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22 जुलाई से शुरू होगा मिजिल्स रूबेला टीकाकरण अभियान, 4 लाख से ज्यादा बच्चों को खसरे की बीमारी से बचाएगा

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Published : Jul 10, 2019, 3:17 PM IST

डूंगरपुर के बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही खसरे जैसी गंभीर बीमारी से बचाव के लिए अब चिकित्सा विभाग विशेष अभियान शुरू कर रहा है. जिसमें मिजल्स रूबेला टीकाकरण से बच्चों को बीमारियों से बचाया जाएगा.

22 जुलाई से शुरू होगा मिजिल्स रूबेला टीकाकरण अभियान

डूंगरपुर. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेंद्र परमार ने बताया कि सरकार की ओर से 22 जुलाई से मिजल्स रूबेला टीकाकरण अभियान की शुरुआत की जाएगी. इसके तहत जिले में 9 माह से लेकर 15 साल तक के बच्चों को रूबेला का टीकाकरण किया जाएगा.

जिले में करीब 4 लाख 65 हजार बच्चों का टीकाकरण होगा जो बच्चों को खसरे सहित कई तरह की बीमारियों से बचाएगा. अभियान को लेकर चिकित्सा विभाग की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई है. जिले में डॉक्टर और सभी स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है.

सीएमएचओ डॉ परमार ने बताया कि खसरा एक गंभीर बीमारी है .जिस कारण 9 माह से लेकर 15 साल तक के बच्चों की गंभीर हालत में मौत हो जाती है. देश मे हर साल करीब एक तिहाई बच्चों की मौत खसरे की बीमारी की वजह से होती है. इसी कारण अब सरकारी अस्पतालों में यह टिका मुफ्त में लगेगा. इससे पहले यह टीका निजी अस्पतालों में ही लगाया जाता था.

22 जुलाई से शुरू होगा मिजिल्स रूबेला टीकाकरण अभियान

यह होगा फायदा

खसरे की वजह से खासकर बच्चों में तेज बुखार, सर्दी-खासी और सास लेने में तकलीफ होती है. वहीं खसरे के कारण बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमताएं भी कम हो जाती हैं. जिस कारण बच्चे जल्दी से बीमार हो जाते है. कई बार बच्चों में गंभीर दस्त और निमोनिया भी हो जाता है.

रूबेला एक वायरल संक्रमण हैं जो बच्चों और युवा व्यस्कों में सबसे अधिक होता है. वहीं इस तरह की बीमारी गर्भावस्था महिला के होने पर गर्भपात और जन्म लेने वाले बच्चे में विकृति भी हो सकती है. खसरे के कारण कई बार बच्चों की मौत तक हो जाती है, लेकिन मिजल्स रूबेला टीकाकरण से बच्चों को बचाया जा सकेगा. अभियान के तहत स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्रों पर यह टीका लगाया जाएगा.

डूंगरपुर. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेंद्र परमार ने बताया कि सरकार की ओर से 22 जुलाई से मिजल्स रूबेला टीकाकरण अभियान की शुरुआत की जाएगी. इसके तहत जिले में 9 माह से लेकर 15 साल तक के बच्चों को रूबेला का टीकाकरण किया जाएगा.

जिले में करीब 4 लाख 65 हजार बच्चों का टीकाकरण होगा जो बच्चों को खसरे सहित कई तरह की बीमारियों से बचाएगा. अभियान को लेकर चिकित्सा विभाग की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई है. जिले में डॉक्टर और सभी स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है.

सीएमएचओ डॉ परमार ने बताया कि खसरा एक गंभीर बीमारी है .जिस कारण 9 माह से लेकर 15 साल तक के बच्चों की गंभीर हालत में मौत हो जाती है. देश मे हर साल करीब एक तिहाई बच्चों की मौत खसरे की बीमारी की वजह से होती है. इसी कारण अब सरकारी अस्पतालों में यह टिका मुफ्त में लगेगा. इससे पहले यह टीका निजी अस्पतालों में ही लगाया जाता था.

22 जुलाई से शुरू होगा मिजिल्स रूबेला टीकाकरण अभियान

यह होगा फायदा

खसरे की वजह से खासकर बच्चों में तेज बुखार, सर्दी-खासी और सास लेने में तकलीफ होती है. वहीं खसरे के कारण बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमताएं भी कम हो जाती हैं. जिस कारण बच्चे जल्दी से बीमार हो जाते है. कई बार बच्चों में गंभीर दस्त और निमोनिया भी हो जाता है.

रूबेला एक वायरल संक्रमण हैं जो बच्चों और युवा व्यस्कों में सबसे अधिक होता है. वहीं इस तरह की बीमारी गर्भावस्था महिला के होने पर गर्भपात और जन्म लेने वाले बच्चे में विकृति भी हो सकती है. खसरे के कारण कई बार बच्चों की मौत तक हो जाती है, लेकिन मिजल्स रूबेला टीकाकरण से बच्चों को बचाया जा सकेगा. अभियान के तहत स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्रों पर यह टीका लगाया जाएगा.

Intro:डूंगरपुर। बच्चो में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही खसरे जैसी गंभीर बीमारी से बचाव के लिए अब चिकित्सा विभाग विशेष अभियान शुरू कर रहा। मिजल्स रूबेला टीकाकरण से बच्चों को बीमारियों से बचाया जाएगा।


Body:मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेंद्र परमार ने बताया कि सरकार की ओर से 22 जुलाई से मिजल्स रूबेला टीकाकरण अभियान की शुरुआत की जाएगी। इसके तहत जिले में 9 माह से लेकर 15 साल तक के बच्चो को रूबेला का टीकाकरण किया जाएगा। डूंगरपुर जिले में करीब 4 लाख 65 हजार बच्चों का टीकाकरण होगा जो बच्चों को खसरे सहित कई तरह की बीमारियों से बचाएगा। अभियान को लेकर चिकित्सा विभाग की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई है। जिले में डॉक्टर ओर सभी स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
सीएमएचओ डॉ परमार ने बताया कि खसरा एक गंभीर बीमारी है जिस कारण 9 माह से लेकर 15 साल तक के बच्चो की गंभीर हालत में मौत हो जाती है। देश मे हर साल करीब एक तिहाई बच्चो की मौत खसरे की बीमारी की वजह से होती है। इसी कारण अब सरकारी अस्पतालों में यह टिका मुफ्त में लगेगा। इससे पहले यह टीका निजी अस्पतालों में ही लगाया जाता था।

- यह होगा फायदा
खसरे की वजह से खासकर बच्चो में तेज बुखार, सर्दी-खासी ओर सास लेने में तकलीफ होती है। वही खसरे के कारण बच्चों नमे रोग प्रतिरोधक क्षमताएं भी कम हो जाती है जिस कारण बच्चे जल्दी से बीमार हो जाते है। कई बार बच्चो में गंभीर दस्त ओर निमोनिया भी हो जाता है। रूबेला एक वायरल संक्रमण है जो बच्चों और युवा व्यस्को में सबसे अधिक होता है। वही इस तरह की बीमारी गर्भावस्था महिला के होने पर गर्भपात ओर जन्म लेने वाले बच्चे में विकृति भी हो सकती है। खसरे के कारण कई बार बच्चो की मौत तक हो जाती है। लेकिन मिजल्स रूबेला टीकाकरण से बच्चों को बचाया जा सकेगा। अभियान के तहत स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्रों पर यह टीका लगाया जाएगा।

बाईट- डॉ महेंद्र परमार, सीएमएचओ डूंगरपुर।



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