डूंगरपुर. जिले के विशिष्ट न्यायालय पॉक्सो कोर्ट ने एक नाबालिग का अपहरण कर बेचने और दुष्कर्म के मामले में एक महिला सहित दो दोषियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. वही दोनों दोषियों पर 25-25 हजार का जुर्माना भी लगाया है. लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के पीठासीन अधिकारी एमआर सुथार ने मामले में सुनवाई पूरी करते हुए यह फैसला सुनाया है.
विशिष्ठ लोक अभियोजक योगेश जोशी ने बताया कि मामले में आरोपी दिनेश और ललिता को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत दोषी करार देते हुए उसे 10-10 साल के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही न्यायालय ने दोनों आरोपियों पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर दिलाने की अनुशंसा की है.
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बता दें कि मामला 15 मई 2018 में सदर थाना क्षेत्र का है, जहां पर मझोला निवासी ललिता नाबालिग को मजदूरी के बहाने गुजरात ले गई थी. वहां पर ललिता ने नाबालिग को भरतपुर निवासी दिनेश को बेचा दिया था. इसके बाद दिनेश नाबालिग को लेकर भरतपुर ले गया था, जहां पर उसने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया था. मामले में पीड़िता के पिता ने सदर थाने में मामला दर्ज करवाया था और पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में चालान पेश किया था. इस मामले में पॉक्सो कोर्ट ने अंतिम सुनवाई करते हुए दोनों दोषियों को सजा सुनाई है.