डूंगरपुर. सीएम गहलोत ने शुक्रवार को विधानसभा में उदयपुर संभाग से तोड़कर बांसवाड़ा को नया संभाग बनाने की घोषणा की है. जिसमें बांसवाड़ा समेत 4 जिले शामिल होंगे. वही सलूंबर को नया जिला बनाया गया है. डूंगरपुर के आसपुर विधानसभा क्षेत्र से 2 तहसील सलूंबर जिले में शामिल हो सकती हैं. आदिवासी इलाके में नए संभाग और जिले के बाद राजनीतिक समीकरण भी बदले सकते हैं. ऐसे में आने वाले चुनावों में इसका फायदा किसे मिलता है, यह तो देखने वाली बात होगी.
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज 3 नए संभाग और 19 नए जिलों की घोषणा की है. आदिवासी बहुल बांसवाड़ा समेत डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिले को मिलाकर बांसवाड़ा को नया संभाग बनाने की घोषणा की है. राज्य सरकार ने डूंगरपुर जिले में आसपुर ओर सीमलवाड़ा को नई नगर पालिका बनाने की घोषणा भी की है. उदयपुर के सलूंबर को नया जिला बनाने की घोषणा की है. सलूंबर को जिला बनाने की मांग पिछले 25 सालों से भी ज्यादा समय से चल रही थी. आदिवासी बहुल जिलों को मिलाकर नया संभाग मुख्यालय और सलूंबर नया जिला बनाने से जहां प्रशासनिक तौर पर फेरबदल होगा. वहीं चुनावों से पहले राजनीतिक समीकरण भी बदलेंगे.
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कांग्रेस की आदिवासी इलाकों पर नजर: आदिवासी बहुल डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जिला अब तक कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है. लेकिन पिछले कुछ चुनावों से कांग्रेस के इस वोट बैंक में भाजपा ने सेंध लगाई है. वहीं अब नई पार्टी बीटीपी ने भी पिछले विधानसभा चुनावों में 2 सीट जीतकर सभी को चौंका दिया. कांग्रेस की नजर इसी वोट बैंक पर है. कांग्रेस अपने खोए वोट बैंक को वापस हासिल करना चाहती है. यही वजह है प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद बाद बांसवाड़ा जिले से दो-दो मंत्री बनाए गए. बांसवाड़ा को नया संभाग बनाया गया है. कांग्रेस चुनावों में इसे भुनाकर अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास करेगी. देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस इसका कितना फायदा उठा पाती है.