जयपुर. रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी ने अपने एक फैसले में निर्णय दिया है कि कोई भी बिल्डर रेरा के एग्रीमेंट में अपने अनुसार कोई भी फेरबदल नहीं कर सकता है. इसके साथ ही रेरा ने यूनीक बिल्डर्स पर बीस हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. रेरा ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि बिल्डर आवंटी की रिफंड राशि रद्द किए गए फ्लैट के पुन: विक्रय तक नहीं रोक सकता है. ऐसे में बिल्डर बुकिंग राशि में से दस फीसदी काटकर शेष राशि परिवादी को लौटाए. रेरा ने यह आदेश प्रमोद कुमार के परिवाद पर दिए.
परिवाद में अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने बताया कि परिवादी ने यूनिट बिल्डर्स के एक प्रोजेक्ट में वर्ष 2020 में फ्लैट बुक कराया था और तीन लाख चालीस हजार रुपए बुकिंग राशि भी अदा कर दी थी. बाद में बैंक से लोन स्वीकृत नहीं होने के कारण करीब डेढ़ माह बाद बुकिंग कैंसिल करा दी गई. इसके बावजूद उसे बुकिंग राशि नहीं लौटाई गई और यह आश्वस्त किया गया कि इस फ्लैट का पुन: बेचान होने पर बुकिंग राशि परिवादी को लौटाई जाएगी.
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परिवाद में कहा गया कि बिल्डर ने रेरा की ओर से तय ड्राफ्ट एग्रीमेंट में अपने स्तर पर फेरबदल कर यह शर्त लगा दी कि रद्द फ्लैट का फिर से बेचान नहीं होने तक पहले वाले आवंटी को बुकिंग राशि अदा नहीं की जाएगी. जबकि बिल्डर को अपने स्तर पर ड्राफ्ट एग्रीमेंट में फेरबदल करने का अधिकार नहीं है और इस आधार पर आवंटी की बुकिंग राशि को ना लौटाना भी रेरा एक्ट के प्रावधानों के खिलाफ है.
मामले पर सुनवाई करते हुए रेरा ने माना कि बिल्डर ने स्वयं आवंटी को ईमेल भेजकर बुकिंग राशि लौटाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन उसने ड्राफ्ट एग्रीमेंट में बिना अधिकार अपने स्तर पर फेरबदल कर लिया. ऐसे में बिल्डर पर बीस हजार रुपए का हर्जाना लगाया जाता है और परिवादी से ली गई बुकिंग राशि में से दस फीसदी काटकर शेष राशि लौटाने के आदेश दिए जाते हैं.