जयपुर. जयपुर बम ब्लास्ट मामले में हाईकोर्ट से अभियुक्तों को राहत मिलने के बाद बीजेपी पूरे मामले पर न केवल गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है, बल्कि सरकार के खिलाफ जनता के बीच माहौल भी खड़ा करने की जुगत में है. सोमवार को बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने पार्टी कार्यालय पर मीडिया से रूबरू होते हुए इस बात के संकेत दे दिए कि आने वाले दिनों में जयपुर की जनता को न्याय दिलाने और दोषियों को सजा के लिए जरूरत पड़ी, तो बीजेपी अपना वकील खड़ा करेगी.
बड़ा वकील खड़ा क्यों नहीं कियाः अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि 13 मई, 2008 को जयपुर लहूलुहान हुआ. इसके दोषियों को सरकार की कमजोरी की वजह से कोर्ट ने की फांसी की सजा को निरस्त करते हुए बरी कर दिया. आज जयपुर जानना चाहता है कि राजस्थान सरकार छोटे-छोटे मामले में बड़े वकील खड़े करती है, लेकिन इस मामले में कोई बड़े वकील की उपस्थिति क्यों नहीं हुई? सारा देश जानना चाहता है कि अकबर मॉब लिंचिंग में सुप्रीम कोर्ट के वकील खड़े करने वाली गहलोत सरकार ने 71 लोगों की जान लेने वाले आरोपियों के खिलाफ बड़ा वकील खड़ा क्यों नहीं किया? क्यों किसी छोटे वकील के सहारे छोड़ दिया गया?
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बीजेपी खड़ा करेगी अपना वकीलः चतुर्वेदी ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर आरोप लगाया कि तुष्टिकरण की राजनीति के बीच सरकार ने इस पूरे मामले में हाईकोर्ट में जिस मजबूती के साथ पैरवी होनी चाहिए थी, वह नहीं हुई. सरकार सोती रही, 48 पेशियों में एजी पेश नहीं हुए. उन्होंने कहा कि इस पर सरकार पूरी निगरानी रखती, तो शायद ब्लास्ट के आरोपी यूं ही बरी नहीं हो जाते. चतुर्वेदी ने सरकार से मांग की है कि वह सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल करे, सारे तथ्य जुटाए और मजबूती से बड़े वकील सरकार की ओर से खड़े करे. चतुर्वेदी ने यहां तक कहा कि जरूरत पड़ी तो बीजेपी आरोपियों को सजा दिलाने और जयपुर की जनता को न्याय दिलाने के लिए पीड़ित परिवारों की ओर से अपने वकील सुप्रीम कोर्ट में उतारेगी.
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हिन्दू आतंकवाद के नाम पर संघ नेताओं को फंसायाः अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि सचिन पायलट और विधायकों के संघर्ष में गहलोत सरकार सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी को बुला सकती है. इन पर लाखों रुपए खर्च कर सकती है, लेकिन जयपुर ब्लास्ट जैसे गंभीर मामले में एडवोकेट जनरल या सीनियर एडवोकेट ने एक दिन भी पैरवी नहीं की. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले को सरकार ने एनआईए को भी हस्तांतरित नहीं किया. इंद्रेश कुमार और संघ नेताओं को हिन्दू आतंकवाद के नाम पर फंसाने की कोशिश की गई.