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प्रशासनिक सुधार विभाग का शिक्षा संकुल में औचक निरीक्षण, 740 में से 355 अधिकारी और कर्मचारी रहे अनुपस्थित - Surprise inspection of administrative reforms department

प्रशासनिक सुधार विभाग की टीम ने बुधवार को शिक्षा संकुल कार्यालय में लेट लतीफ दफ्तर पहुंचने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों का औचक निरीक्षण. इस दौरान उन्हें 740 में से 355 कर्मचारी और अधिकारी अनुपस्थित मिले. जिनमें 260 राजपत्रित में से 109 और 480 अराजपत्रित में से 246 की अनुपस्थिति दर्ज हुई.

प्रशासनिक सुधार विभाग, Administrative Reforms Department
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Published : Oct 30, 2019, 5:14 PM IST

जयपुर. प्रशासनिक सुधार विभाग की टीम ने बुधवार को शिक्षा संकुल कार्यालय में लेट लतीफ दफ्तर पहुंचने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों का औचक निरीक्षण. इस दौरान आधे कार्मिक नदारद मिले. प्रशासनिक सुधार विभाग के एसीएस आर. वेंकटश्वरन के निर्देश पर विभाग की 22 सदस्यीय टीम ने उपसचिव डी. के. स्वामी और सहायक शासन सचिव अनिल चतुर्वेदी के नेतृत्व में शिक्षा संकुल स्थित कार्यालयों का सुबह 09:40 पर औचक निरीक्षण कर उपस्थिति रजिस्टर जब्त कर जांच की तो आधे कर्मचारी और अधिकारी गैरहाजिर मिले.

प्रशासनिक सुधार विभाग का शिक्षा संकुल में औचक निरीक्षण

प्रशासनिक सुधार विभाग के सहायक शासन सचिव अनिल चतुर्वेदी ने बताया कि विभाग के उच्च अधिकारियों से मिले निर्देश के बाद 22 सदस्यीय दल ने शिक्षा संकुल में औचक निरीक्षण किया. इस दौरान 740 में से 355 कर्मचारी और अधिकारी अनुपस्थित मिले. जिनमें 260 राजपत्रित में से 109 और 480 अराजपत्रित में से 246 की अनुपस्थिति दर्ज हुई.

पढ़ें: अजमेर दरगाह में पाकिस्तानी जायरीनों से नहीं लिया जाता पैसा, करतारपुर साहिब के लिए चार्ज वसूलना गलत: अमीन पठान

वहीं, औसत देखा जाए तो 14.92 फीसदी राजपत्रित और 51.25 अराजपत्रित कर्मचारी और अधिकारी उनुपस्थित रहे. बता दें कि प्रशासनिक सुधार विभाग ने अक्टूबर के पहले सप्ताह से औचक निरीक्षण अभियान शुरू किया था. जिसमें सबसे पहले यह अभियान सचिवालय में शुरू हुआ था. जहां पर 70 फीसदी से अधिक कर्मचारी और अधिकारी अनुपस्थित मिले थे. इसके बाद प्रशासनिक सुधार विभाग ने सचिवालय से बाहर अन्य विभागों पर भी औचक निरीक्षण अभियान चलाया. जहां कर्मचारियों और अधिकारियों की अनुपस्थिति का औसत ज्यादा रहा.

बता दें कि मुख्य सचिव डी. बी. गुप्ता ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिए थे कि वह जिला स्तर पर एक मॉनिटरिंग टीम बनाए जो देरी से दफ्तर आने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों पर नजर रखे. फिलहाल, प्रशासनिक सुधार विभाग की तरफ से औचक निरीक्षण अभियान जारी है. वहीं, जिस तरह से अधिकारियों और कर्मचारियों के नदारद रहने का औसत सामने आ रहा है वो चिंताजनक है.

जयपुर. प्रशासनिक सुधार विभाग की टीम ने बुधवार को शिक्षा संकुल कार्यालय में लेट लतीफ दफ्तर पहुंचने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों का औचक निरीक्षण. इस दौरान आधे कार्मिक नदारद मिले. प्रशासनिक सुधार विभाग के एसीएस आर. वेंकटश्वरन के निर्देश पर विभाग की 22 सदस्यीय टीम ने उपसचिव डी. के. स्वामी और सहायक शासन सचिव अनिल चतुर्वेदी के नेतृत्व में शिक्षा संकुल स्थित कार्यालयों का सुबह 09:40 पर औचक निरीक्षण कर उपस्थिति रजिस्टर जब्त कर जांच की तो आधे कर्मचारी और अधिकारी गैरहाजिर मिले.

प्रशासनिक सुधार विभाग का शिक्षा संकुल में औचक निरीक्षण

प्रशासनिक सुधार विभाग के सहायक शासन सचिव अनिल चतुर्वेदी ने बताया कि विभाग के उच्च अधिकारियों से मिले निर्देश के बाद 22 सदस्यीय दल ने शिक्षा संकुल में औचक निरीक्षण किया. इस दौरान 740 में से 355 कर्मचारी और अधिकारी अनुपस्थित मिले. जिनमें 260 राजपत्रित में से 109 और 480 अराजपत्रित में से 246 की अनुपस्थिति दर्ज हुई.

पढ़ें: अजमेर दरगाह में पाकिस्तानी जायरीनों से नहीं लिया जाता पैसा, करतारपुर साहिब के लिए चार्ज वसूलना गलत: अमीन पठान

वहीं, औसत देखा जाए तो 14.92 फीसदी राजपत्रित और 51.25 अराजपत्रित कर्मचारी और अधिकारी उनुपस्थित रहे. बता दें कि प्रशासनिक सुधार विभाग ने अक्टूबर के पहले सप्ताह से औचक निरीक्षण अभियान शुरू किया था. जिसमें सबसे पहले यह अभियान सचिवालय में शुरू हुआ था. जहां पर 70 फीसदी से अधिक कर्मचारी और अधिकारी अनुपस्थित मिले थे. इसके बाद प्रशासनिक सुधार विभाग ने सचिवालय से बाहर अन्य विभागों पर भी औचक निरीक्षण अभियान चलाया. जहां कर्मचारियों और अधिकारियों की अनुपस्थिति का औसत ज्यादा रहा.

बता दें कि मुख्य सचिव डी. बी. गुप्ता ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिए थे कि वह जिला स्तर पर एक मॉनिटरिंग टीम बनाए जो देरी से दफ्तर आने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों पर नजर रखे. फिलहाल, प्रशासनिक सुधार विभाग की तरफ से औचक निरीक्षण अभियान जारी है. वहीं, जिस तरह से अधिकारियों और कर्मचारियों के नदारद रहने का औसत सामने आ रहा है वो चिंताजनक है.

Intro:जयपुर 
प्रशासनिक सुधार विभाग का शिक्षा संकुल में औचक निरीक्षण , 740 में से 355 कर्मचारियों और अधिकारियों अनुपस्थिति ,

एंकर:- लेटलतीफी से दफ्तर पहुंचने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों पर प्रशासनिक विभाग की करवाई जारी , लेकिन कर्मचारी और अधिकारी है कि सुधरने का नाम नही ले रहे , यही वजह है कि एआरडी की टीम की तरफ से आज शिक्षा संकुल में औचक निरीक्षण किया तो वहां आधे से ज्यादा कार्मिक अनुपस्थित मिले ,

VO:- प्रशानिक सुधार विभाग की टीम ने शिक्षा संकुल कार्यालय में लेट लतीफ दफ्तर पहुंचने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों का औचक निरीक्षण किया तो आधे कार्मिक नदारद मिले , प्रसानिक सुधार विभाग के एसीएस आर.वेंकटश्वरन के निर्देश पर विभाग की 22 सदस्सीय टीम ने उप सचिव डी.के.स्वामी और सहायक शासन सचिव अनिल चतुर्वेदी के नेतृत्व में शिक्षा संकुल स्थित कार्यालयों का प्रातः 09.40 बजे औचक निरीक्षण कर उपस्थित रजिस्टर जब्त कर जांच की तो आधे कर्मचारी और अधिकार गैरहाजिर मीले , प्रशानिक सुधार विभाग के सहायक शासन सचिव अनिल चतुर्वेदी
ने बताया कि विभाग के उच्च अधिकारियों से मिले निर्देश के बाद 22 सदस्य दल ने शिक्षा संकुल में औचक निरीक्षण किया तो 740 में से 355 कर्मचारी और अधिकारियों अनुवस्थित मिले , जिनमे 260 राजपत्रित में से 109 और 480 अराजपत्रित में से 246 की अनुपस्थिति दर्ज की औसत देखा जाए तो प्रतिशत 41.92 राजपत्रित और 51.25 अराजपत्रित का रहा , हम आप को बता दे कि प्रशासनिक सुधार विभाग ने अक्टूबर के पहले सप्ताह से औचक निरीक्षण अभियान शुरू किया था सबसे पहले यह अभियान सचिवालय में शुरू हुआ था , जहां पर 70 फीसदी से अधिक कर्मचारी व अधिकारी अनुपस्थित मिले थे इसके बाद प्रशासनिक सुधार विभाग ने सचिवालय से बाहर अन्य विभागों पर भी औचक निरीक्षण अभियान चलाया जहां पर भी कर्मचारियों और अधिकारियों की अनुपस्थिति का औसत बहुत ज्यादा था, इतने नहीं मुख्य सचिव डी बी गुप्ता ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिए थे कि वह जिला स्तर पर एक मॉनिटरिंग टीम बनाए जो लेट लतीफ दफ्तर आने वाले कर्मचारी अधिकारियों पर नजर रखें , बहराल प्रशासनिक सुधार विभाग की तरफ से औचक निरीक्षण अभियान जारी है लेकिन जिस तरीके से अधिकारियों और कर्मचारियों की अनुपस्थिति का औसत सामने आ रहा है वह चिंताजनक है और यह दर्शाता है कि किस तरीके से सरकारी कर्मचारी अधिकारी अपने काम को लेकर गंभीर है , ऐसे में बड़ा सवाल है कि अगर कर्मचारी अधिकारी जब समय पर नहीं पहुंचेंगे तो दूर दराज से आने वाले आम व्यक्ति कि कामकाज कैसे पूरे होंगे , कैसे प्रदेश की सरकार वो वायदा पूरा होगा जिसमें उन्होंने अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को सरकार की जन कल्याणकारी योजना का लाभ देने की बात कही है ।Body:VoConclusion:Vi
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