धौलपुर. 2020 का साल लगभग पूरा कोरोना काल की भेंट चढ़ता जा रहा है. कोरोना महामारी ने जब से देश में पैर रखा है, उसी वक्त से समाज का हर वर्ग भारी प्रभावित हुआ है. लंबे समय तक चले लॉकडाउन ने मजदूर व्यापारी एवं आमजन की कमर तोड़ दी है. हालांकि अनलॉक शुरू होने पर भी अभी हालात सामान्य नहीं हो रहे हैं. कारोबार से लेकर आस्था के धार्मिक पर्व भी कोरोना की भेंट चढ़ रहे हैं. लोगों को आजीविका भी चलानी है, और इस लाइलाज बीमारी से बचाव भी करना है. दोनों स्थितियों के बीच फंसा मजदूर एवं गरीब इंसान अधिक प्रभावित हो रहा है.
शारदीय नवरात्रा शुरू होने वाली है. बाजारों में मूर्तिकारों ने देवी मां के तमाम विग्रह न्योछावर के लिए तैयार कर दिए हैं, लेकिन कोरोना के कारण बाजारों में इस बार देवी मां की स्थापना काफी कम देखी जाएगी. बाजारों से रौनक गायब हो चुकी है. मूर्तिकार एवं दुकानदारों ने देवी मां के छोटे एवं बड़े विग्रह सजाकर मार्केट में रखे हैं, लेकिन आस्था पर कोरोना भारी पड़ रहा है. लिहाजा लोग इस बार देवी मां की महफिल सजाने से दूर हो रहे हैं, जिसके कारण इस व्यवसाय से आजीविका चलाने वाले परिवार भरी प्रभावित हो रहे हैं.
17 अक्टूबर 2020 शनिवार से शारदीय नव रात्रि की शुरुआत हो जाएगी. आदि शक्ति देवी मां की महिमा देश में सबसे अधिक मानी जाती है. नौ दिन तक श्रद्धालु आस्था पूर्वक पूजा अर्चना कर देवी मां के नवग्रह की उपासना करते हैं, लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोरोना के कारण श्रद्धालुओं की आस्था को भी बड़ा आघात लग रहा है. जिले के सभी शहर एवं कस्बों में देवी मां की प्रतिमा पंडालों में आस्था पूर्व स्थापित की जाती थी. महफिले सजाकर श्रद्धालु भजन कीर्तन कर छप्पन भोग के आयोजन कराते थे, लेकिन कोरोना के कारण इस बार श्रद्धालु घरों में ही देवी मां की उपासना करेंगे, जिसका सीधा असर देवी मां के तमाम विग्रह बनाने वाले मूर्तिकार एवं मजदूरों के परिवारों पर पड़ रहा है.
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मूर्तकारों ने बताया लंबे समय तक चले लॉकडाउन ले कमर तोड़ दी है. हालांकि अब स्थितियां सामान्य होने लगी है, लेकिन वायरस का खतरा बरकरार बना हुआ है. ऐसे में कारोबार एवं धंधा पूरी तरह से चौपट हो रहा है. शारदीय नवरात्र की स्थापना के लिए देवी मां के नव विग्रह बनाकर तैयार किए हैं. देवी मां के विग्रह मार्केट में सजे हुए रखे हैं, लेकिन खरीदार एवं न्योछावर करने वाले नहीं होने पर दुकानदारों एवं मजदूरों को निराशा हाथ लग रही है. मूर्तकारों ने पूर्व में ही शारदीय नवरात्र को लेकर विग्रह तैयार कर लिए थे, लेकिन बाजारों से रोनक पूरी तरह से गायब हो चुकी है. सबसे बड़ी समस्या प्रशासन की भी बनी हुई है. प्रशासन ने अभी तक देवी मां की स्थापना एवं महफिलों को लेकर कोई भी एडवाइजरी जारी नहीं की है, जिसके कारण देवी मां के विग्रह की खरीद-फरोख्त भारी प्रभावित हुई है. बाजारों से रौनक गायब होने के साथ मूर्तिकार एवं मजदूरों की आजीविका भारी प्रभावित हो रही है.