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हवामहल का दृष्टिबाधित पर्यटक ब्रेल लिपि से जान रहे हैं इतिहास, नेत्रहीनों के लिए ब्रोशर उपलब्ध

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 4, 2024, 7:51 PM IST

दृष्टि बाधित लोगों के लिए ब्रेल के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाता है. प्रदेश में हवा महल पहला स्मारक है जहां दृष्टि बाधित और दृष्टिहीन पर्यटक ब्रेल लिपि से स्मारक का इतिहास जान रहे हैं. विश्व प्रसिद्ध हवामहल में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में ब्रेल लिपि के ब्रोशर उपलब्ध हैं.

हवामहल में हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में ब्रेल लिपि के ब्रोशर
हवामहल में हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में ब्रेल लिपि के ब्रोशर

जयपुर. पुरातत्व विभाग के अधीन आने वाले विश्व प्रसिद्ध हवामहल स्मारक में दृष्टिबाधित पर्यटक ब्रेल लिपि में बने ब्रोशर के माध्यम से स्मारक के इतिहास समेत अन्य चीजों की जानकारी जुटा रहे हैं. पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के अन्य किसी भी स्मारक पर यह सुविधा उपलब्ध नहीं है. प्रदेश भर में पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के अधीन करीब 30 से ज्यादा स्मारक और संग्रहालय हैं, जहां पर्यटक देश-विदेश से घूमने के लिए पहुंचते हैं. हवा महल पहला ऐसा स्मारक है, जहां दृष्टिबाधित पर्यटक ब्रेल लिपि में बने ब्रोशर के माध्यम से स्मारक इतिहास की जानकारी ले रहे हैं.

टूरिस्ट गाइड प्रेमचंद मंडावरिया ने बताया कि हवा महल में दृष्टिहीन पर्यटकों के लिए ब्रेल लिपि में स्मारक के इतिहास के बारे में जानने की सुविधा उपलब्ध है. ब्रेल लिपि के माध्यम से दृष्टि बाधित पर्यटक हवामहल का इतिहास जान सकता है. हवा महल अधीक्षक सरोजनी चंचलानी ने ब्रेल लिपि की सुविधा काफी सालों से शुरू कर रखी है. वर्ल्ड फेमस हवा महल में देश-विदेश के पर्यटक घूमने के लिए आते हैं.

पढ़ें: जानिए कौन थे नत्रहीनों के मसीहा लुई ब्रेल

हवामहल आकर्षण का केंद्र: टूरिस्टों के लिए हवा महल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. सन 1799 में रानीयों और दासियों के लिए हवा महल का निर्माण करवाया गया था. रानियां और दासियां बाजार में नहीं जा सकती थी, इसलिए हवा महल से ही पूरा बाजार देखती थी. महिलाएं इन खिड़कियों से ही बाहर देखती थी. हवा महल की डिजाइन मुकुट की जैसी बनाई गई. हवा महल में कुल 953 खिड़कियां हैं. देश-विदेश से आने वाले पर्यटक हवा महल घूमने के लिए पहुंच रहे हैं. पर्यटन सीजन में रोजाना हजारों की संख्या में टूरिस्ट हवा महल की खूबसूरती को निहारने के लिए पहुंचेते हैं. हवामहल में खिड़कियां और झरोखे आकर्षण का केंद्र रहते हैं.

जयपुर. पुरातत्व विभाग के अधीन आने वाले विश्व प्रसिद्ध हवामहल स्मारक में दृष्टिबाधित पर्यटक ब्रेल लिपि में बने ब्रोशर के माध्यम से स्मारक के इतिहास समेत अन्य चीजों की जानकारी जुटा रहे हैं. पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के अन्य किसी भी स्मारक पर यह सुविधा उपलब्ध नहीं है. प्रदेश भर में पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के अधीन करीब 30 से ज्यादा स्मारक और संग्रहालय हैं, जहां पर्यटक देश-विदेश से घूमने के लिए पहुंचते हैं. हवा महल पहला ऐसा स्मारक है, जहां दृष्टिबाधित पर्यटक ब्रेल लिपि में बने ब्रोशर के माध्यम से स्मारक इतिहास की जानकारी ले रहे हैं.

टूरिस्ट गाइड प्रेमचंद मंडावरिया ने बताया कि हवा महल में दृष्टिहीन पर्यटकों के लिए ब्रेल लिपि में स्मारक के इतिहास के बारे में जानने की सुविधा उपलब्ध है. ब्रेल लिपि के माध्यम से दृष्टि बाधित पर्यटक हवामहल का इतिहास जान सकता है. हवा महल अधीक्षक सरोजनी चंचलानी ने ब्रेल लिपि की सुविधा काफी सालों से शुरू कर रखी है. वर्ल्ड फेमस हवा महल में देश-विदेश के पर्यटक घूमने के लिए आते हैं.

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हवामहल आकर्षण का केंद्र: टूरिस्टों के लिए हवा महल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. सन 1799 में रानीयों और दासियों के लिए हवा महल का निर्माण करवाया गया था. रानियां और दासियां बाजार में नहीं जा सकती थी, इसलिए हवा महल से ही पूरा बाजार देखती थी. महिलाएं इन खिड़कियों से ही बाहर देखती थी. हवा महल की डिजाइन मुकुट की जैसी बनाई गई. हवा महल में कुल 953 खिड़कियां हैं. देश-विदेश से आने वाले पर्यटक हवा महल घूमने के लिए पहुंच रहे हैं. पर्यटन सीजन में रोजाना हजारों की संख्या में टूरिस्ट हवा महल की खूबसूरती को निहारने के लिए पहुंचेते हैं. हवामहल में खिड़कियां और झरोखे आकर्षण का केंद्र रहते हैं.

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