ETV Bharat / state

बिजौली की सरकारी भूमि पर पेपर मिल निर्माण का मामला, शिकायत पर पुलिस ने नहीं की कार्रवाई

author img

By

Published : Feb 12, 2021, 10:29 PM IST

धौलपुर के बाड़ी में शुक्रवार को सरकारी जमीन को फर्जी तरीके से बेचने का मामला सामने आया. जिसके बाद मामले को लेकर एक पशु पालक ने इस्तगासा देकर मामला दर्ज कराया है. पशु पालक ने जिसा कलेक्टर से सरकारी चारागाह भूमि को मुक्त कराने की मांग की है.

राजस्थान की ताजा हिंदी खबरें, Bari Sadar Police Station Area
पशु पालक ने सरकारी भूमि को मुक्त करवाने की मांग की

बाड़ी (धौलपुर). जिले के बाड़ी सदर थाना क्षेत्र के कचेलपुरा, बिजौली गांव स्थित सरकारी भूमि के फर्जी तरीके से बेचे जाने और विक्रय करने को लेकर गांव के एक पशु पालक ने इस्तगासे के माध्यम से मामला दर्ज कराया है. जिला पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर को भी मामले से अवगत कराते हुए सरकारी चारागाह भूमि को मुक्त कराने की मांग की है. जिससे गांव के पशु उक्त भूमि में चर सके और ग्रामीणों को परेशानी ना हो.

पीड़ित भूरा पुत्र दुर्गा गुर्जर ने इश्तगासे के माध्यम से आरोप लगाया है कि गांव के सरनाम, बटकना, जोगिंदर, रामेश्वर, सुरेंद्र और पास के गांव समाधिया पुरा के रविंद्र पुत्र कैलाशी ने खसरा नंबर 1586 बटा 1982/1958 रकबा 244 बीघा 11 बिस्वा भूमि को आगरा खंदारी निवासी सेठ विनीत पुत्र प्रेम नारायण खन्ना और करण खन्ना पुत्र विनीत खन्ना को 12 लाख रुपए में फर्जकारी कर बेंच दिया. उक्त भूमि पर दोनों उद्योगपतियों ने बाद में पेपर फैक्ट्री लगा ली और आस-पास की सरकारी भूमि पर भी कब्जा कर लिया.

पढ़ें- धौलपुर: 50 लाख की रिकवरी के लिए 55 ट्रांसफार्मर जब्त, 4 गांवों में हुई कार्रवाई

ऐसे में अब गांव के पशु चरने से वंचित है और कागज की फैक्ट्री में गत्ता निर्माण के दौरान होने वाले केमिकल की बदबू से ग्रामीण जहरीले वातावरण में जीने को मजबूर है. गांव के बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. पीड़ित भूरा पुत्र दुर्गा गुर्जर का कहना है कि वो पशुपालक है और तीन-चार साल से अपने बच्चों को लेकर जयपुर मजदूरी करने चला गया था. जब वहां से वापस लौटा तो उसने देखा कि उसके गांव के लोग जिस सरकारी भूमि पर पशु चराते थे वहां एक फैक्ट्री का निर्माण हो गया है. जब उसने पूरे मामले का पता लगाया तो गांव के नामदर्ज आरोपियों ने उक्त भूमि को दोनों व्यापारियों को 12 लाख रुपए में बेचना सामने आया.

बाड़ी (धौलपुर). जिले के बाड़ी सदर थाना क्षेत्र के कचेलपुरा, बिजौली गांव स्थित सरकारी भूमि के फर्जी तरीके से बेचे जाने और विक्रय करने को लेकर गांव के एक पशु पालक ने इस्तगासे के माध्यम से मामला दर्ज कराया है. जिला पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर को भी मामले से अवगत कराते हुए सरकारी चारागाह भूमि को मुक्त कराने की मांग की है. जिससे गांव के पशु उक्त भूमि में चर सके और ग्रामीणों को परेशानी ना हो.

पीड़ित भूरा पुत्र दुर्गा गुर्जर ने इश्तगासे के माध्यम से आरोप लगाया है कि गांव के सरनाम, बटकना, जोगिंदर, रामेश्वर, सुरेंद्र और पास के गांव समाधिया पुरा के रविंद्र पुत्र कैलाशी ने खसरा नंबर 1586 बटा 1982/1958 रकबा 244 बीघा 11 बिस्वा भूमि को आगरा खंदारी निवासी सेठ विनीत पुत्र प्रेम नारायण खन्ना और करण खन्ना पुत्र विनीत खन्ना को 12 लाख रुपए में फर्जकारी कर बेंच दिया. उक्त भूमि पर दोनों उद्योगपतियों ने बाद में पेपर फैक्ट्री लगा ली और आस-पास की सरकारी भूमि पर भी कब्जा कर लिया.

पढ़ें- धौलपुर: 50 लाख की रिकवरी के लिए 55 ट्रांसफार्मर जब्त, 4 गांवों में हुई कार्रवाई

ऐसे में अब गांव के पशु चरने से वंचित है और कागज की फैक्ट्री में गत्ता निर्माण के दौरान होने वाले केमिकल की बदबू से ग्रामीण जहरीले वातावरण में जीने को मजबूर है. गांव के बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. पीड़ित भूरा पुत्र दुर्गा गुर्जर का कहना है कि वो पशुपालक है और तीन-चार साल से अपने बच्चों को लेकर जयपुर मजदूरी करने चला गया था. जब वहां से वापस लौटा तो उसने देखा कि उसके गांव के लोग जिस सरकारी भूमि पर पशु चराते थे वहां एक फैक्ट्री का निर्माण हो गया है. जब उसने पूरे मामले का पता लगाया तो गांव के नामदर्ज आरोपियों ने उक्त भूमि को दोनों व्यापारियों को 12 लाख रुपए में बेचना सामने आया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.