डूंगरपुर. राहुल गांधी आज 16 मई को डूंगरपुर (Beneshwar Dham in Dungarpur) के बेणेश्वर धाम पर पुल निर्माण का शिलान्यास करेंगे. इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कांग्रेस के कई नेता मौजूद रहेंगे. राहुल गांधी और मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर बेणेश्वर धाम पर प्रशासन की ओर से तैयारियां की जा रही हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज 16 मई को सुबह 11 बजे विशेष हेलीकॉप्टर से बेणेश्वर धाम आएंगे. उनके साथ कांग्रेस के कई दूसरे बड़े नेता भी रहेंगे. राहुल गांधी बेणेश्वर धाम पर हरी मंदिर में दर्शन के बाद महंत अच्युतानंद महाराज से धाम को लेकर बातचीत करेंगे.
इसके बाद राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बेणेश्वर धाम पर 132 करोड़ की लागत से बनने वाले पुल का शिलान्यास करेंगे. यहां से हेलीकॉप्टर में बैठकर बेणेश्वर धाम के पुल की दूसरी ओर बांसवाड़ा जिले में सभा को संबोधित करेंगे. सभा में डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर, समेत एमपी, गुजरात के लोग भी शामिल होंगे. सभा के समाप्ति के बाद राहुल गांधी हेलीकॉफ्टर से उदयपुर के लिए रवाना हो जाएंगे.
सभा को लेकर विशेष तैयारियां: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दौरे को लेकर विशेष पंडाल तैयार किया जा रहा है, जहां एक लाख से ज्यादा लोग सभा में बैठ सकेंगे. ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर भी इंतजाम किए जा रहे हैं. राहुल गांधी की ये सभा राजस्थान में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर कई मायनों में खास है. राहुल गांधी इसी सभा से राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र में परंपरागत वोट बैंक को साधने का प्रयास करेंगे.
ये है पुल की खासियत:
- बेणेश्वर धाम पर 132 करोड़ की लागत से पुल बनेगा
- पुल की लंबाई 1387 मीटर होगी.
- पुल की चौड़ाई 13 मीटर होगी.
- 36 खंभों पर खड़ा होगा पूरा पुल.
- साबला से गनोड़ा ओर बेणेश्वर से भटवाड़ा मार्ग पर बीच में सर्किल बनेगा.
- बेणेश्वर से भटवाड़ा मार्ग पर पुल की लंबाई 87 मीटर ओर चौड़ाई 13 मीटर होगी.
लाखों आदिवासियों के आस्था का केंद्र बेणेश्वर धाम: डूंगरपुर शहर से 80 किमी और उदयपुर संभाग मुख्यालय से 180 किमी दूर बेणेश्वर धाम स्थित है. सोम, माही और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम टापू पर बेणेश्वर तीर्थ बना हुआ है. मान्यता है कि हजारों साल पहले संत मावजी महाराज ने इसी धाम पर तपस्या करते हुए आदिवासियों और वागड़ में धर्म की स्थापना की थी. इसके बाद ये धाम आस्था का केंद्र बन गया.
धाम पर शिव मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, भगवान ब्रह्माजी मंदिर समेत कई छोटे बड़े मंदिर हैं. बेणेश्वर धाम पर हर साल पौष पूर्णिमा पर भक्तों की ओर से पदयात्रा निकाली जाती है. माघ पूर्णिमा पर बेणेश्वर धाम पर लाखों आदिवासियों का महाकुंभ भरता है. त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान के बाद 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन करते हैं. राजस्थान समेत, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में माव भक्त आते हैं.