धौलपुर. बाड़ी कस्बे में जननी शिशु सुरक्षा योजना में एक बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. शहर के गुम्मट किला क्षेत्र की रहने वाली महिला मन्नू पत्नी जीतू कुशवाह को मंगलवार देर रात प्रसव पीड़ा हुई. पड़ोस की महिलाओं ने एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन एंबुलेंस काफी इंतजार के बाद जब नहीं पहुंची तो उसे मूंगफली के ठेले में लिटाकर करीब 3 किलोमीटर दूर स्थित अस्पताल को लेकर जाना पड़ा. महिला ने रास्ते में ही बच्चे को जन्म (delivery of woman on handcart in Dholpur) दे दिया.
महिला के पति जीतू कुशवाह ने बताया कि अब जच्चा और बच्चा दोनों सकुशल हैं. लेकिन इस पूरे वाकये ने सरकार की जननी शिशु सुरक्षा योजना को कटघरे में ला खड़ा कर दिया है. आज भी ग्रामीण क्षेत्र में यह योजना पूरी तरह से फलीभूत नहीं हो पा रही है.
प्रसूता के साथ मौजूद महिला लक्ष्मी ने बताया कि देर रात को प्रसूता को प्रसव पीड़ा शुरू हुई. जिसके बाद परिजनों ने सरकारी योजना के तहत चलाई जा रही 104 एंबुलेंस को फोन किया. एंबुलेंस स्टाफ ने प्रसूता के घर आने की बात कहकर फोन काट दिया. 1 घंटे तक जब एंबुलेंस प्रसूता के पास नहीं पहुंची तो परिजन पास में खड़े मूंगफली के ठेले पर प्रसूता को लेकर अस्पताल के लिए रवाना हो गए. जहां रास्ते में प्रसूता ने बालिका को जन्म दिया.
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सरकारी योजना की बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी गोपाल गोयल ने मामले की जांच करा कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. बाड़ी अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर शिवदयाल मंगल ने बताया कि देर रात को प्रसूता के अस्पताल आते ही नर्सिंग स्टाफ ने हाथों-हाथ उसका इलाज शुरू कर दिया.