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3 बार लोकसभा चुनाव लड़े, तीनो बार जीते...36 कौम का समर्थन इसलिए टिकट की मजबूत दावेदारी : भगोरा

डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर अभी तक दोनों पार्टियों ने पत्ते नहीं खोले हैं. यहां कांग्रेस में चली आ रही एक बार डूंगरपुर और एक बार बांसवाड़ा की परंपरा के तहत इस बार टिकट डूंगरपुर से तय होगा.

फाइल फोटोः ताराचंद भगोरा
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Published : Mar 26, 2019, 12:34 PM IST

डूंगरपुर. लोकसभा चुनावों को लेकर राजस्थान में भाजपा ने 16 सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं लेकिन 9 सीटों पर अभी बाकी है. वहीं कांग्रेस ने अभी तक एक भी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है ऐसे में प्रमुख दावेदार लगातार आलकमान से टिकट पाने की जुगत में लगे हैं.

डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर अभी तक दोनों पार्टियों ने पत्ते नहीं खोले हैं. यहां कांग्रेस में चली आ रही एक बार डूंगरपुर और एक बार बांसवाड़ा की परंपरा के तहत इस बार टिकट डूंगरपुर से तय होगा. ऐसे में 10 साल बाद आ रही बारी के कारण कई कांग्रेस के नेता दावेदारों की कतार में खड़े हैं. इसमें सबसे प्रमुख दावेदारी कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव और पूर्व सांसद ताराचन्द भगोरा की है.

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भगोरा ने टिकट के लिए राष्ट्रीय कोर कमेटी के सामने भी अपनी दावेदारी पेश की है, जिसमे भगोरा बारी-बारी की परंपरा के तहत 3 बार डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे और तीनो ही बार भारी मतों से जीते. भगोरा यहां से एक बार विधायक और एक बार डूंगरपुर जिला प्रमुख भी रहे हैं. भगोरा का कहना है की उन्हें 36 कौम का समर्थन है. एसटी/एससी/ओबीसी और सामान्य सभी वर्गों के अधिकारों के लिए उन्होंने काम किया है.

भगोरा ने बीटीपी पर निशाना साधते हुए इसे भाजपा की बी-टीम करार दिया और कहा कि बीटीपी ने जिले में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का काम किया है. आदिवासी युवाओं को पहले समाज की एक जाजम पर लेकर आए फिर पार्टी बनाकर अपने स्वार्थ सिद्ध कर कर रहे हैं. भगोरा ने कहा कि युवाओ को भ्रमित कर बीटीपी ने विधानसभा चुनावों में तो वोट ले लिए लेकिन अब युवाओं को उनकी चाल समझ में आ गई है इसलिए वह गुमराह होने वाला नहीं है.

भगोरा ने डूंगरपुर-बांसवाड़ा जिले के प्रमुख मुद्दों पर बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि वागड़ क्षेत्र के दोनों जिलो के विकास के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार ने डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी लेकिन केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद वागड़ की आस रेल लाइन को रोकने का काम किया जिसे एक बार फिर रफ्तार मिलेगी. इसके अलावा रतलाम, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, स्वरूपगंज नेशनल हाइवे का काम भी बंद कर दिया इन प्रोजेक्ट को एक बार फिर शुरू कर वागड़ के विकास के काम करवाये जाएंगे. भगोरा ने डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज को भी कांग्रेस की देन ही बताया है और कहा कि वागड़ के इन्ही विकास के मुद्दों को लेकर वे जनता के बीच जाएंगे.

वहीं भगोरा के अलावा कांग्रेस से ही चिखली प्रधान महेंद्र बरजोडका नाम भी उम्मीदवारी के लिए चर्चा में है. उनके साथ कांग्रेस के ही कई बड़े नेता और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मंत्री महेन्द्रजीतसिंह मालवीय, डूंगरपुर कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश खोडनिया, बांसवाड़ा जिलाध्यक्ष है जो इस बार बरजोड के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है. हालांकि कांग्रेस की ओर से अभी तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई है लेकिन देखना होगा कि टिकट लाने के लिए किसका पलड़ा भारी रहेगा और कौन डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस को जीत दिला पाता है या नही.

डूंगरपुर. लोकसभा चुनावों को लेकर राजस्थान में भाजपा ने 16 सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं लेकिन 9 सीटों पर अभी बाकी है. वहीं कांग्रेस ने अभी तक एक भी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है ऐसे में प्रमुख दावेदार लगातार आलकमान से टिकट पाने की जुगत में लगे हैं.

डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर अभी तक दोनों पार्टियों ने पत्ते नहीं खोले हैं. यहां कांग्रेस में चली आ रही एक बार डूंगरपुर और एक बार बांसवाड़ा की परंपरा के तहत इस बार टिकट डूंगरपुर से तय होगा. ऐसे में 10 साल बाद आ रही बारी के कारण कई कांग्रेस के नेता दावेदारों की कतार में खड़े हैं. इसमें सबसे प्रमुख दावेदारी कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव और पूर्व सांसद ताराचन्द भगोरा की है.

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भगोरा ने टिकट के लिए राष्ट्रीय कोर कमेटी के सामने भी अपनी दावेदारी पेश की है, जिसमे भगोरा बारी-बारी की परंपरा के तहत 3 बार डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे और तीनो ही बार भारी मतों से जीते. भगोरा यहां से एक बार विधायक और एक बार डूंगरपुर जिला प्रमुख भी रहे हैं. भगोरा का कहना है की उन्हें 36 कौम का समर्थन है. एसटी/एससी/ओबीसी और सामान्य सभी वर्गों के अधिकारों के लिए उन्होंने काम किया है.

भगोरा ने बीटीपी पर निशाना साधते हुए इसे भाजपा की बी-टीम करार दिया और कहा कि बीटीपी ने जिले में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का काम किया है. आदिवासी युवाओं को पहले समाज की एक जाजम पर लेकर आए फिर पार्टी बनाकर अपने स्वार्थ सिद्ध कर कर रहे हैं. भगोरा ने कहा कि युवाओ को भ्रमित कर बीटीपी ने विधानसभा चुनावों में तो वोट ले लिए लेकिन अब युवाओं को उनकी चाल समझ में आ गई है इसलिए वह गुमराह होने वाला नहीं है.

भगोरा ने डूंगरपुर-बांसवाड़ा जिले के प्रमुख मुद्दों पर बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि वागड़ क्षेत्र के दोनों जिलो के विकास के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार ने डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी लेकिन केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद वागड़ की आस रेल लाइन को रोकने का काम किया जिसे एक बार फिर रफ्तार मिलेगी. इसके अलावा रतलाम, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, स्वरूपगंज नेशनल हाइवे का काम भी बंद कर दिया इन प्रोजेक्ट को एक बार फिर शुरू कर वागड़ के विकास के काम करवाये जाएंगे. भगोरा ने डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज को भी कांग्रेस की देन ही बताया है और कहा कि वागड़ के इन्ही विकास के मुद्दों को लेकर वे जनता के बीच जाएंगे.

वहीं भगोरा के अलावा कांग्रेस से ही चिखली प्रधान महेंद्र बरजोडका नाम भी उम्मीदवारी के लिए चर्चा में है. उनके साथ कांग्रेस के ही कई बड़े नेता और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मंत्री महेन्द्रजीतसिंह मालवीय, डूंगरपुर कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश खोडनिया, बांसवाड़ा जिलाध्यक्ष है जो इस बार बरजोड के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है. हालांकि कांग्रेस की ओर से अभी तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई है लेकिन देखना होगा कि टिकट लाने के लिए किसका पलड़ा भारी रहेगा और कौन डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस को जीत दिला पाता है या नही.

Intro:डूंगरपुर। लोकसभा चुनावों को लेकर टिकिट की महामारी शुरू हो चुकी है। डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट को छोड़कर प्रदेश भाजपा ने जहा 16 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए है वही कांग्रेस की ओर से अभी तक उम्मीदवार को लेकर अपने पत्ते नही खोले है। ऐसे में कांग्रेस के नेता टिकिट को लेकर एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है।


Body:डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस में चली आ रही बारी-बारी की परंपरा के तहत इस बार टिकिट की बारी डूंगरपुर जिले से है तो 10 साल बाद आ रही बारी के कारण कई कांग्रेस के नेता टिकिट की मांग कर रहे है।
इसमे सबसे तगड़ी दावेदारी कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव और पूर्व सांसद ताराचन्द भगोरा की है। भगोरा ने टिकिट के लिए राष्ट्रीय कोर कमेटी के सामने भी अपनी तगड़ी दावेदारी पेश की है, जिसमे भगोरा बारी-बारी की परंपरा के तहत 3 बार डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे और तीनो ही बार भारी वोट से जीते। इतना ही नही एक बार विधायक और 1 बार डूंगरपुर जिला प्रमुख भी रहे। भगोरा का कहना है की उन्हें 36 कौम का समर्थन है। एसटी/एससी/ओबीसी ओर सामान्य सभी वर्गों के अधिकारों के लिए उन्होंने काम किया।
भगोरा ने कहा कि बीटीपी पर निशाना साधते हुए इसे भाजपा की बी टीम करार दिया और कहा कि बीटीपी ने जिले में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का काम किया है। आदिवासी युवाओ को पहले समाज की एक जाजम पर लेकर आये फिर बीटीपी पार्टी बनाकर अपने स्वार्थ सिद्ध कर कर रहे है। भगोरा ने कहा कि युवाओ को भ्रमित कर बीटीपी ने विधानसभा चुनावों में तो वोट ले लिए लेकिन अब युवाओ को उनकी चाल।समझ आ गई है इसलिए वह ग़ुमराह होने वाला नही है।
भगोरा ने डूंगरपुर-बांसवाड़ा जिले के प्रमुख मुद्दों पर बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि वागड़ क्षेत्र नके दोनों जिलो के विकास के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार ने डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी लेकिन केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद वागड़ की आस रेल लाइन को रोकने का काम किया जिसे एक बार फिर रफ्तार मिलेगी। इसके अलावा रतलाम, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, स्वरूपगंज नेशनल हाइवे का काम भी बंद कर दिया इन प्रोजेक्ट को एक बार फिर शुरू कर वागड़ के विकास के काम करवाये जाएंगे। भगोरा ने डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज को भी कांग्रेस की देन ही बताया है और कहा कि वागड़ के इन्ही विकास के मुद्दों को लेकर वे जनता के बीच जाएंगे।
वही भगोरा के अलावा कांग्रेस से ही चिखली प्रधान महेंद्र बरजोड का नाम भी उम्मीदवारी के लिए चर्चा में है। उनके साथ कांग्रेस के ही कई बड़े नेता और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मंत्री महेन्द्रजीतसिंह मालवीया, डूंगरपुर कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश खोडनिया, बांसवाड़ा जिलाध्यक्ष है जो इस बार बरजोड के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है। हालांकि कांग्रेस की ओर से अभी तक उम्मीदवारों की घोषणा नही की गई है लेकिन देखना होगा कि टिकिट लाने के लिए किसका पलड़ा भारी रहेगा और कौन डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस को जीत दिला पता है या नही।

बाईट- ताराचंद भगोरा, पूर्व सांसद कांग्रेस



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