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Jaipur Airport: फर्जी टिकट और कैंसिल फ्लाइट के यात्री जयपुर एयरपोर्ट में नहीं कर सकेंगे प्रवेश, लगाया ये डिवाइस - फर्जी टिकट धारक

जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के डिपार्चर गेट पर 2डी बार कोड रीडर लगाए गए हैं. इससे अब फर्जी टिकट की पहचान हो सकेगी. साथ ही रद्द हो चुकी फ्लाइट के यात्रियों को भी एयरपोर्ट में प्रवेश नहीं मिलेगा.

2D barcode reader installed at Jaipur Airport
फर्जी टिकट और कैंसिल फ्लाइट के यात्री जयपुर एयरपोर्ट में नहीं कर सकेंगे प्रवेश, लगाया ये डिवाइस
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Published : Feb 28, 2023, 9:56 PM IST

जयपुर. फर्जी टिकट और रद्द हो चुकी फ्लाइट के यात्री अब जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अंदर प्रवेश नहीं कर सकेंगे. इसके लिए एयरपोर्ट प्रशासन ने नई पहल की शुरुआत की है. जयपुर एयरपोर्ट के डिपार्चर गेट पर 2 डी बार कोड रीडर लगाए गए हैं. इससे पीक ऑवर्स में एयरपोर्ट डिपार्चर गेट पर यात्रियों की कतारें कम होंगी.

एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक जयपुर एयरपोर्ट के डिपार्चर गेट पर 2 डी बार कोड रीडर लगाए गए हैं. इस पहल से यात्रियों को सुविधाजनक तरीके से एयरपोर्ट बिल्डिंग में प्रवेश मिल सकेगा. सीआईएसएफ के सुरक्षा जवान अब टिकट या बोर्डिंग पास को मैनुअली पढ़ने के बजाय बार कोड से स्कैन कर सकेंगे. एयर टिकट या बोर्डिंग पास को यात्री हार्ड कॉपी या फिर मोबाइल में दिखाकर एयरपोर्ट के अंदर प्रवेश कर सकेंगे. इससे एयरपोर्ट के डिपार्चर गेट पर पीक ऑवर्स और छुट्टियों के दौरान लगने वाली लंबी कतारों से राहत मिल सकेगी.

पढ़ें: RPF ने कार्रवाई करते हुए फर्जी यूजर आईडी से टिकट बनाने के कारोबार का किया भंडाफोड़

इससे प्रत्येक यात्री के टिकट जांचने में लगने वाले 20 से 25 सेकंड के समय की भी बचत होगी. अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर गेट संख्या 1 पर एक तरफ 2 डी बार कोड रीडर लगाया जा चुका है. जल्द ही 3 अन्य बचे हुए काउंटर्स पर भी इसे लगाया जाएगा. खास बात यह है कि बार कोड रीडर लगाए जाने से फर्जी टिकट धारक एयरपोर्ट के अंदर प्रवेश नहीं कर सकेंगे. इससे एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था में मदद मिलेगी. साथ ही जिन यात्रियों की फ्लाइट रद्द हो चुकी होगी, उन्हें भी एयरपोर्ट बिल्डिंग के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

पढ़ें: 1500 फर्जी रेलवे और 50 हवाई टिकट बेचने का आरोपी चढ़ा GRP के हत्थे...किए कई चौंकाने वाले खुलासे

एयरपोर्ट पहुंचने से पहले वेब चैक इन कर चुके यात्रियों को इस दौरान तुरंत प्रवेश मिल सकेगा. यात्रियों के बोर्डिंग पास हार्ड कॉपी या डिजिटल फॉर्म में स्कैन किए जा सकेंगे. हालांकि यात्रियों को आधार कार्ड या अन्य आईडी पूर्ववत डिपार्चर गेट पर दिखानी होगी. एयरपोर्ट प्रशासन यात्रियों के सुविधाजनक आवागमन के लिए लगातार अत्याधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है. इससे पहले टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर 3 ई-बोर्डिंग गेट भी लगाए जा चुके हैं. इससे सिक्योरिटी होल्ड एरिया में सुरक्षा जांच के दौरान लगने वाले समय में कमी आई है.

जयपुर. फर्जी टिकट और रद्द हो चुकी फ्लाइट के यात्री अब जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अंदर प्रवेश नहीं कर सकेंगे. इसके लिए एयरपोर्ट प्रशासन ने नई पहल की शुरुआत की है. जयपुर एयरपोर्ट के डिपार्चर गेट पर 2 डी बार कोड रीडर लगाए गए हैं. इससे पीक ऑवर्स में एयरपोर्ट डिपार्चर गेट पर यात्रियों की कतारें कम होंगी.

एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक जयपुर एयरपोर्ट के डिपार्चर गेट पर 2 डी बार कोड रीडर लगाए गए हैं. इस पहल से यात्रियों को सुविधाजनक तरीके से एयरपोर्ट बिल्डिंग में प्रवेश मिल सकेगा. सीआईएसएफ के सुरक्षा जवान अब टिकट या बोर्डिंग पास को मैनुअली पढ़ने के बजाय बार कोड से स्कैन कर सकेंगे. एयर टिकट या बोर्डिंग पास को यात्री हार्ड कॉपी या फिर मोबाइल में दिखाकर एयरपोर्ट के अंदर प्रवेश कर सकेंगे. इससे एयरपोर्ट के डिपार्चर गेट पर पीक ऑवर्स और छुट्टियों के दौरान लगने वाली लंबी कतारों से राहत मिल सकेगी.

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इससे प्रत्येक यात्री के टिकट जांचने में लगने वाले 20 से 25 सेकंड के समय की भी बचत होगी. अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर गेट संख्या 1 पर एक तरफ 2 डी बार कोड रीडर लगाया जा चुका है. जल्द ही 3 अन्य बचे हुए काउंटर्स पर भी इसे लगाया जाएगा. खास बात यह है कि बार कोड रीडर लगाए जाने से फर्जी टिकट धारक एयरपोर्ट के अंदर प्रवेश नहीं कर सकेंगे. इससे एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था में मदद मिलेगी. साथ ही जिन यात्रियों की फ्लाइट रद्द हो चुकी होगी, उन्हें भी एयरपोर्ट बिल्डिंग के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

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एयरपोर्ट पहुंचने से पहले वेब चैक इन कर चुके यात्रियों को इस दौरान तुरंत प्रवेश मिल सकेगा. यात्रियों के बोर्डिंग पास हार्ड कॉपी या डिजिटल फॉर्म में स्कैन किए जा सकेंगे. हालांकि यात्रियों को आधार कार्ड या अन्य आईडी पूर्ववत डिपार्चर गेट पर दिखानी होगी. एयरपोर्ट प्रशासन यात्रियों के सुविधाजनक आवागमन के लिए लगातार अत्याधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है. इससे पहले टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर 3 ई-बोर्डिंग गेट भी लगाए जा चुके हैं. इससे सिक्योरिटी होल्ड एरिया में सुरक्षा जांच के दौरान लगने वाले समय में कमी आई है.

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