डूंगरपुर. जिले की पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग का अपहरण करके दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई (accused of rape to 20 years imprisonment) है. वहीं कोर्ट ने आरोपी पर 50 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है.
पीड़िता ने 22 दिसम्बर 2020 को कुआं थाने में सेंडोला निवासी युवक के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. डूंगरपुर जिले की पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक योगेश जोशी ने बताया की एक नाबालिग ने 22 दिसम्बर 2020 को रिपोर्ट दी थी. रिपोर्ट में पीड़िता ने बताया था कि 14 नवम्बर 2020 को वह गांव के पास एक मेले में गई थी. मेले में घूमने के बाद वह अपने घर वापस लौट रही थी. इस दौरान रास्ते में उसके मामा के गांव का 19 वर्षीय युवक मिला. उसने पीड़िता को घर छोड़ने की बात कहकर अपनी बाइक पर बैठा लिया. युवक नाबालिग को लेकर अपने घर गया और दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. एक दिन तक अपने घर पर रखा.
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अगले दिन आरोपी युवक नाबालिग को अपनी मौसी के घर पर ले गया. जहां पर आरोपी ने पीड़िता को 21 दिसम्बर 2020 तक रखा और उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद जैसे-तैसे नाबालिग वहां से मौका पाकर भाग निकली और अपने गांव पहुंची. जहां पर पीड़िता ने अपने परिजनों को पूरी घटना के बारे में बताया. इसके बाद परिजन पीड़िता को लेकर कुआं थाने पहुंचे और आरोपी युवक के खिलाफ अपहरण और दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया. पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार करके मामले की जांच शुरू कर दी. जांच के बाद पुलिस ने पॉक्सो कोर्ट में चालान पेश किया.
पीड़िता के माता-पिता बयान से पलटे: पॉक्सो कोर्ट ने बुधवार को मामले में अंतिम सुनवाई करते हुए आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने दोषी पर 50 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है. विशिष्ट लोक अभियोजक योगेश जोशी ने बताया मामले में पीड़िता के माता-पिता अपने बयान से पलट गए थे. लेकिन कोर्ट ने वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी करार दिया है. वहीं कोर्ट ने पीड़िता के माता-पिता को रिपोर्ट से पलटने पर पक्षद्रोही करार दिया है.