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दौसाः हीमोफीलिया बीमारी की कार्यशाला का आयोजन, रक्तदान के लिए किया प्रेरित - Dausa News

दौसा जिला अस्पताल में हीमोफीलिया बीमारी की एक कार्यशाला आयोजित कर लोगों को इस घातक बीमारी के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही स्वस्थ व्यक्ति को अधिक से अधिक रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया गया.

हीमोफीलिया कार्यशाला का आयोजन,  Dausa News
हीमोफीलिया कार्यशाला का आयोजन
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Published : Feb 19, 2020, 6:57 PM IST

दौसा. जिला अस्पताल में बुधवार को एक दिवसीय हीमोफीलिया कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला के माध्यम से लोगों को अधिक से अधिक रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया गया.

हीमोफीलिया कार्यशाला का आयोजन

कार्यशाला को संबोधित करते हुए ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ अखिलेश मीणा ने बताया कि जिन बच्चों को हीमोफीलिया बीमारी होती है, उनके लिए ब्लड की आवश्यकता बहुत अधिक रहती है. इसलिए साधारण व्यक्ति को अधिक से अधिक बार जीवन में रक्तदान करना चाहिए. हीमोफीलिया बीमारी अनुवांशिकता के कारण माता-पिता से बच्चों में आ जाती है और शरीर में लाल रक्त कणिकाएं नहीं बन पाती है. इसके कारण व्यक्ति के शरीर में रक्त की कमी हो जाती है.

पढ़ें- DPC न होने के चलते स्वास्थ्य महकमे में खाली चल रहे हैं यह पद,! सदन में आज फिर हुई स्पीकर और माहेश्वरी के बीच नोक-झोंक

मीणा ने बताया, कि हीमोफीलिया के मरीज को महीने में एक बार ब्लड की आवश्यकता होती है. इसीलिए साधारण व्यक्ति को हीमोफीलिया के मरीजों को ध्यान में रखते हुए और उनकी रक्त की आवश्यकता को देखते हुए रक्तदान करना चाहिए.

हीमोफीलिया बीमारी को लेकर बुधवार को दौसा जिला अस्पताल में एक कार्यशाला आयोजित कर लोगों को इस घातक बीमारी के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही स्वस्थ व्यक्ति को अधिक से अधिक रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया गया.

दौसा. जिला अस्पताल में बुधवार को एक दिवसीय हीमोफीलिया कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला के माध्यम से लोगों को अधिक से अधिक रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया गया.

हीमोफीलिया कार्यशाला का आयोजन

कार्यशाला को संबोधित करते हुए ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ अखिलेश मीणा ने बताया कि जिन बच्चों को हीमोफीलिया बीमारी होती है, उनके लिए ब्लड की आवश्यकता बहुत अधिक रहती है. इसलिए साधारण व्यक्ति को अधिक से अधिक बार जीवन में रक्तदान करना चाहिए. हीमोफीलिया बीमारी अनुवांशिकता के कारण माता-पिता से बच्चों में आ जाती है और शरीर में लाल रक्त कणिकाएं नहीं बन पाती है. इसके कारण व्यक्ति के शरीर में रक्त की कमी हो जाती है.

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मीणा ने बताया, कि हीमोफीलिया के मरीज को महीने में एक बार ब्लड की आवश्यकता होती है. इसीलिए साधारण व्यक्ति को हीमोफीलिया के मरीजों को ध्यान में रखते हुए और उनकी रक्त की आवश्यकता को देखते हुए रक्तदान करना चाहिए.

हीमोफीलिया बीमारी को लेकर बुधवार को दौसा जिला अस्पताल में एक कार्यशाला आयोजित कर लोगों को इस घातक बीमारी के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही स्वस्थ व्यक्ति को अधिक से अधिक रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया गया.

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