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वागड़ में श्रावण मास की शुरुआत...जानें क्या है मान्यता - rajasthan news

सावन का महीना शुरू हो चुका है, लेकिन गुजराती मान्यता के अनुसार डूंगरपुर-बांसवाड़ा जिलों में श्रावण मास की शुरुआत मंगलवार से हुई. जहां भक्तों ने मंदिर में पहुंच कर शिव से कोरोना महामारी से बचाने की कामना की.

राजस्थान न्यूज, dungarpur news
गुजराती मान्यता के अनुसार आज से शुरू हुआ श्रावण मास का महीना
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Published : Jul 21, 2020, 1:20 PM IST

डूंगरपुर. प्रदेश में श्रावण मास के अनुष्ठान शुरू हुए 15 दिन हो चुके हैं, लेकिन गुजराती मान्यता के अनुसार डूंगरपुर-बांसवाड़ा जिलों में श्रावण मास की शुरुआत मंगलवार से हुई. इसी के साथ जिले के शिव मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए हैं, लेकिन कोरोना माहामारी का असर मंदिरों में हर साल आने वाली भीड़ पर भी दिखाई दिया. श्रद्धालु महीने भर तक भगवान शिव की पूजा-अर्चना के साथ अनुष्ठान करेंगे.

गुजराती मान्यता के अनुसार आज से शुरू हुआ श्रावण मास का महीना

श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही जिलेभर के शिव मंदिरों में मंगलवार सुबह से ही भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया. शहर के प्रमुख नया महादेव मंदिर, धनेश्वर महादेव मंदिर, गंगेश्वर महादेव मंदिर सहित कई शिव मंदिरों में भक्त पहुंचे. इस दौरान भक्तों ने भगवान शिव का जल, दूध, दही, शहद के साथ अभिषेक किया. इसके बाद बेलपत्र और फूल चढ़ाए गए और भगवान शंकर से कोरोना महामारी से लोगों को बचाने की कामना की गई.

राजस्थान न्यूज, dungarpur news
मंदिरों में पूजा करने पहुंचे लोग

शिव मंदिरों में सुबह से ही भगवान शिव की आराधना का दौर शुरू हुआ जो दिनभर जारी रहेगा. इस बार कोरोना के कारण लोग भीड़ में न आकर एक-एक कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं. वहीं, भगवान के दरबार में भी मास्क लगाकर ही पूजा की जा रही है. नया महादेव मंदिर से श्रावण मास के एक माह के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान होंगे.

पढ़ें- डूंगरपुर: 5 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज आए सामने, कुल आंकड़ा पहुंचा 523 के पार

आचार्य संजय पंड्या शास्त्री ने बताया कि श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना श्रेष्ठ है. इस दौरान श्रद्धालु अलग-अलग विधियों से भगवान शिव की पूजा करते हैं. आचार्य संजय ने बताया कि नया महादेव मंदिर में हर रोज पार्थेश्वर शिवलिंग बनाकर भगवान की पूजा की जा जाएगी. जिसमें श्रद्धालु भी अपनी श्रद्धा से शिवलिंग बना सकेंगे. इसके अलावा जिले के देवसोमनाथ महादेव, कटकेश्वर महादेव, बेणेश्वरधाम शिव मंदिर, भुवनेश्वर महादेव, गंगेश्वर महादेव सहित जिलेभर में शिव मंदिरों में कई अनुष्ठान होंगे.

डूंगरपुर. प्रदेश में श्रावण मास के अनुष्ठान शुरू हुए 15 दिन हो चुके हैं, लेकिन गुजराती मान्यता के अनुसार डूंगरपुर-बांसवाड़ा जिलों में श्रावण मास की शुरुआत मंगलवार से हुई. इसी के साथ जिले के शिव मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए हैं, लेकिन कोरोना माहामारी का असर मंदिरों में हर साल आने वाली भीड़ पर भी दिखाई दिया. श्रद्धालु महीने भर तक भगवान शिव की पूजा-अर्चना के साथ अनुष्ठान करेंगे.

गुजराती मान्यता के अनुसार आज से शुरू हुआ श्रावण मास का महीना

श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही जिलेभर के शिव मंदिरों में मंगलवार सुबह से ही भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया. शहर के प्रमुख नया महादेव मंदिर, धनेश्वर महादेव मंदिर, गंगेश्वर महादेव मंदिर सहित कई शिव मंदिरों में भक्त पहुंचे. इस दौरान भक्तों ने भगवान शिव का जल, दूध, दही, शहद के साथ अभिषेक किया. इसके बाद बेलपत्र और फूल चढ़ाए गए और भगवान शंकर से कोरोना महामारी से लोगों को बचाने की कामना की गई.

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मंदिरों में पूजा करने पहुंचे लोग

शिव मंदिरों में सुबह से ही भगवान शिव की आराधना का दौर शुरू हुआ जो दिनभर जारी रहेगा. इस बार कोरोना के कारण लोग भीड़ में न आकर एक-एक कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं. वहीं, भगवान के दरबार में भी मास्क लगाकर ही पूजा की जा रही है. नया महादेव मंदिर से श्रावण मास के एक माह के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान होंगे.

पढ़ें- डूंगरपुर: 5 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज आए सामने, कुल आंकड़ा पहुंचा 523 के पार

आचार्य संजय पंड्या शास्त्री ने बताया कि श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना श्रेष्ठ है. इस दौरान श्रद्धालु अलग-अलग विधियों से भगवान शिव की पूजा करते हैं. आचार्य संजय ने बताया कि नया महादेव मंदिर में हर रोज पार्थेश्वर शिवलिंग बनाकर भगवान की पूजा की जा जाएगी. जिसमें श्रद्धालु भी अपनी श्रद्धा से शिवलिंग बना सकेंगे. इसके अलावा जिले के देवसोमनाथ महादेव, कटकेश्वर महादेव, बेणेश्वरधाम शिव मंदिर, भुवनेश्वर महादेव, गंगेश्वर महादेव सहित जिलेभर में शिव मंदिरों में कई अनुष्ठान होंगे.

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