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भुवनेश्वर महादेव मंदिर में प्रतिष्ठा महोत्सव-चांदी की आंगी से सजे शिवजी

300 साल पुराने ऐतिहासिक भुवनेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार प्रतिष्ठा महोत्सव के आखिरी दिन गुरुवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ 54 कुंडीय महायज्ञ की पूर्णाहुति की गई तो हर-हर महादेव के जयकारे गूंज उठे.

भुवनेश्वर महादेव मंदिर में प्रतिष्ठा महोत्सव
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Published : May 9, 2019, 9:30 PM IST

डूंगरपुर. भुवनेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत आचार्य बालकृष्ण जोशी और मिनेश जोशी के सानिध्य में गुरुवार को तीसरे दिन सुबह से ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए. भगवान शिवजी की चांदी से आंगी की गई तो सुबह भगवान शिवजी का अभिषेक किया गया और बिल्व पत्र अर्पित कर फूलों से सजाया. 54 कुंडीय शिवयज्ञ महारुद्र में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यजमानों और श्रद्धालुओं ने आहुतियां दी तो हर-हर महादेव के जयकारे लगते रहे.

भुवनेश्वर महादेव मंदिर में प्रतिष्ठा महोत्सव-चांदी की आंगी से सजे शिवजी

भुवनेश्वर देवालय सेवा संस्थान, मंदिर जीर्णोद्धार प्रतिष्ठा महोत्सव समिति और आयोजन सेवा समिति की ओर से कार्यक्रम आयोजित किये गए. वैदिक मंत्रों के साथ स्थापित देवता पूजन, न्यास प्रकरण, होम प्रासाद वास्तु, शांति पोष्टिक होम, पंचायतन देवता प्रतिष्ठा, प्रतिष्ठा होम, रुद्र स्वाहाकार पूजन किया गया.

इसके बाद हर-हर महादेव के जयकारों के साथ भुवनेश्वर महादेव मंदिर पर शिखर स्थापना और ध्वजदंड स्थापना की गई. इसके बाद हजारों श्रद्धालुओं ने पूर्णाहुति यज्ञ में आहुतियां दी और भगवान शिवजी की महाआरती उतारने के बाद महाप्रसाद ग्रहण किया. आपको बता दें कि 300 साल पुराने इस ऐतिहासिक भुवनेश्वर महादेव मंदिर का 2 करोड़ रुपये खर्च कर जीर्णोद्धार कार्य करवाया गया है. यह मंदिर कई मायनों में खास है जिस कारण हजारों श्रद्धालुओं की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है. मंदिर में स्वयं भू शिवलिंग, नंदी और हनुमानजी की प्रतिमा है और गो मुख से बहती जलधारा यहां की आस्था को प्रगाढ़ करती है.

डूंगरपुर. भुवनेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत आचार्य बालकृष्ण जोशी और मिनेश जोशी के सानिध्य में गुरुवार को तीसरे दिन सुबह से ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए. भगवान शिवजी की चांदी से आंगी की गई तो सुबह भगवान शिवजी का अभिषेक किया गया और बिल्व पत्र अर्पित कर फूलों से सजाया. 54 कुंडीय शिवयज्ञ महारुद्र में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यजमानों और श्रद्धालुओं ने आहुतियां दी तो हर-हर महादेव के जयकारे लगते रहे.

भुवनेश्वर महादेव मंदिर में प्रतिष्ठा महोत्सव-चांदी की आंगी से सजे शिवजी

भुवनेश्वर देवालय सेवा संस्थान, मंदिर जीर्णोद्धार प्रतिष्ठा महोत्सव समिति और आयोजन सेवा समिति की ओर से कार्यक्रम आयोजित किये गए. वैदिक मंत्रों के साथ स्थापित देवता पूजन, न्यास प्रकरण, होम प्रासाद वास्तु, शांति पोष्टिक होम, पंचायतन देवता प्रतिष्ठा, प्रतिष्ठा होम, रुद्र स्वाहाकार पूजन किया गया.

इसके बाद हर-हर महादेव के जयकारों के साथ भुवनेश्वर महादेव मंदिर पर शिखर स्थापना और ध्वजदंड स्थापना की गई. इसके बाद हजारों श्रद्धालुओं ने पूर्णाहुति यज्ञ में आहुतियां दी और भगवान शिवजी की महाआरती उतारने के बाद महाप्रसाद ग्रहण किया. आपको बता दें कि 300 साल पुराने इस ऐतिहासिक भुवनेश्वर महादेव मंदिर का 2 करोड़ रुपये खर्च कर जीर्णोद्धार कार्य करवाया गया है. यह मंदिर कई मायनों में खास है जिस कारण हजारों श्रद्धालुओं की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है. मंदिर में स्वयं भू शिवलिंग, नंदी और हनुमानजी की प्रतिमा है और गो मुख से बहती जलधारा यहां की आस्था को प्रगाढ़ करती है.

Intro:डूंगरपुर। 300 साल पुराने ऐतिहासिक भुवनेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार प्रतिष्ठा महोत्सव के आखिरी दिन गुरुवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ 54 कुंडीय महायज्ञ की पूर्णाहुति की गई तो हर-हर महादेव के जयकारे गूंज उठे और हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।



Body:मंदिर जीर्णोद्धार प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत आचार्य बालकृष्ण जोशी ओर मिनेश जोशी के सानिध्य में गुरुवार को तीसरे दिन सुबह से ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए। भगवान शिवजी की चांदी से आंगी की गई तो सुबह भगवान शिवजी का अभिषेक किया गया ओर बिल्व पत्र अर्पित कर फूलों से सजाया। 54 कुंडीय शिवयज्ञ महारुद्र में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यजमानों व श्रद्धालुओं ने आहुतियां दी तो हर-हर महादेव के जयकारे लगते रहे। श्रीभुवनेश्वर देवालय सेवा संस्थान, मंदिर जीर्णोद्धार प्रतिष्ठा महोत्सव समिति ओर आयोजन सेवा समिति की ओर से कार्यक्रम आयोजित किये गए। वैदिक मंत्रों के साथ स्थापित देवता पूजन, न्यास प्रकरण, होम प्रासाद वास्तु, शांति पोष्टिक होम, पंचायतन देवता प्रतिष्ठा, प्रतिष्ठा होम, रुद्र स्वाहाकार पूजन किया गया।
इसके बाद हर-हर महादेव के जयकारों के साथ भुवनेश्वर महादेव मंदिर पर शिखर स्थापना ओर ध्वजदंड स्थापना की गई। इसके बाद हजारो श्रद्धालुओं ने पूर्णाहुति यज्ञ में आहुतियां दी और भगवान शिवजी की महाआरती उतारने के बाद महाप्रसाद ग्रहण किया। आपको बता दे कि 300 साल पुराने इस ऐतिहासिक भुवनेश्वर महादेव मंदिर का 2 करोड़ रुपये खर्च कर जीर्णोद्धार कार्य करवाया गया है। इस मंदिर की कई मायनों में खास है जिस कारण हजारो श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है। मंदिर में स्वयं भू शिवलिंग, नंदी ओर हनुमानजी की प्रतिमा है ओर गो मुख से बहती जलधारा यहां की आस्था को प्रगाढ़ करती है।


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