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डूंगरपुर : शहर को पॉलीथिन मुक्त और स्वच्छ बनाने की कवायद, 70 महिलाएं बना रहीं पुराने कपड़ों की थैलियां

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Published : Mar 8, 2020, 11:13 PM IST

डूंगरपुर नगर परिषद ने स्वच्छता को लेकर शहर को पॉलिथीन मुक्त करने के लिए महिलाएं काम कर रहीं हैं. यहां महिलाएं पुराने कपड़ों से थैले बना रहीं हैं. जिसके बाद महिलाएं ये थैले व्यापारियों को मामूली मुनाफा लेकर बेच रहीं हैं.

Sewing center, डूंगरपुर की खबर
महिलाएं बना रहीं पुराने कपड़ों की थैलियां

डूंगरपुर. प्रदेश की डूंगरपुर नगर परिषद ने स्वच्छता को लेकर पूरे देश में अपना डंका बजाया है. खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी डूंगरपुर नगर परिषद की स्वच्छता की तारीफ कर चुके है. इसी कड़ी में अब डूंगरपुर नगर परिषद स्वच्छ शहर की दिशा में शहर को पॉलिथीन मुक्त करने की ओर अग्रसर है तो वहीं डूंगरपुर नगर परिषद ने शहर में सिलाई सेंटर स्थापित कर महिलाओं को स्वरोजगार से भी जोड़ा है. वही इस सिलाई सेंटर के माध्यम से महिलाए कपडे की थैलियां बनाकर उन्हें बाज़ार में बेचते हुए शहर को पोलीथिन मुक्त करने में नगरपरिषद का कंधे से कंधे मिलाकर सहयोग कर रही है.

महिलाएं बना रहीं पुराने कपड़ों की थैलियां

प्रदेश की डूंगरपुर नगर परिषद जो स्वच्छता और नवाचारों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहती है. इन्ही नवाचारों के बीच नगरपरिषद अब शहर को पॉलिथीन मुक्त शहर करने में लगी है. सिलाई मशीनों पर बैठी ये महिलाएं पहनने के कपड़े नहीं बल्कि कपड़े की थैलियां बना रहीं हैं. महिलाएं बेकार के कपड़ों का इस्तेमाल करते हुए कपड़े की थैलियां बना रहीं हैं.

जी हां शहर की 70 महिलाएं रोजाना करीब 2 हजार कपड़ों की थैलियां बनाकर शहर के व्यापारियों को मामूली मुनाफा लेकर बेच रही है. वे ऐसा इसलिए कर रहीं हैं ताकि उनका शहर स्वच्छ और सुन्दर होने के साथ प्लास्टिक मुक्त भी बने. इन महिलाओं की मदद के लिए नगर परिषद ने उन्नति सिलाई सेंटर खोला है. वहीं उन्हें आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है.

नगर परिषद की ओर से शहर की शास्त्री कॉलोनी में संचालित उन्नति सिलाई सेंटर पर 70 सिलाई की मशीने लगाई गई है. इस सेंटर पर अलग-अलग समय पर अपनी सुविधा के अनुसार महिलाएं आती हैं और कपड़े की थैलियों का निर्माण करती हैं. थैलियों के निर्माण के बाद ये महिलाएं उन थैलियों को शहर के अलग-अलग व्यापारियों को बेचती हैं.

पढ़ें- डूंगरपुर: दो अलग-अलग सड़क हादसों में 2 की मौत, 4 घायल

अब तो स्थिति ऐसी है कि व्यापारी यहीं से थैलियां खरीदते हैं. नगर परिषद की इस पहल से जहां महिलाएं स्वरोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर हुई है तो वहीं नगरपरिषद और महिलाओं की पहल शहर को पॉलिथीन मुक्त करने में भी अहम भूमिका निभा रहीं हैं. बात स्वच्छता की हो या बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने की या बेरोजगारों को निशुल्क कोचिंग की डूंगरपुर नगरपरिषद ने कई ऐसे नवाचार किये है जिनकी आज हर तरफ चर्चा है. वहीं, अब नगर परिषद ने महिलाओं के साथ लेकर शहर को पॉलिथीन मुक्त करने का सपना देखा है और जिसके लिए नगर परिषद पूरा प्रयास भी कर रही है.

डूंगरपुर. प्रदेश की डूंगरपुर नगर परिषद ने स्वच्छता को लेकर पूरे देश में अपना डंका बजाया है. खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी डूंगरपुर नगर परिषद की स्वच्छता की तारीफ कर चुके है. इसी कड़ी में अब डूंगरपुर नगर परिषद स्वच्छ शहर की दिशा में शहर को पॉलिथीन मुक्त करने की ओर अग्रसर है तो वहीं डूंगरपुर नगर परिषद ने शहर में सिलाई सेंटर स्थापित कर महिलाओं को स्वरोजगार से भी जोड़ा है. वही इस सिलाई सेंटर के माध्यम से महिलाए कपडे की थैलियां बनाकर उन्हें बाज़ार में बेचते हुए शहर को पोलीथिन मुक्त करने में नगरपरिषद का कंधे से कंधे मिलाकर सहयोग कर रही है.

महिलाएं बना रहीं पुराने कपड़ों की थैलियां

प्रदेश की डूंगरपुर नगर परिषद जो स्वच्छता और नवाचारों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहती है. इन्ही नवाचारों के बीच नगरपरिषद अब शहर को पॉलिथीन मुक्त शहर करने में लगी है. सिलाई मशीनों पर बैठी ये महिलाएं पहनने के कपड़े नहीं बल्कि कपड़े की थैलियां बना रहीं हैं. महिलाएं बेकार के कपड़ों का इस्तेमाल करते हुए कपड़े की थैलियां बना रहीं हैं.

जी हां शहर की 70 महिलाएं रोजाना करीब 2 हजार कपड़ों की थैलियां बनाकर शहर के व्यापारियों को मामूली मुनाफा लेकर बेच रही है. वे ऐसा इसलिए कर रहीं हैं ताकि उनका शहर स्वच्छ और सुन्दर होने के साथ प्लास्टिक मुक्त भी बने. इन महिलाओं की मदद के लिए नगर परिषद ने उन्नति सिलाई सेंटर खोला है. वहीं उन्हें आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है.

नगर परिषद की ओर से शहर की शास्त्री कॉलोनी में संचालित उन्नति सिलाई सेंटर पर 70 सिलाई की मशीने लगाई गई है. इस सेंटर पर अलग-अलग समय पर अपनी सुविधा के अनुसार महिलाएं आती हैं और कपड़े की थैलियों का निर्माण करती हैं. थैलियों के निर्माण के बाद ये महिलाएं उन थैलियों को शहर के अलग-अलग व्यापारियों को बेचती हैं.

पढ़ें- डूंगरपुर: दो अलग-अलग सड़क हादसों में 2 की मौत, 4 घायल

अब तो स्थिति ऐसी है कि व्यापारी यहीं से थैलियां खरीदते हैं. नगर परिषद की इस पहल से जहां महिलाएं स्वरोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर हुई है तो वहीं नगरपरिषद और महिलाओं की पहल शहर को पॉलिथीन मुक्त करने में भी अहम भूमिका निभा रहीं हैं. बात स्वच्छता की हो या बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने की या बेरोजगारों को निशुल्क कोचिंग की डूंगरपुर नगरपरिषद ने कई ऐसे नवाचार किये है जिनकी आज हर तरफ चर्चा है. वहीं, अब नगर परिषद ने महिलाओं के साथ लेकर शहर को पॉलिथीन मुक्त करने का सपना देखा है और जिसके लिए नगर परिषद पूरा प्रयास भी कर रही है.

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