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पेपर लीक मामले में आरपीएससी सदस्य का नाम सामने आने पर सियासत, बीजेपी ने की एंटी चीटिंग एक्ट में कार्रवाई की मांग

आरपीएससी पेपर लीक मामले में आरपीएससी सदस्य का नाम सामने आने के बाद बीजेपी ने मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ एंटी चीटिंग एक्ट के तहत तत्काल कार्रवाई की जाए.

BJP demands action in Anti Cheating Act as member of RPSC detained
पेपर लीक मामले में आरपीएससी सदस्य का नाम सामने आने पर सियासत, बीजेपी ने की एंटी चीटिंग एक्ट में कार्रवाई की मांग
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Published : Apr 18, 2023, 6:51 PM IST

जयपुर. प्रदेश में पेपर लीक का मामला एक बार फिर गरमा गया है. मामले की जांच कर रही एसओजी ने सेकंड ग्रेड पेपर लीक मामले में आरपीएससी के सदस्य बाबू लाल कटारा सहित दो अन्य को हिरासत में लिया गया है. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी लगातार कहती रही है कि पेपर लीक मामले में सिस्टम से जुड़े हुए लोग शामिल हैं, लेकिन सरकार हमारी बात पर ध्यान नहीं दे रही थी. अब एसओजी ने आरपीएससी के सदस्य को हिरासत में लिया है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि आरोपियों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से एंटी चीटिंग एक्ट 2022 के तहत सख्त कार्रवाई की जाए.

परीक्षा तंत्र पर सवालः नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा और दो अन्य आरोपियों का नाम सामने आने के साथ ही पूरे परीक्षा तंत्र पर सवाल खड़े हो गए हैं. यह सबसे बड़ा दुर्भाग्य होगा कि गहलोत राज्य में प्रदेश में परीक्षा आयोजित कराने वाली RPSC जैसी संवैधानिक संस्था भी अब संदेह के घेरे में है. पेपर लीक प्रकरण में शुरुआत से ही राजस्थान लोक सेवा आयोग की निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर लगातार सवाल उठते रहे थे. बीजेपी पहले भी कहती रही है कि पेपर लीक प्रकरण में सिस्टम से जुड़े लोगों संलिप्त हैं. सरकार को इस पर निष्पक्षता के साथ जांच करनी चाहिए, लेकिन उस वक्त सरकार ने हमारी बात को राजनीतिक दुर्भावना के साथ खारिज कर दिया. अब पूरा प्रकरण सबके सामने है.

पढ़ेंः RPSC Paper Leak Case : SOG ने आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा समेत भांजे व ड्राइवर को भी पकड़ा

पूर्व में हुई परीक्षा भी संदेह मेंः राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था अगर पेपर लीक में संलिप्त है, तो परीक्षाओं की पवित्रता भंग हुई है. परिवार वालों की गाढ़ी कमाई से मेहनत करने वाले युवा बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है. लाखों बच्चे हर साल मेहनत करते हैं, लेकिन इस तरह से आपसी मिलीभगत से उन युवाओं के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है. राठौड़ ने कहा कि आरपीएससी की ओर से कराई गई पूर्व की भर्तियां भी अब संदेह के घेरे में है. सवाल उठता है कि क्या पूर्व में जो परीक्षाएं कराई गई थीं, उनमें भी आरपीएससी की संलिप्तता थी और किन के इशारे पर यह पेपर लीक हुआ है? इसकी भी जांच होनी चाहिए.

जयपुर. प्रदेश में पेपर लीक का मामला एक बार फिर गरमा गया है. मामले की जांच कर रही एसओजी ने सेकंड ग्रेड पेपर लीक मामले में आरपीएससी के सदस्य बाबू लाल कटारा सहित दो अन्य को हिरासत में लिया गया है. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी लगातार कहती रही है कि पेपर लीक मामले में सिस्टम से जुड़े हुए लोग शामिल हैं, लेकिन सरकार हमारी बात पर ध्यान नहीं दे रही थी. अब एसओजी ने आरपीएससी के सदस्य को हिरासत में लिया है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि आरोपियों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से एंटी चीटिंग एक्ट 2022 के तहत सख्त कार्रवाई की जाए.

परीक्षा तंत्र पर सवालः नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा और दो अन्य आरोपियों का नाम सामने आने के साथ ही पूरे परीक्षा तंत्र पर सवाल खड़े हो गए हैं. यह सबसे बड़ा दुर्भाग्य होगा कि गहलोत राज्य में प्रदेश में परीक्षा आयोजित कराने वाली RPSC जैसी संवैधानिक संस्था भी अब संदेह के घेरे में है. पेपर लीक प्रकरण में शुरुआत से ही राजस्थान लोक सेवा आयोग की निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर लगातार सवाल उठते रहे थे. बीजेपी पहले भी कहती रही है कि पेपर लीक प्रकरण में सिस्टम से जुड़े लोगों संलिप्त हैं. सरकार को इस पर निष्पक्षता के साथ जांच करनी चाहिए, लेकिन उस वक्त सरकार ने हमारी बात को राजनीतिक दुर्भावना के साथ खारिज कर दिया. अब पूरा प्रकरण सबके सामने है.

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पूर्व में हुई परीक्षा भी संदेह मेंः राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था अगर पेपर लीक में संलिप्त है, तो परीक्षाओं की पवित्रता भंग हुई है. परिवार वालों की गाढ़ी कमाई से मेहनत करने वाले युवा बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है. लाखों बच्चे हर साल मेहनत करते हैं, लेकिन इस तरह से आपसी मिलीभगत से उन युवाओं के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है. राठौड़ ने कहा कि आरपीएससी की ओर से कराई गई पूर्व की भर्तियां भी अब संदेह के घेरे में है. सवाल उठता है कि क्या पूर्व में जो परीक्षाएं कराई गई थीं, उनमें भी आरपीएससी की संलिप्तता थी और किन के इशारे पर यह पेपर लीक हुआ है? इसकी भी जांच होनी चाहिए.

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