जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए पेपरलीक एक बड़ा मुद्दा रहा है. इसी मुद्दे को लेकर भाजपा युवाओं को साधने में भी कामयाब रही. अब चुनावी सभाओं में की गई घोषणाओं पर भाजपा सरकार सख्त एक्शन के साथ आगे बढ़ रही है. सीएम भजनलाल के निर्देश के बाद पेपरलीक और संगठित अपराध को लेकर कमेटी और टास्क फोर्स का गठन कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर गृह विभाग ने महानिदेशक पुलिस को अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में कमेटी और टास्क फोर्स के गठन करने के निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री के निर्देश पर डीजीपी उमेश मिश्रा ने आदेश निकाला और पेपर लीक मामलों की जांच के लिए SIT के गठन की जानकारी दी. वहीं, संगठित अपराध रोकने के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स गठित की गई है. ADG वीके सिंह को पेपरलीक मामलों के जांच के गठित SIT की जिम्मेदारी दी गई है. जबकि ADG दिनेश एमएन को एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की जिम्मेदारी दी गई है.
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SIT का गठन: राजस्थान में गत पांच वर्षों में पेपरलीक मामलों की त्वरित जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एक स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) का गठन हो गया है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को पदभार ग्रहण करने के बाद दिए निर्देशों पर गृह विभाग ने महानिदेशक पुलिस को आदेश जारी किए थे. इस टीम के गठन से हर मामलों की गहनता से जांच होगी, जिससे भविष्य में ऐसे मामलों की रोकथाम हो सकेगी.
एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन : प्रदेश में संगठित अपराधों को रोकने और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन किया गया है. ADG दिनेश एमएन को एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की जिम्मेदारी दी गई है. यह प्रदेश में सुदृढ़ कानून-व्यवस्था बनाए रखने और भविष्य में संगठित अपराधों की रोकथाम करने के लिए कार्य करेगी. बता दें कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पहली मीडिया ब्रीफिंग में साफ कहा था कि राजस्थान में पेपरलीक और संगठित अपराध के खिलाफ भाजपा सरकार सख्ती के साथ आगे बढ़ेगी.