डूंगरपुर. काेरोना वायरस को लेकर रोजाना दर्द की नई-नई कहानियां सामने आ रही है. अंतिम क्रिया में तो यह दर्द और दर्दनाक हो जाता है. देश भर में लॉकडाउन के चलते अंतिम संस्कार की रस्में भी पूरी नहीं हो पा रही है. ऐसा ही एक मामला बुधवार को डूंगरपुर के सीमलवाड़ा कस्बे में सामने आया. जहां 15 साल से कुवैत में व्यवसाय कर रहे होटल व्यापारी 56 वर्षीय दिलीप कलाल की माैत हाे गई.
दो दिन रिपोर्ट के इंतजार के बाद बुधवार को उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई. जिसके बाद उनका शव कुवैत में ही दफना दिया गया. सीमलवाड़ा निवासी दिलीप पुत्र पद्मजी कलाल को तेज बुखार आने पर कुवैत के अमीरी अस्पताल में भर्ती कराया था. 15-20 दिन से उनका इलाज चल रहा था. इधर, मृतक की पत्नी, बेटे-बहू सहित परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. अंतिम संस्कार की रस्म पूरी नहीं होने से सबको पीड़ा थी.
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इस पर घर के बुजुर्गों ने सांकेतिक रूप से अंतिम संस्कार करने का सुझाव दिया. इसका उद्देश्य यह था कि इससे परिजनों के दिल को तस्सली मिल जाएगी और जलाने के बाद राख, जिससे कि आगे की रस्में निभाई जा सके. गम में इस तरह सांकेतिक दाह संस्कार का यह पहला मामला है. परिजनों ने मृतक दिलीप कलाल का फोटो तैयार करवाया. दोपहर एक बजे मृतक के पुराने कपड़ों को घास-फूस डाल कर सांकेतिक पुतला बनाया.
जिसे साफा पहनाया गया और फिर पिकअप वाहन के माध्यम से विधिवत तरीके से शवयात्रा निकाली गई, जो सीमलवाड़ा के साकरसी रोड पर स्थित श्मशान घाट पहुंची. जहां दिलीप कलाल के सांकेतिक अंतिम संस्कार के दौरान 8 से 10 लोग मौजूद थे. इनमें दिलीप का बेटा राेशन, भाई राजेश, नरेश, प्रकाश सहित अन्य नजदीकी रिश्तेदार शामिल थे.
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कुवैत में शव दफनाने का वीडियो वायरल
मृतक दिलीप कलाल का शव कुवैत में निर्धारित स्थान पर एंबुलेंस से लाया गया. यहां पर होटल स्टाफ और अन्य लोगों ने शव को दफनाया. इसका 1 मिनट 44 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया. मृतक दिलीप कलाल के एक बेटा-बेटी है, दोनों की शादी हो चुकी है. मृतक के बड़े भाई का लड़का कपिल कलाल और उसकी पत्नी कुवैत में हैं. दिलीप 6 माह पहले कुवैत से अपने घर आए थे.