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लॉकडाउनः धौलपुर मुक्तिधाम में 20 मार्च से रखी अस्थियां विसर्जन का कर रही इंतजार

धौलपुर में काेराेना वैश्विक महामारी के कहर से इस समय आमजन के साथ-साथ हर काेई परेशान है. साथ ही मरने वाले लोगों की अस्थियां विसर्जन नहीं होने से उन्हें मोक्ष नहीं मिल पा रहा है. लॉकडाउन घोषित होने के बाद 20 मार्च से मोक्ष धाम के लॉकर में रखी अस्थियां अपने विसर्जन का इंतजार कर रही हैं. मोक्ष धाम का लॉकर हस्तियों से भरी होने पर समस्या मृतकों के परिजनों लिए और गहराने लगी है.

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अस्थियां विसर्जन का कर रही इंतजार
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Published : Apr 26, 2020, 10:45 AM IST

धौलपुर. लॉकडाउन के चलते लाॅकर में रखे मृतकों के अस्थि कलश मोक्ष धाम के तालाें में बंद हैं. जबकि अंतिम संस्कार करने के बाद एक या दाे तक ही अस्थि लॉकर में रखी जाती हैं, जिन्हें मृतक आत्मा के परिजन विसर्जन के लिए गंगा ले जाते हैं. लेकिन 20 मार्च 2020 से अब तक जिनकी मृत्यु हुई है, उनकी अस्थियां माेक्ष के लिए लाॅकडाउन खुलने का इंतजार कर रही हैं.

अस्थियां विसर्जन का कर रही इंतजार

परिजन भी लाख कोशिशों के बाद भी अपनों की अस्थियों का विसर्जन नहीं कर पा रहे हैं. अब उन्हें बस लॉकडाउन खुलने का इंतजार है. अब लाॅकर भी अस्थियाें से बुक हाेने से लाेग बाहर लाॅकर के ऊपर अस्थि कलश इस आस से रखकर गए हैं कि जैसे ही जीवन सामान्य हाे ताे अस्थियाें काे उत्तर प्रदेश के साैराेजी गंगा तट पर विसर्जन कराकर मुक्ति मिले.

यह भी पढ़ेंः धौलपुरः शिक्षक ने विद्यालय के कमरे में फांसी लगाकर की आत्महत्या

सनातन धर्म में मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार का बड़ा महत्व होता है. इसके बाद अस्थियों को गंगा नदी में विसर्जित किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि अस्थियों का विसर्जन मृतक की आत्मा को मोक्ष दिलाने के लिए किया जाता है. लेकिन लॉकडाउन के दौरान मरने वाले लोगों की अस्थियों को मोक्ष का इंतजार है. जिले से अधिकांश लोग प्रयागराज में गंगा नदी में अस्थि विसर्जन के लिए जाते हैं.

बहरहाल, लॉकडाउन के चलते अभी इन अस्थियों को मोक्ष के लिए और इंतजार करना पड़ेगा. कोरोना का कहर मृतक की अस्थियों पर भी बना हुआ है. जो 20 मार्च से गंगा विसर्जन के लिए मोक्ष का इंतजार कर रही है.

धौलपुर. लॉकडाउन के चलते लाॅकर में रखे मृतकों के अस्थि कलश मोक्ष धाम के तालाें में बंद हैं. जबकि अंतिम संस्कार करने के बाद एक या दाे तक ही अस्थि लॉकर में रखी जाती हैं, जिन्हें मृतक आत्मा के परिजन विसर्जन के लिए गंगा ले जाते हैं. लेकिन 20 मार्च 2020 से अब तक जिनकी मृत्यु हुई है, उनकी अस्थियां माेक्ष के लिए लाॅकडाउन खुलने का इंतजार कर रही हैं.

अस्थियां विसर्जन का कर रही इंतजार

परिजन भी लाख कोशिशों के बाद भी अपनों की अस्थियों का विसर्जन नहीं कर पा रहे हैं. अब उन्हें बस लॉकडाउन खुलने का इंतजार है. अब लाॅकर भी अस्थियाें से बुक हाेने से लाेग बाहर लाॅकर के ऊपर अस्थि कलश इस आस से रखकर गए हैं कि जैसे ही जीवन सामान्य हाे ताे अस्थियाें काे उत्तर प्रदेश के साैराेजी गंगा तट पर विसर्जन कराकर मुक्ति मिले.

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सनातन धर्म में मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार का बड़ा महत्व होता है. इसके बाद अस्थियों को गंगा नदी में विसर्जित किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि अस्थियों का विसर्जन मृतक की आत्मा को मोक्ष दिलाने के लिए किया जाता है. लेकिन लॉकडाउन के दौरान मरने वाले लोगों की अस्थियों को मोक्ष का इंतजार है. जिले से अधिकांश लोग प्रयागराज में गंगा नदी में अस्थि विसर्जन के लिए जाते हैं.

बहरहाल, लॉकडाउन के चलते अभी इन अस्थियों को मोक्ष के लिए और इंतजार करना पड़ेगा. कोरोना का कहर मृतक की अस्थियों पर भी बना हुआ है. जो 20 मार्च से गंगा विसर्जन के लिए मोक्ष का इंतजार कर रही है.

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