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धौलपुर: राजकीय चिकित्सालय पर कर्मचारियों ने मनाया पेंशन शोक दिवस

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Published : Jan 14, 2020, 8:51 PM IST

धौलपुर के राजकीय चिकित्सालय पर मंगलवार को कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन कर नारेबाजी की. इसके साथ ही काली पट्टी बांधकर पेंशन शोक दिवस मनाया. साथ ही सभी कर्मचारियों ने केंद्र और राज्य सरकार को चेतवानी देते हुए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग रखी है.

धौलपुर की खबर, Dhaulpur news
कर्मचारियों ने मनाया पेंशन शोक दिवस

धौलपुर. जिले के राजकीय चिकित्सालय पर मंगलवार को कर्मचारियों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर 14 जनवरी को कार्यस्थल पर ही पेंशन शोक दिवस मनाया. साथ ही कर्मचारियों ने केंद्र और राज्य सरकार को चेतवानी देते हुए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग रखी है. साथ ही कहा कि ऐसा नहीं किया गया तो कर्मचारियों की ओर से वृहद आंदोलन किया जाएगा.

कर्मचारियों ने मनाया पेंशन शोक दिवस

कर्मचारी नेता जितेंद्र सिंह ने बताया कि न्यू पेंशन स्कीम एंप्लाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान (NPSEFR) के प्रदेश समन्वयक विनोद कुमार ने 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में नियुक्त कर्मचारियों, अधिकारियों के पेंशन को बंद कर न्यू पेंशन स्कीम म्यूचल फंड योजना लागू की गई थी. जिसके बाद राज्य सरकार ने कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया है. साथ ही कहा कि सरकार कर्मचारियों की आंखों में मिर्ची डालकर धोखा दे रही है.

पढ़ें- धौलपुरः एनएच 123 पर अज्ञात वाहन ने मजदूर को मारी टक्कर, मौके पर ही मौत

कर्मचारियों ने कहा कि देश में ओहदे वाले अधिकारियों से छोटे कर्मचारियों के साथ सरकार ने वादाखिलाफी की है. देश के 65 लाख कार्मिकों की पेंशन को कानूनी रूप से दिनदहाड़े शेयर मार्केट में लगवा कर तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक कर्मचारियों के मूल वेतन के 10 प्रतिशत धन के साथ सार्वजनिक धन को हड़प रहे हैं.

साथ ही कहा कि तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेई के इशारे पर 14 जनवरी 2004 को एक नोटिफिकेशन से राजस्थान पेंशन रूल 1996 में संशोधन कर राजस्थान के सरकारी, अर्द्ध सरकारी, स्वायत्तशासी संस्थाओं के लाखों अधिकारियों, कर्मचारियों को अंग्रेजों के जमाने से दी जा रही पेंशन से वंचित कर दिया था. वहीं इस अवसर पर महेंद्र त्यागी, विनोद चौधरी, प्रदीप बंसल, रमाकांत कौशिक, श्रीकांत त्यागी, राजेश बोहरा, केशव त्यागी, भूदेव त्यागी समेत कई कर्मचारी मौजूद रहे.

धौलपुर. जिले के राजकीय चिकित्सालय पर मंगलवार को कर्मचारियों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर 14 जनवरी को कार्यस्थल पर ही पेंशन शोक दिवस मनाया. साथ ही कर्मचारियों ने केंद्र और राज्य सरकार को चेतवानी देते हुए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग रखी है. साथ ही कहा कि ऐसा नहीं किया गया तो कर्मचारियों की ओर से वृहद आंदोलन किया जाएगा.

कर्मचारियों ने मनाया पेंशन शोक दिवस

कर्मचारी नेता जितेंद्र सिंह ने बताया कि न्यू पेंशन स्कीम एंप्लाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान (NPSEFR) के प्रदेश समन्वयक विनोद कुमार ने 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में नियुक्त कर्मचारियों, अधिकारियों के पेंशन को बंद कर न्यू पेंशन स्कीम म्यूचल फंड योजना लागू की गई थी. जिसके बाद राज्य सरकार ने कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया है. साथ ही कहा कि सरकार कर्मचारियों की आंखों में मिर्ची डालकर धोखा दे रही है.

पढ़ें- धौलपुरः एनएच 123 पर अज्ञात वाहन ने मजदूर को मारी टक्कर, मौके पर ही मौत

कर्मचारियों ने कहा कि देश में ओहदे वाले अधिकारियों से छोटे कर्मचारियों के साथ सरकार ने वादाखिलाफी की है. देश के 65 लाख कार्मिकों की पेंशन को कानूनी रूप से दिनदहाड़े शेयर मार्केट में लगवा कर तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक कर्मचारियों के मूल वेतन के 10 प्रतिशत धन के साथ सार्वजनिक धन को हड़प रहे हैं.

साथ ही कहा कि तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेई के इशारे पर 14 जनवरी 2004 को एक नोटिफिकेशन से राजस्थान पेंशन रूल 1996 में संशोधन कर राजस्थान के सरकारी, अर्द्ध सरकारी, स्वायत्तशासी संस्थाओं के लाखों अधिकारियों, कर्मचारियों को अंग्रेजों के जमाने से दी जा रही पेंशन से वंचित कर दिया था. वहीं इस अवसर पर महेंद्र त्यागी, विनोद चौधरी, प्रदीप बंसल, रमाकांत कौशिक, श्रीकांत त्यागी, राजेश बोहरा, केशव त्यागी, भूदेव त्यागी समेत कई कर्मचारी मौजूद रहे.

Intro:धौलपुर राजकीय चिकित्यालय पर आज कर्मचारियों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर 14 जनवरी 2020 कार्यस्थल पर ही पेंशन शोक दिवस मनाया. कर्मचारियों ने केंद्र और राज्य सरकार को चेतवानी देते हुए पुरानी पेंशन पद्धति को लागू करने की मांग रखी है. 





Body:कर्मचारी नेता जितेंद्र सिंह ने बताया कि न्यू पेंशन स्कीम एंपलाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान (NPSEFR) के प्रदेश समन्वयक विनोद कुमार ने 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में नियुक्त कर्मचारियों,अधिकारियों की पेंशन को बंद कर न्यू पेंशन स्कीम म्यूचल फंड योजना लागू की गई थी. राज्य सरकार ने कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यबहार किया है. सरकार कर्मचारियों की आँखों में मिर्ची डालकर धोखा दे रही है. कर्मचारियों ने कहा देश में ओहदे वाले अधिकारियों से छोटे कर्मचारियों के साथ सरकार ने बादाखिलाफ़ी की है. देश के 65 लाख कार्मिकों की पेंशन को कानूनी रूप से दिनदहाड़े शेयर मार्केट में लगवा कर तीन लाख करोड रुपए से अधिक कर्मचारियों  के मूल वेतन के 10% धन के साथ सार्वजनिक धन  को हड़प रहे हैं.कर्मचारियों ने कहा तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेई के इशारे पर 14 जनवरी 2004 को एक नोटिफिकेशन द्वारा राजस्थान पेंशन रूल 1996 में  संशोधन कर राजस्थान के सरकारी,अर्द्ध सरकारी ,स्वायत्तशासी संस्थाओं के लाखों अधिकारियों,कर्मचारियों को अंग्रेजों के जमाने से दी जा रही पेंशन से वंचित कर दिया था.जिले के कर्मचारियों ने आज हाथों पर काली पट्टी बांधकर जिला अस्पताल के सामने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने पेंशन शोक दिवस मनाते हुए चेतावनी देते हुए कहा सरकार और सरकार के जिम्मेदारों ने गंभीर होकर ध्यान नहीं दिया तो कर्मचारियों द्वारा वृहद आंदोलन किया जाएगा. 




Conclusion:इस अवसर पर महेंद्र त्यागी ,विनोद चौधरी,प्रदीप बंसल रमाकांत कौशिक ,श्रीकांत त्यागी ,राजेश बोहरा ,केशव त्यागी ,भूदेव त्यागी आदि कर्मचारी मौजूद रहे.
Byte:- जितेंद्र सिंह, कर्मचारी नेता
Report:-
Neeraj Sharma
Dholpur

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