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माही डैम के 16 गेट खोले, बांसवाड़ा में सरपंच समेत 5 की मौत, बेणेश्वर धाम बना टापू - Beneshwar dam of Dungarpur turns at island

बारिश के चलते बांसवाड़ा संभाग के सबसे बड़े माही डैम के सभी 16 गेट खोले गए हैं. वहीं डूंगरपुर के सोमकमला आंबा बांध के 2 गेट खोले गए हैं. बांसवाड़ा में बारिश के कारण नाले उफान पर हैं जिसमें डूबने से डूंगरीपाड़ा पंचायत के सरपंच समेत 5 लोगों की मौत हो गई.

माही डैम के गेट खोलने से खेतों में भरा पानी
माही डैम के गेट खोलने से खेतों में भरा पानी
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 18, 2023, 1:03 PM IST

माही डैम के 16 गेट खोले

डूंगरपुर. बांसवाड़ा-डूंगरपुरा में तीन दिन से रुक रुककर बारिश का दौर जारी है. बारिश के चलते बांसवाड़ा संभाग के सबसे बड़े माही डैम के सभी 16 गेट खोलने पड़े हैं. वहीं डूंगरपुर के सोमकमला आंबा बांध के 2 गेट खोले गए हैं. बांसवाड़ा में बारिश की वजह से नाले में बहने से डूंगरीपाड़ा पंचायत के सरपंच समेत 5 लोगों की मौत हो गई. वहीं डूंगरपुर के सबसे बड़े आस्था स्थल बेणेश्वर धाम के रास्ते के तीनों पुलिया पर पानी बहने से टापू बन गया. धाम में फिलहाल 48 लोग मोजूद हैं. वहीं गलियाकोट में गुजरात के कडाना बांध का पानी खतरे के निशान पर पहुंच गया है.

बांसवाड़ा के माही डेम के सभी 16 गेट खोलने के 12 घंटे बाद डूंगरपुर का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल बेणेश्वर धाम टापू में तब्दील हो गया है. धाम पहुंचने के तीनों पुलिया के 15 से 20 फुट क्षेत्र में पानी बह रहा है. धाम पर मंदिर के पुजारी समेत 48 लोग फंसे हुए हैं. हालाकि सभी लोग सुरक्षित हैं और उनके ठहरने को लेकर भी धाम पर सभी व्यवस्थाएं मोजूद हैं. वही डूंगरपुर से बांसवाड़ा को जोड़ने वाले स्टेट हाइवे पर भी 15 फीट से ज्यादा पानी बह रहा है. जिसकी वजह से हाइवे बंद हो गया है. इससे पुल के दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी लाइनें लग गई हैं.

पढ़ें तीसरे दिन भी बारिश का दौर जारी, धुंध में लिपटा हिल स्टेशन

डूंगरपुर का बेणेश्वर धाम सबसे बड़ा धार्मिक स्थल है. बेणेश्वर धाम पर रोजाना हजारों लोग दर्शनों के लिए आते हैं. वहीं डूंगरपुर, बांसवाड़ा में बारिश लगातार रुक रुककर चल रहा है. इस वजह से बांसवाड़ा के माही डेम के 16 गेट खोले गए है. माही डेम के गेट खुलते ही डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम पर भी श्रद्धालुओ को अलर्ट कर दिया गया. धाम पर दर्शनों के लिए आए श्रद्धालुओ को पहले ही निकाल दिया गया. बेणेश्वर धाम माही नदी से पानी की आवक शुरू हुईं. इसके बाद बेणेश्वर धाम टापू बनने लगा है. धाम पहुंच के साबला, वालाई और बांसवाड़ा पुल पर पानी का स्तर बढ़ने लगा. पुल पर 15 से 20 फीट पानी चल रहा है. इससे बेणेश्वर धाम चारों ओर से टापू बन गया है.

वहीं धाम पर मंदिर के पुजारी, पुलिसकर्मी, स्थानीय व्यापारी समेत 48 लोग मोजूद हैं. हालाकि ये सभी लोग सुरक्षित हैं और उनके ठहरने, खाने पीने की सभी व्यवथाएं धाम पर मौजूद हैं.
दूसरी ओर डूंगरपुर-बांसवाड़ा को जोड़ने वाले सबसे बड़े लसाड़ा पुल पर भी 15 फीट से ज्यादा क्षेत्र में पानी चल रहा है. इसके बाद डूंगरपुर से बांसवाड़ा की ओर जाने वाली गाड़ियां इसी तरफ रुक गई है. वहीं साबला थाने की पुलिस एहतियातन तैनात है ताकि पुल पर कोई वाहन या लोग नहीं जाए और कोई हादसा न हो.

पढ़ें भारी बारिश की चेतावनी के चलते जालौर और बांसवाड़ा के स्कूलों में छुट्टी

बांसवाड़ा में भारी बारिश से 5 लोगो की मौत : मध्य प्रदेश के साथ बांसवाड़ा में भारी बारिश से माही डैम के 16 गेट खोले गए हैं. डैम के सभी गेट से पानी की भारी निकासी जारी है. वहीं बारिश के चलते नाले में बहने से डुंगरीपाड़ा पंचायत के सरपंच दिनेश की मौत हो गई. हालांकि नाले के पानी में डूबे शव को बाहर निकाल लिया गया है. वहीं कुशलगढ़ में ही नाले में बहने से 2 अन्य लोगों की भी मौत हुई है. इसके अलावा आंनदपुरी में कच्चा मकान गिरने से एक महिला की नीचे दबने से मोत हो गई है. वहीं सज्जनगढ़ में भी मकान गिरने से एक की मौत हुई है.

पढ़ें जिले में बारिश का दौर जारी, माउंटआबू में हुई 137 MM बारिश, बहने लगे झरने

गलियाकोट में कडाना बेक वाटर पहुंचा खतरे के निशान पर, प्रशासन ने किया अलर्ट : बांसवाड़ा जिले के माही डेम के सभी 16 गेट खुलने के बाद डूंगरपुर जिले में माही नदी उफान पर होने से डूंगरपुर में स्थिति गंभीर बनी हुई है. डूंगरपुर जिले के गलियाकोट पंचायत समिति क्षेत्र में माही नदी के किनारे बसे गांवों के खेत जलमग्न हो गए है. कई बीघा खेतों में सोयाबीन सहित अन्य फसलों के बर्बाद होने की आशंका बढ़ गई है. जिसके चलते किसानों को काफी नुकसान होने के आसार हैं. किसानों ने प्रशासन से राहत देने की मांग की है. वहीं माही नदी के उफान पर होने से गलियाकोट कस्बे में कडाना बैक वाटर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. इधर बैक वाटर के खतरे निशान से ऊपर आने से प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. वहीं प्रशासन की ओर से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. इधर प्रशासन की टीम गलियाकोट में पहुंचकर बैक वाटर के पास बसे घरों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने में लगे हैं. वही कडाना बैक वाटर के खतरे के निशान पर पहुंचने पर जिला कलेक्टर ने गुजरात प्रशासन से बात करके कडाना बांध के गेटों को खोलने के लिए बात की है.

पढ़ें बांसवाड़ा में बारिश का दौर जारी, माही बांध के खोले 16 गेट, कई जगह जलभराव

निठाउवा में सर्वाधिक 8 इंच बरसात: डूंगरपुर में आज सोमवार सुबह 8 बजे तक सबसे ज्यादा बारिश निठाउवा में 8 इंच (205 एमएम) रिकॉर्ड की गई है. इसके अलावा डूंगरपुर शहर में 16 एमएम, देवल में 30 एमएम, फलोज में 16 एमएम, कनबा में 15 एमएम, सागवाड़ा में 33 एमएम, ओबरी में 35 एमएम, गालियाकोट में 32 एमएम, धंबोला में 40 एमएम, बेंजा में 35 एमएम, चिखली में 43 एमएम, आसपुर में 49 एमएम, गणेशपुर में 48 एमएम, बनकोड़ा में 18 एमएम, साबला में 61 एमएम, गामड़ी अहाडा में 26 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है.

माही डैम के 16 गेट खोले

डूंगरपुर. बांसवाड़ा-डूंगरपुरा में तीन दिन से रुक रुककर बारिश का दौर जारी है. बारिश के चलते बांसवाड़ा संभाग के सबसे बड़े माही डैम के सभी 16 गेट खोलने पड़े हैं. वहीं डूंगरपुर के सोमकमला आंबा बांध के 2 गेट खोले गए हैं. बांसवाड़ा में बारिश की वजह से नाले में बहने से डूंगरीपाड़ा पंचायत के सरपंच समेत 5 लोगों की मौत हो गई. वहीं डूंगरपुर के सबसे बड़े आस्था स्थल बेणेश्वर धाम के रास्ते के तीनों पुलिया पर पानी बहने से टापू बन गया. धाम में फिलहाल 48 लोग मोजूद हैं. वहीं गलियाकोट में गुजरात के कडाना बांध का पानी खतरे के निशान पर पहुंच गया है.

बांसवाड़ा के माही डेम के सभी 16 गेट खोलने के 12 घंटे बाद डूंगरपुर का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल बेणेश्वर धाम टापू में तब्दील हो गया है. धाम पहुंचने के तीनों पुलिया के 15 से 20 फुट क्षेत्र में पानी बह रहा है. धाम पर मंदिर के पुजारी समेत 48 लोग फंसे हुए हैं. हालाकि सभी लोग सुरक्षित हैं और उनके ठहरने को लेकर भी धाम पर सभी व्यवस्थाएं मोजूद हैं. वही डूंगरपुर से बांसवाड़ा को जोड़ने वाले स्टेट हाइवे पर भी 15 फीट से ज्यादा पानी बह रहा है. जिसकी वजह से हाइवे बंद हो गया है. इससे पुल के दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी लाइनें लग गई हैं.

पढ़ें तीसरे दिन भी बारिश का दौर जारी, धुंध में लिपटा हिल स्टेशन

डूंगरपुर का बेणेश्वर धाम सबसे बड़ा धार्मिक स्थल है. बेणेश्वर धाम पर रोजाना हजारों लोग दर्शनों के लिए आते हैं. वहीं डूंगरपुर, बांसवाड़ा में बारिश लगातार रुक रुककर चल रहा है. इस वजह से बांसवाड़ा के माही डेम के 16 गेट खोले गए है. माही डेम के गेट खुलते ही डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम पर भी श्रद्धालुओ को अलर्ट कर दिया गया. धाम पर दर्शनों के लिए आए श्रद्धालुओ को पहले ही निकाल दिया गया. बेणेश्वर धाम माही नदी से पानी की आवक शुरू हुईं. इसके बाद बेणेश्वर धाम टापू बनने लगा है. धाम पहुंच के साबला, वालाई और बांसवाड़ा पुल पर पानी का स्तर बढ़ने लगा. पुल पर 15 से 20 फीट पानी चल रहा है. इससे बेणेश्वर धाम चारों ओर से टापू बन गया है.

वहीं धाम पर मंदिर के पुजारी, पुलिसकर्मी, स्थानीय व्यापारी समेत 48 लोग मोजूद हैं. हालाकि ये सभी लोग सुरक्षित हैं और उनके ठहरने, खाने पीने की सभी व्यवथाएं धाम पर मौजूद हैं.
दूसरी ओर डूंगरपुर-बांसवाड़ा को जोड़ने वाले सबसे बड़े लसाड़ा पुल पर भी 15 फीट से ज्यादा क्षेत्र में पानी चल रहा है. इसके बाद डूंगरपुर से बांसवाड़ा की ओर जाने वाली गाड़ियां इसी तरफ रुक गई है. वहीं साबला थाने की पुलिस एहतियातन तैनात है ताकि पुल पर कोई वाहन या लोग नहीं जाए और कोई हादसा न हो.

पढ़ें भारी बारिश की चेतावनी के चलते जालौर और बांसवाड़ा के स्कूलों में छुट्टी

बांसवाड़ा में भारी बारिश से 5 लोगो की मौत : मध्य प्रदेश के साथ बांसवाड़ा में भारी बारिश से माही डैम के 16 गेट खोले गए हैं. डैम के सभी गेट से पानी की भारी निकासी जारी है. वहीं बारिश के चलते नाले में बहने से डुंगरीपाड़ा पंचायत के सरपंच दिनेश की मौत हो गई. हालांकि नाले के पानी में डूबे शव को बाहर निकाल लिया गया है. वहीं कुशलगढ़ में ही नाले में बहने से 2 अन्य लोगों की भी मौत हुई है. इसके अलावा आंनदपुरी में कच्चा मकान गिरने से एक महिला की नीचे दबने से मोत हो गई है. वहीं सज्जनगढ़ में भी मकान गिरने से एक की मौत हुई है.

पढ़ें जिले में बारिश का दौर जारी, माउंटआबू में हुई 137 MM बारिश, बहने लगे झरने

गलियाकोट में कडाना बेक वाटर पहुंचा खतरे के निशान पर, प्रशासन ने किया अलर्ट : बांसवाड़ा जिले के माही डेम के सभी 16 गेट खुलने के बाद डूंगरपुर जिले में माही नदी उफान पर होने से डूंगरपुर में स्थिति गंभीर बनी हुई है. डूंगरपुर जिले के गलियाकोट पंचायत समिति क्षेत्र में माही नदी के किनारे बसे गांवों के खेत जलमग्न हो गए है. कई बीघा खेतों में सोयाबीन सहित अन्य फसलों के बर्बाद होने की आशंका बढ़ गई है. जिसके चलते किसानों को काफी नुकसान होने के आसार हैं. किसानों ने प्रशासन से राहत देने की मांग की है. वहीं माही नदी के उफान पर होने से गलियाकोट कस्बे में कडाना बैक वाटर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. इधर बैक वाटर के खतरे निशान से ऊपर आने से प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. वहीं प्रशासन की ओर से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. इधर प्रशासन की टीम गलियाकोट में पहुंचकर बैक वाटर के पास बसे घरों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने में लगे हैं. वही कडाना बैक वाटर के खतरे के निशान पर पहुंचने पर जिला कलेक्टर ने गुजरात प्रशासन से बात करके कडाना बांध के गेटों को खोलने के लिए बात की है.

पढ़ें बांसवाड़ा में बारिश का दौर जारी, माही बांध के खोले 16 गेट, कई जगह जलभराव

निठाउवा में सर्वाधिक 8 इंच बरसात: डूंगरपुर में आज सोमवार सुबह 8 बजे तक सबसे ज्यादा बारिश निठाउवा में 8 इंच (205 एमएम) रिकॉर्ड की गई है. इसके अलावा डूंगरपुर शहर में 16 एमएम, देवल में 30 एमएम, फलोज में 16 एमएम, कनबा में 15 एमएम, सागवाड़ा में 33 एमएम, ओबरी में 35 एमएम, गालियाकोट में 32 एमएम, धंबोला में 40 एमएम, बेंजा में 35 एमएम, चिखली में 43 एमएम, आसपुर में 49 एमएम, गणेशपुर में 48 एमएम, बनकोड़ा में 18 एमएम, साबला में 61 एमएम, गामड़ी अहाडा में 26 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है.

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