धौलपुर. जिले के विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट ने मनियां थाना इलाके में वर्ष 2015 में एक 13 वर्षीय नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म मामले में एक महिला समेत तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई (20 years rigorous imprisonment to rape convicts) है. आरोपियों को विभिन्न धाराओं में 2 लाख 60 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया हैं. अर्थदंड में से दो लाख रुपए पीड़िता को दिए जाएंगे.
लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि मामला धौलपुर के मनिया थाना इलाके का हैं. साल 2015 में एक परिवादी ने मनियां पुलिस थाना पर रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह अपने घर था. उसी समय जय सिंह, नरेश और बंटू मोबाइल चार्ज करने घर पर आए और 13 वर्षीय नाबालिग पुत्री को अपने साथ ले गए. पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया तो पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि नाबालिग अमृतसर के पास पंजाब में है. जिसको पुलिस टीम ने दस्तयाब कर लिया. लेकिन आरोपी भूरा मौके का फायदा उठाकर वहां से भाग गया.
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पुलिस ने नाबालिग के बयानों के आधार पर भूरा, वर्षा और राजू के विरुद्ध आईपीसी की धारा 376 (एल/एन) को जोड़ा. तीनों को गिरफ्तार कर पॉक्सो न्यायालय में पेश किया. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पॉक्सो न्यायालय में पेश किया. भूरा और वर्षा जमानत पर हैं और राजू अन्य केस में भरतपुर जेल में बंद हैं. अभियोजन की ओर से न्यायालय में 17 गवाह पेश किए गए. पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश मधुसूदन राय ने बहस सुनने के बाद भूरा, वर्षा और राजू को 20-20 वर्ष के कठोर करावास की सजा सुनाई है.