डूंगरपुर. आदिवासी बहुल इस क्षेत्र में अब श्रमिकों की रुचि मनरेगा में नहीं रही है. श्रमिकों द्वारा किया गया कार्य निर्धारित वेज रेट तक भी नहीं पहुँच पा रहा है. विभाग की ओर से निर्धारित 199 वेज के मुकाबले डूंगरपुर जिले में 138 रुपए औसत वेज रेट सामने आ रही है.
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ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से शुरू की गई मनरेगा योजना में लोगों को रोजगार तो मिला. लेकिन अब जिले में श्रमिकों का मनरेगा योजना से मोह भंग हो रहा है. मनरेगा कार्य स्थल पर मिलने वाली औसत मजदूरी के मुकाबले गुजरात में अधिक राशी मिलने पर लोग अब नरेगा को छोड़कर गुजरात की ओर रुख कर रहे है. वही जो श्रमिक नरेगा में कार्य कर रहे है, वे भी कार्य में अब अपनी रूचि नहीं दिखा रहे है.
कार्यस्थल पर श्रमिकों की ओर से कार्य में कोताही बरती जा रही है. यही कारण है कि सरकार की ओर से निर्धारित वेज से रेट से कम राशि मिल रही है. जुलाई तक की रिपोर्ट बताती है कि डूंगरपुर जिले के 10 पंचायत समितियों में से 4 पंचायत समितियों में 138 के करीब वेज रेट श्रमिकों को मिल रही है.
ब्लॅाकवार वेज रेट की स्थिति कुछ इस प्रकार है-
चिखली -145, दोवडा -136, सीमलवाडा- 142, गलियाकोट -170, झोथरी -134, साबला -149, आसपुर -151, डूंगरपुर -171, बिछीवाडा -135, सागवाडा -125
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निर्धारित वेज रेट से कम रेट मिलने के मामले में जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा ने बातचीत के दौरान कहा कि यह बात सही है कि जिले में श्रमिकों को उचित वेज रेट नहीं मिल पा रहा है. साथ ही उन्होंने बताया की इसके लिए जिला प्रशासन ने एक कार्य योजना बनाई है. जिसके तहत मेटो व तकनीकी अधिकारियों की टीम बनाई गई है. जो मनरेगा कार्यस्थल पर जाकर श्रमिको को समूहों में काम देकर उन्हें करेंगें.