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बीजेपी के पोल खोल पैदल मार्च में फिर दिखी गुटबाजी, पूनिया सहित इन नेताओं ने बनाई दूरी

प्रदेश में भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दों को लेकर बीजेपी ने शुक्रवार को पैदल मार्च निकाला, लेकिन इस पैदल मार्च में एक बार फिर पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया सहित एक दर्जन से ज्यादा विधायक और सांसद गैरहाजिर रहे.

BJP Pol Khol campaign against Gehlot Govt, Many leaders absent including Satish Poonia
बीजेपी के पोल खोल पैदल मार्च में फिर दिखी गुटबाजी, पूनिया सहित इन नेताओं ने बनाई दूरी
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Published : Jun 23, 2023, 10:56 PM IST

Updated : Jun 23, 2023, 11:22 PM IST

बीजेपी में गुटबाजी को लेकर क्या बोले राजेंद्र राठौड़

जयपुर. बीजेपी ने गहलोत सरकार के खिलाफ पैदल मार्च के जरिए पोल खोल अभियान का आगाज किया, लेकिन अभियान के पहले ही दिन कई बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी ने बीजेपी में अंदर खाने चल रही गुटबाजी को सामने ला दिया है. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को हिरासत में लेने और भ्रष्टाचार के मामले सहित अन्य मुद्दों को लेकर एकजुटता के साथ बीजेपी मुख्यालय से राजभवन तक पैदल मार्च का ऐलान किया गया, जिसमें सभी विधायकों और सांसदों को शामिल होने के लिए कहा गया था, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने के बाद संगठन के कार्यक्रम से दूरी बनाए रखने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया इस बार भी नजर नहीं आए.

पूनिया ने बना रखी संगठन के कार्यक्रम से दूरीः बता दें कि उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया को जब से अध्यक्ष पद से हटाया है, उसके बाद से लगातार वह प्रदेश संगठन के कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं. चुनावी माहौल में उप नेता प्रतिपक्ष की संगठन के कार्यक्रमों से दूरी बीजेपी के गलियारों में चर्चाओं का विषय बनी हुई है. बताया जा रहा है कि सतीश पूनिया को अचानक अध्यक्ष पद से हटाने के बाद से वह नाराज हैं और नए अध्यक्ष बनने के बाद अब तक जो भी संगठन के कार्यक्रम हुए उसमें शामिल नहीं हुए. खास बात यह है कि भ्रष्टाचार जैसे बड़े मुद्दे पर पैदल मार्च के जरिए पोल खोल अभियान के आगाज कार्यक्रम में जयपुर में होने के बावजूद शामिल नहीं हुए, जबकि पैदल मार्च के तीन घंटे बाद पार्टी मुख्यालय की कोर ग्रुप की बैठक में शामिल हुए.

पढ़ेंः राजस्थान बीजेपी में नहीं थम रही गुटबाजी, प्रदेश अध्यक्ष पद जाने से नाराज पूनिया ! संगठन के कार्यक्रमों से बनाई दूरी

पूनिया ने इन कार्यक्रमों से बनाई दूरीः जयपुर बम ब्लास्ट मामले को लेकर बीजेपी ने आंदोलन की सीरीज चलाई लेकिन किसी भी विरोध प्रदर्शन में जयपुर होने के बावजूद पूनिया शामिल नहीं हुए. उसके बाद बीजेपी मुख्यालय पर आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर संभागीय बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में भी तमाम बीजेपी के सांसद, विधायकों के साथ संगठन के पदाधिकारी और संभाग के संगठन के नेता शामिल हुए, लेकिन इस बैठक से भी सतीश पूनिया की दूरी चर्चा का विषय रही. इतना ही नहीं 6 अप्रैल को बीजेपी के स्थापना दिवस के कार्यक्रम तक में पूनिया शामिल नहीं हुए. उसके बाद 13 जून को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सचिवालय घेराव में भी पूनिया की मौजूदगी नहीं दिखी और आज राजभवन तक पैदल मार्च में भी वे अनुपस्थित रहे.

पढ़ेंः वसुंधरा का बड़ा बयान : हम एकजुट, CM का चेहरा दिल्ली तय करेगी...गहलोत-राहुल पर बोला तीखा हमला

ये विधायक और सांसद भी दिखे दूरः पूनिया के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, कैलाश चौधरी सहित दो दर्जन से ज्यादा विधायक और सांसद इस पैदल मार्च में शामिल नहीं हुए. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जयपुर से बाहर हैं, लेकिन गजेंद्र सिंह शेखवात, अर्जुन राम मेघवाल, कैलाश चौधरी सहित कई सांसद और विधायक पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह की दौहिती और बीजेपी विधायक नरपत सिंह राजवी की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए जयपुर में मौजूद थे.

पढ़ेंः ग्रेटर निगम में बीजेपी पार्षदों में खुलकर सामने आई गुटबाजी, महापौर का भी किया विरोध

राठौड़ उतरे बचाव मेंः विधायकों और सांसदों की गैरमौजूदगी का सवाल उठा तो बचाव में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ उतरे. राठौड़ ने कहा कि पूरी पार्टी एकजुट है. सभी एक जाजम पर हैं. किसी तरह का कोई मनभेद मतभेद नहीं है. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार की कलई खोलने के लिए आज ही पैदल मार्च निकाला गया, राज्यपाल को ज्ञापन देने 53 विधायक और 19 सांसद पैदल मार्च में शामिल हुए हैं. सभी ने सरकार के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्यपाल को लिखित में ज्ञापन सौंपा है. दो विधायक बाद में आ गये थे. ऐसे में कुल 55 विधायक और 19 सांसद मौजूद थे, जो विधायक और सांसद नहीं आए, उन्होंने सूचना दे दी थी.

बीजेपी में गुटबाजी को लेकर क्या बोले राजेंद्र राठौड़

जयपुर. बीजेपी ने गहलोत सरकार के खिलाफ पैदल मार्च के जरिए पोल खोल अभियान का आगाज किया, लेकिन अभियान के पहले ही दिन कई बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी ने बीजेपी में अंदर खाने चल रही गुटबाजी को सामने ला दिया है. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को हिरासत में लेने और भ्रष्टाचार के मामले सहित अन्य मुद्दों को लेकर एकजुटता के साथ बीजेपी मुख्यालय से राजभवन तक पैदल मार्च का ऐलान किया गया, जिसमें सभी विधायकों और सांसदों को शामिल होने के लिए कहा गया था, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने के बाद संगठन के कार्यक्रम से दूरी बनाए रखने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया इस बार भी नजर नहीं आए.

पूनिया ने बना रखी संगठन के कार्यक्रम से दूरीः बता दें कि उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया को जब से अध्यक्ष पद से हटाया है, उसके बाद से लगातार वह प्रदेश संगठन के कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं. चुनावी माहौल में उप नेता प्रतिपक्ष की संगठन के कार्यक्रमों से दूरी बीजेपी के गलियारों में चर्चाओं का विषय बनी हुई है. बताया जा रहा है कि सतीश पूनिया को अचानक अध्यक्ष पद से हटाने के बाद से वह नाराज हैं और नए अध्यक्ष बनने के बाद अब तक जो भी संगठन के कार्यक्रम हुए उसमें शामिल नहीं हुए. खास बात यह है कि भ्रष्टाचार जैसे बड़े मुद्दे पर पैदल मार्च के जरिए पोल खोल अभियान के आगाज कार्यक्रम में जयपुर में होने के बावजूद शामिल नहीं हुए, जबकि पैदल मार्च के तीन घंटे बाद पार्टी मुख्यालय की कोर ग्रुप की बैठक में शामिल हुए.

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पूनिया ने इन कार्यक्रमों से बनाई दूरीः जयपुर बम ब्लास्ट मामले को लेकर बीजेपी ने आंदोलन की सीरीज चलाई लेकिन किसी भी विरोध प्रदर्शन में जयपुर होने के बावजूद पूनिया शामिल नहीं हुए. उसके बाद बीजेपी मुख्यालय पर आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर संभागीय बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में भी तमाम बीजेपी के सांसद, विधायकों के साथ संगठन के पदाधिकारी और संभाग के संगठन के नेता शामिल हुए, लेकिन इस बैठक से भी सतीश पूनिया की दूरी चर्चा का विषय रही. इतना ही नहीं 6 अप्रैल को बीजेपी के स्थापना दिवस के कार्यक्रम तक में पूनिया शामिल नहीं हुए. उसके बाद 13 जून को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सचिवालय घेराव में भी पूनिया की मौजूदगी नहीं दिखी और आज राजभवन तक पैदल मार्च में भी वे अनुपस्थित रहे.

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ये विधायक और सांसद भी दिखे दूरः पूनिया के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, कैलाश चौधरी सहित दो दर्जन से ज्यादा विधायक और सांसद इस पैदल मार्च में शामिल नहीं हुए. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जयपुर से बाहर हैं, लेकिन गजेंद्र सिंह शेखवात, अर्जुन राम मेघवाल, कैलाश चौधरी सहित कई सांसद और विधायक पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह की दौहिती और बीजेपी विधायक नरपत सिंह राजवी की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए जयपुर में मौजूद थे.

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राठौड़ उतरे बचाव मेंः विधायकों और सांसदों की गैरमौजूदगी का सवाल उठा तो बचाव में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ उतरे. राठौड़ ने कहा कि पूरी पार्टी एकजुट है. सभी एक जाजम पर हैं. किसी तरह का कोई मनभेद मतभेद नहीं है. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार की कलई खोलने के लिए आज ही पैदल मार्च निकाला गया, राज्यपाल को ज्ञापन देने 53 विधायक और 19 सांसद पैदल मार्च में शामिल हुए हैं. सभी ने सरकार के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्यपाल को लिखित में ज्ञापन सौंपा है. दो विधायक बाद में आ गये थे. ऐसे में कुल 55 विधायक और 19 सांसद मौजूद थे, जो विधायक और सांसद नहीं आए, उन्होंने सूचना दे दी थी.

Last Updated : Jun 23, 2023, 11:22 PM IST
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