकर आई. आखिर केंद्र की मोदी सरकार देश को किस दिशा में लेकर जाना चाहती है जो इस तरह के फैसले ले रही है. अशोक गहलोत ने कहा कि देश का किसान स्टेट होल्डर है, लेकिन उनसे कोई बातचीत नहीं की जा रही है. किसानों के लिए जो कानून लाया जा रहा है उस कानून में किसानों की कोई भूमिका नहीं जोड़ी गई.

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा केंद्र सरकार को किसानों से बात करनी चाहिए

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्दबाजी में जिस तरह से कानून लाया गया वह अपने आप में कहीं ना कहीं सवाल खड़े करता है. जिस तरह से आनन-फानन में निर्णय लिए जा रहे हैं उससे देश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा है. केंद्र की मोदी सरकार को इस तरह के फैसले से पहले देश की अर्थव्यवस्था के बारे में चिंता करनी चाहिए. विपक्ष लगातार कहता रहा है कि इस कानून को लाने से पहले उन्हें सुनवाई करनी चाहिए थी. लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार होता है, लेकिन दुर्भाग्य है कि केंद्र की मोदी सरकार किसी की बात नहीं सुननी चाहती.

गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए इस कृषि कानून के खिलाफ हमने राष्ट्रपति से भी मिलने का समय मांगा है, लेकिन समय नहीं दिया गया ना केवल राजस्थान बल्कि 4 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रपति से बात करने के लिए समय मांगा था. हम बात करना चाहते थे लेकिन उसका कोई जवाब नहीं दिया गया.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जिस तरीके से किसानों के परिवार और किसान इस ठंड के अंदर नेशनल हाईवे पर बैठे हैं उनके बारे में चिंता करनी चाहिए. मैं चाहूंगा कि केंद्र सरकार को किसानों को बुलाकर उनसे बात करे. लोकतंत्र में बातचीत जारी रहनी चाहिए अगर डायलॉग होता है तो कई समस्याओं के समाधान निकल आते हैं.

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