डूंगरपुर. जिले में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, चाइल्ड लाइन और मुस्कान संस्थान की चाइल्ड लाइन, बालश्रम रोकथाम संबंधित बैठक मंगलवार को आयोजित की गई. बैठक में बेसहारा और मुसीबत में फंसे नाबालिग बच्चों को बचाने के निर्देश दिए गए.
नोडल अधिकारी चाईल्ड लाइन आरबीकेएस डूंगरपुर ने बताया कि चाइल्ड लाइन भारत सरकार की राष्ट्रीय स्तर की निःशुल्क हेल्प लाइन सेवा है. इससे बेबस, बेसहारा और मुसीबत में फंसे नाबालिग बच्चों के लिए किसी भी व्यक्ति की ओर से की जाने वाली अहर्निश मुफ्त फोन सुविधा है. उन्होंने बताया कि इसका टोल फ्री नम्बर 1098 है और इस पर कॉल करने वाले का नाम भी गुप्त रखा जाता है. इस नंबर पर आने वाले फोन कॉल पर कार्रवाई करते हुए चाइल्ड लाइन के माध्यम से ऐसे बच्चों को तत्काल सहायता और सुरक्षा प्रदान की जाती है, जिन्हें देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता है.
यह बच्चों के अधिकारों की रक्षा करनी है. चाइल्ड लाइन के मुकेश गौड़ ने बताया कि 0-18 वर्ष के बच्चे अपने घरेलू समस्याओं, उत्पीड़न और प्रताड़ना को लेकर पलायन कर जाते है. ये बच्चे दुकानों होटलों, घरों, कारखनों और गुजरात के बीटी कॉटन का कार्य करवाने के स्थानीय मेट प्रलोभन देकर ले जाते है.
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बैठक में उन्होंने बताया की गुजरात में जाने वाले बच्चों को खेतों में ही बीटी कॉटन का काम करवाकर देर रात काम करवाया जाता हैं. बैठक में बाल कल्याण बोर्ड के सदस्य राजू खटीक ने कहा की गरीबी के वजह से बच्चों के मां-बाप उन्हें नाबालिग होते हुए भी भेज देते है. सभी ने एक स्वर से बालश्रम को रोकने और चाइल्ड लाइन हेल्प लाइन के बारें में व्यापक जागरूकता लाने हेतु समन्वित प्रयास करने की बात कही.
हॉटीकल्चर डवलपमेंन्ट सोसायटी की बैठक
डूंगरपुर में जिला हॉटीकल्चर डवलपमेंन्ट सोसायटी की बैठक मंगलवार को आयोजित की गई. बैठक में किसानों को कृषि विभाग और उद्यानिकी योजनाओं से जोड़कर फायदा दिलाने के निर्देश दिए. जिला कलेक्टर सभागार में कलक्टर सुरेश कुमार ओला की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. बैठक में कलक्टर सुरेश कुमार ओला ने कृषकों को कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी देते हुए उद्यान, बीटी कॉटन, और नगदी फसलों से जोड़ने के निर्देश दिए.