डूंगरपुर. प्रथम अराध्य देव गजानंद गणपति की शनिवार को गणेश चतुर्थी के अवसर पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्थापना की गई. इसी के साथ दस दिवसीय गणेशोत्सव का भी आगाज हो गया, जिसके तहत गणेश मंडलों की ओर से भगवान गणेशजी की आराधना की जाएगी.
गणेश चतुर्थी पर जिलेभर में शनिवार से गणेशोत्सव की धूम शुरू हो गई. गणेश चतुर्थी पर्व के अवसर पर शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भगवान गणेशजी के अनुष्ठान शुरू हो गए. गणेश मंडलों की ओर से शुभ मुहूर्त में विधि-विधान के साथ वैदिक मंत्रों के बीच भगवान गणेशजी की मनोहारी मूर्तियों की स्थापना की गई.
इस दौरान प्रथम आराध्य देव गणपति की स्तुति की गई. वहीं कई लोगों ने अपने घरों और प्रतिष्ठानों पर भी भगवान गणेशजी की मूर्तियों की स्थापना की गई. इसी के साथ दस दिवसीय गणेशोत्सव के आयोजन भी शुरू हो गए हैं.
दूसरी ओर कोरोना काल के बीच गणेशोत्सव के कारण सुरक्षा का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है. कोविड प्रोटोकॉल के चलते शहर में कही भी गाजे बजे के साथ गणेश भक्तों ने शोभायात्रा नहीं निकाली गई. गणेश चतुर्थी पर्व पर शहर के विभिन्न गणेश मंडलो ने इस बार पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया और घर-मंदिरों में मिट्टी और आटे से बनी गणेशजी की मूर्तियां स्थापित की गई.
पढ़ें- स्पेशल: रंग लाई मुहिम...अब इको फ्रेंडली 'गणेश' ले रहे आकार, POP से किया किनारा
वहीं, गणेश चतुर्थी पर्व पर गणेश मंदिरों में भी गणेश भक्तों का तांता लगा रहा. भक्तों ने भगवान गणेश के दर्शन करते हुए सुख-शान्ति और समृद्धि की कामना की. 10 दिवसीय महोत्सव के दौरान गणेश मंडलों की ओर से इस बार कोरोना संक्रमण के कारण सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जाएगा.