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डूंगरपुर और राजसमंद में अंतिम संस्कार के लिए विकट हालत... गहरे पानी से होकर गुजरती है शव यात्रा

डूंगरपुर और राजसमंद में इन दिनों किसी की मृत्यु के बाद होने अंतिम संस्कार को लेकर समस्या आ रही है. डूंगरपुर में जहां डिमिया नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों को किसी की मुत्यु के बाद उसे श्मशान घाट तक पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं, राजसमंद के झोर ग्राम पंचायत के शमशान परिसर में पानी भर जाना भी लोगों के लिए बड़ी मुसीबत का सबब बन गया है.

Deadbodies through deep water, गहरे पानी से गुजरती शव यात्रा
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Published : Aug 30, 2019, 8:50 PM IST

डूंगरपुर/राजसमंद. बारिश के मौसम में डूंगरपुर के मांडवा ग्राम पंचायत में डिमिया नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों को किसी की मुत्यु के बाद उसे श्मशान घाट तक पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मांडवा गांव के दाता एनीकट की तलहटी में शमशान घाट होने से बहते पानी में चलकर ग्रामीणों को शव यात्रा निकालनी पड़ती है.

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यहां ग्रामीणों को शव लेकर डिमिया नदी की विपरीत धारा को पार कर निकलना पड़ता है. शव ले जाने वालों के लिए खतरा तब और भी होता है, जब नदी में पानी का वेग बढ़ जाता है. स्थानीय लोगों के मुताबिक तो साल 2006 में शव यात्रा के दौरान एक व्यक्ति की बह जाने से मौत हो चुकी है. ग्रामीणों ने इस समस्या के समाधान की मांग नहीं उठाई हो, लेकिन पिछले कई साल से समस्या जस की तस बनी हुई है. . यहां प्रशासन ने अंतिम यात्रा के लिए ना किसी पुल की व्यवस्था की व्यवस्था है और ना ही लोगों की सुविधाओं के लिए कोई अन्य उपाय किया है.

वहीं, राजसमंद में झोर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर बना मुक्ति धाम स्थल भी इन दिनों पूर्णतया जलमग्न है, जिससे अंतिम संस्कार के लिए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में यहां एक महिला की मृत्यु हो गई थी. शव को अंतिम संस्कार के लिए मुक्ति धाम लाया गया. लेकिन, शमशान परिसर में पानी भरे होने के कारण महिला की अंतिम यात्रा में शामिल लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

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ग्रामीणों ने बताया कि मोक्ष धाम परिसर में उन्हें तीन फीट गहरे पानी के अंदर से होकर अंतिम संस्कार के लिए बने टिन शेड तक पहुंचना पड़ा. साथ ही मोक्ष धाम में लगे टिन शेड की हालत तो और भी बदतर थी. इस दौरान अंतिम यात्रा में शामिल कई लोग शमशान भूमि के बाहर सड़क के किनारे ही बैठ गए. शमशान भूमि की दुर्दशा को लेकर लोगों ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि शमशान घाट हर गांव के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है, जहां सभी तरह की सुविधाओं का होना जरूरी है. लेकिन, प्रशासन इसको लेकर बेपरवाह है प्रशासन को जल्द से जल्द शमशान भूमि से जल की निकासी कराकर यहां सड़क का निर्माण कराना चाहिए.

डूंगरपुर/राजसमंद. बारिश के मौसम में डूंगरपुर के मांडवा ग्राम पंचायत में डिमिया नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों को किसी की मुत्यु के बाद उसे श्मशान घाट तक पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मांडवा गांव के दाता एनीकट की तलहटी में शमशान घाट होने से बहते पानी में चलकर ग्रामीणों को शव यात्रा निकालनी पड़ती है.

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यहां ग्रामीणों को शव लेकर डिमिया नदी की विपरीत धारा को पार कर निकलना पड़ता है. शव ले जाने वालों के लिए खतरा तब और भी होता है, जब नदी में पानी का वेग बढ़ जाता है. स्थानीय लोगों के मुताबिक तो साल 2006 में शव यात्रा के दौरान एक व्यक्ति की बह जाने से मौत हो चुकी है. ग्रामीणों ने इस समस्या के समाधान की मांग नहीं उठाई हो, लेकिन पिछले कई साल से समस्या जस की तस बनी हुई है. . यहां प्रशासन ने अंतिम यात्रा के लिए ना किसी पुल की व्यवस्था की व्यवस्था है और ना ही लोगों की सुविधाओं के लिए कोई अन्य उपाय किया है.

वहीं, राजसमंद में झोर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर बना मुक्ति धाम स्थल भी इन दिनों पूर्णतया जलमग्न है, जिससे अंतिम संस्कार के लिए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में यहां एक महिला की मृत्यु हो गई थी. शव को अंतिम संस्कार के लिए मुक्ति धाम लाया गया. लेकिन, शमशान परिसर में पानी भरे होने के कारण महिला की अंतिम यात्रा में शामिल लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

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ग्रामीणों ने बताया कि मोक्ष धाम परिसर में उन्हें तीन फीट गहरे पानी के अंदर से होकर अंतिम संस्कार के लिए बने टिन शेड तक पहुंचना पड़ा. साथ ही मोक्ष धाम में लगे टिन शेड की हालत तो और भी बदतर थी. इस दौरान अंतिम यात्रा में शामिल कई लोग शमशान भूमि के बाहर सड़क के किनारे ही बैठ गए. शमशान भूमि की दुर्दशा को लेकर लोगों ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि शमशान घाट हर गांव के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है, जहां सभी तरह की सुविधाओं का होना जरूरी है. लेकिन, प्रशासन इसको लेकर बेपरवाह है प्रशासन को जल्द से जल्द शमशान भूमि से जल की निकासी कराकर यहां सड़क का निर्माण कराना चाहिए.

Intro:

राजसमंद जिले के झोर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर स्थित मुक्ति धाम स्थल इन दिनों पूर्णतया जलमग्न है, जिससे अंतिम संस्कार के लिए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार गांव में एक महिला की मृत्यु हो गई थी जिनकी पार्थिव देह को अंतिम संस्कार हेतु मुक्ति धाम लाया गया परंतु शमशान परिसर में पानी भरा रहने के कारण महिला की अंतिम यात्रा मैं शामिल लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा ।
ग्रामीणों ने बताया कि मोक्ष धाम परिसर में उन्हें तीन फीट गहरे पानी के अंदर से होकर अंतिम संस्कार के लिए बने टिन शेड तक पहुँचना पड़ा। ग्रामीणों ने बताया कि मोक्ष धाम मैं लगे हुए टिन शेड की हालत तो और भी बदतर थी। मोर धाम परिसर में पानी के भरे रहने से अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोगों को भी भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा। महिला की अंतिम यात्रा में शामिल अधिकांश लोग शमशान भूमि के बाहर गुजर रही सड़क के किनारे पर ही बैठे रहे। शमशान भूमि की इस प्रकार की दुर्दशा पर लोगों ने प्रशासन के प्रति रोष प्रकट किया।
Body:लोगों ने बताया कि शमशान भूमि प्रत्येक गांव के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है जहाँ सभी तरह की सुविधाओं का होना जरूरी है। लोगों ने बताया कि पंचायत भवन के बिल्कुल सामने स्थित शमशान भूमि की ऐसी हालत से जिम्मेदारों की लापरवाही स्पष्ट नजर आती है, प्रशासन को जल्द से जल्द शमशान भूमि से जल की निकासी कराकर यहाँ सीसी सड़क का निर्माण कराना चाहिए।
Conclusion:
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