डूंगरपुर. मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले ने एक ओर कदम आगे बढ़ाया है. एमबीबीएस डॉक्टर के बाद अब विशेषज्ञ डॉक्टर भी डूंगरपुर में तैयार होंगे और इसके लिए एनबीई (नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन) से मंजूरी मिल गई है. डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज में 6 नए विभागों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर तैयार होंगे और इस पर डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने काम करना शुरू कर दिया है.
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आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में मेडिकल कॉलेज की मंजूरी के बाद यह तीसरा वर्ष है. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से तीसरे शैक्षणिक सत्र के लिए डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज को मंजूरी मिल गई है और इसके साथ ही एक ओर नई खुशखबरी आई है. डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज में अब स्पेशलिस्ट डॉक्टर भी तैयार होंगे और इसके लिए भी केंद्रीय बोर्ड से मंजूरी प्राप्त हो गई है. ईटीवी भारत ने नए डिप्लोमा कोर्स के लिए मिली मंजूरी से जिले को कितना फायदा होगा इसके बारे में जानने का प्रयास किया. मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक डॉ. श्रीकांत असावा से बातचीत की.
6 डिप्लोमा कोर्सेज के लिए 55 सीटें आवंटित
डॉ. श्रीकांत असावा ने ईटीवी भारत को बताया कि डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज को इस साल एनबीई (नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन) की ओर से डिप्लोमा कोर्स के लिए मंजूरी मिली है. इसके तहत इस सत्र से 6 डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाएंगे, जिसमें अलग-अलग डिप्लोमा कोर्स में कुल 55 सीटें आवंटित की गई हैं, जिसमें सबसे ज्यादा 30 सीटें फैमिली मेडिसिन की हैं.
ग्रामीणों को मिलेगा लाभ
2 वर्ष के डिप्लोमा कोर्स के बाद विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार होंगे, जिससे आदिवासी बहुल इस डूंगरपुर सहित दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों को विशेषज्ञ डॉक्टरों से इलाज मिल सकेगा. डॉ. असावा ने बताया कि डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज के नए डिप्लोमा कोर्स को वर्ष 2021 जनवरी से शुरू किया जाएगा. इस कोर्स में एमबीबीएस डॉक्टरों का चयन किया जाएगा, जो बाद में स्पेशलिस्ट डॉक्टर बनेंगे.
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किस कोर्स को कितनी सीटें मिली
नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन की एक टीम दीवाली के बाद डूंगरपुर आएगी जो डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करेगी. किस कोर्स के लिए कितनी सीटें मिली इसके बारे में डॉ. असावा ने बताया कि फैमिली मेडिसिन में 30 सीटें, नाक, कान, गला में 2 सीटें, नेचुरल ओप्थोमोलॉजी में 3 सीटें, पीडियाट्रिक्स (बाल चिकित्सा) में 6 सीटें, गायनेकोलॉजिस्ट में 7 और एनेस्थीसिया की 7 सीटें मिली है. कुल 55 सीटों पर एमबीबीएस डॉक्टरों को प्रवेश मिलेगा और 2 वर्ष के डिप्लोमा कोर्स के बाद स्पेशलिस्ट डॉक्टर तैयार होंगे.
डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज को कैसे मिली मंजूरी
डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज में पहले से ही कई तरह की स्पेशलिस्ट फैकल्टी मौजूद है जो एमबीबीएस डॉक्टरों को विशेष तरह से प्रशिक्षित कर सकते हैं. डॉक्टर को प्रशिक्षण के लिए खासकर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की ही जरूरत रहती है और डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज को जिन विभागों की मंजूरी मिली है, इसमें कई विशेषज्ञ मौजूद हैं. इसके अलावा प्रशिक्षण के लिए मेडिकल कॉलेज भवन भी उपलब्ध है. जिसका फायदा आने वाले समय से डूंगरपुर को भी मिलेगा.
एमबीबीएस की 150 सीटों पर मिलेगा प्रवेश
डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज को 2018-19 में शैक्षणिक सत्र की मंजूरी मिली थी. इसी सत्र से 100 एमबीबीएस सीटों पर पहली बार प्रवेश दिया गया था. लेकिन अगले ही साल 2019-20 में एमबीबीएस की 50 सीटें बढ़ाकर 150 कर दी गई. 150 सीटों के दूसरे बैच के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से निरीक्षण के बाद इस सत्र की मंजूरी मिल गई है. ऐसे में जल्द ही अब 150 अभ्यर्थियों को डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज का आवंटन किया जाएगा.