हनुमानगढ़. टीवी और फिल्मी दुनिया के आकर्षण ने छोटे से गांव के नाबालिग बच्चों को घर परिवार से दूर मायावी नगरी में पहुंचा दिया. लेकिन लॉकडाउन ने बच्चों को ना घर का छोड़ा और ना बाहर का. यह मामला वैश्विक महामारी कारोना के देश मे आने से कुछ समय पहले का है.
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हनुमानगढ़ जिले के शेरगढ़ गांव से दो नाबालिग भाई-बहन टीवी में सीरियल और फिल्मों की चकाचौंध से प्रभावित होकर मुंबई के लिए निकल गए. इसी दौरान देश में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया. इस दौरान बच्चों के सामने रहने और खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया और दोनों बच्चे इधर-उधर भटकने को मजबूर हो गए.
हालांकि, कुछ दिनों बाद दोनों बच्चे एक एनजीओ को मिल गए और एनजीओ सदस्यों ने दोनोें को एक शेल्टर होम में रखवा दिया. शेल्टर होम में दोनों बच्चों के लिए रहने, खाने-पीने और पढ़ाई की व्यवस्थान की गई. अब दोनों बच्चे घर आ गए हैं. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ने बताया कि सबके प्रयासों से बच्चों की घर वापसी हुई है.
जानकारी के अनुसार दोनों भाई-बहन के चले जाने के बाद परिजनों ने बाल कल्याण समिति, हनुमानगढ़ से उनकी तलाश करने की गुहार लगाई थी. इसके बाद बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने विभिन्न समितियों और सोशल मीडिया के जरिए बच्चों की जानकारी प्राप्त की. इन सबके बाद करीब डेढ़ साल बाद महाराष्ट्र पुलिस दोनों बच्चों को लेकर हनुमानगढ़ बाल कल्याण समिति कार्यालय पहुंची. इसके बाद समिति ने दोनों बच्चों को परिजनों को सुपुर्द कर दिया.