डूंगरपुर. जिले में गणेश चतुर्थी से शुरू हुए 10 दिवसीय गणेशोत्सव का मंगलवार को अनंत चतुर्थी पर समापन हो गया. कोरोना के चलते जिला प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार बिना शोभायात्रा ओर भीड़भाड़ के ही श्रद्धालुओं ने एक-एक कर गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन किया.
अनंत चतुर्दशी को लेकर मंगलवार सुबह से ही गणपति प्रतिमाओं के विसर्जन का दौर शुरू हो गया. इस साल सार्वजनिक स्थानों पर गणेश मंडलों की ओर से गणेश स्थापना नही की गई. लिहाजा शहर औैर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने अपने घरों में ही गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की थी. पूरे नौ दिनों तक भक्ति भाव के साथ किए गए पूजा-अर्चना और अनुष्ठानों के बाद मंगलवार को हवन पूजन किया गया और भक्तों ने घरों में विराजित गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया.
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डूंगरपुर शहर में भी गणेश भक्तों की ओर से घरों में विराजित गणेश प्रतिमाओं का शहर की हृदयस्थली गेसागर झील में भगवान गणेश के जयकारों के साथ विसर्जन किया जा रहा है. इस दौरान दिनभर "गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ" के जयकारे गूंजते रहे.
कोरोना के चलते शोभायात्रा के रूप में गणेश प्रतिमाओं को लाने की अनुमति नहीं दी गई है. जिसके चलते परिवार के कुछ लोगों की ओर से ही झील पर पहुंचकर गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा है. वहीं, प्रशासन की ओर से लगातार इस पर निगरानी रखी जा रही है.