धौलपुर. जिले के राजकीय चिकित्सालय पर मंगलवार को कर्मचारियों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर 14 जनवरी को कार्यस्थल पर ही पेंशन शोक दिवस मनाया. साथ ही कर्मचारियों ने केंद्र और राज्य सरकार को चेतवानी देते हुए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग रखी है. साथ ही कहा कि ऐसा नहीं किया गया तो कर्मचारियों की ओर से वृहद आंदोलन किया जाएगा.
कर्मचारी नेता जितेंद्र सिंह ने बताया कि न्यू पेंशन स्कीम एंप्लाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान (NPSEFR) के प्रदेश समन्वयक विनोद कुमार ने 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में नियुक्त कर्मचारियों, अधिकारियों के पेंशन को बंद कर न्यू पेंशन स्कीम म्यूचल फंड योजना लागू की गई थी. जिसके बाद राज्य सरकार ने कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया है. साथ ही कहा कि सरकार कर्मचारियों की आंखों में मिर्ची डालकर धोखा दे रही है.
पढ़ें- धौलपुरः एनएच 123 पर अज्ञात वाहन ने मजदूर को मारी टक्कर, मौके पर ही मौत
कर्मचारियों ने कहा कि देश में ओहदे वाले अधिकारियों से छोटे कर्मचारियों के साथ सरकार ने वादाखिलाफी की है. देश के 65 लाख कार्मिकों की पेंशन को कानूनी रूप से दिनदहाड़े शेयर मार्केट में लगवा कर तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक कर्मचारियों के मूल वेतन के 10 प्रतिशत धन के साथ सार्वजनिक धन को हड़प रहे हैं.
साथ ही कहा कि तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेई के इशारे पर 14 जनवरी 2004 को एक नोटिफिकेशन से राजस्थान पेंशन रूल 1996 में संशोधन कर राजस्थान के सरकारी, अर्द्ध सरकारी, स्वायत्तशासी संस्थाओं के लाखों अधिकारियों, कर्मचारियों को अंग्रेजों के जमाने से दी जा रही पेंशन से वंचित कर दिया था. वहीं इस अवसर पर महेंद्र त्यागी, विनोद चौधरी, प्रदीप बंसल, रमाकांत कौशिक, श्रीकांत त्यागी, राजेश बोहरा, केशव त्यागी, भूदेव त्यागी समेत कई कर्मचारी मौजूद रहे.