दौसा. वन विभाग की ओर से करवाई गई वन्यजीव गणना में वन्यजीवों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जिले जहां वर्ष 2017- 18 में एक भी बघेरा नहीं था. वहीं, इस बार वन्यजीव गणना में जिले में आधा दर्जन से अधिक बघेरे पाए गए हैं.
सहायक वन संरक्षक पियूष शर्मा ने बताया कि वन्य जीव गणना में इस बार सियार के अलावा सभी जीवो में इजाफा पाया गया है . हालांकि जिले में सियार फिर भी 958 है. वहीं लोमड़ी जो कि जिले में पहले 66 थी वह इस वर्ष बढ़कर 100 हो गई हैं. जिले में सांभर जो एक भी नहीं था, वह इस वर्ष 13 पाए गए हैं. नीलगाय 1460 मिल रही हैं. इस प्रकार जंगली सूअर व सेइ जैसे वन्यजीवों में भी इजाफा पाया गया है. पक्षियों की बात करें तो राष्ट्रीय पक्षी मोर भी जो कि पिछले साल 1567 थे वह इस वर्ष बढ़कर 1768 हो गए हैं.
सहायक वन संरक्षक ने बताया कि जंगलों में ही पानी की व्यवस्था कर देने से जंगली जीव रिहायशी इलाकों में नहीं आते. उन्होंने बताया कि वन्यजीव गणना बुद्ध पूर्णिमा पर ही करवाई जाती है. जिसका मुख्य कारण यह है कि चंद्रमा की रोशनी अधिक होती है. जिससे कि रात्रि में जंगली जानवरों को आसानी से देखा जाता है व जीव 24 घंटे में एक बार पानी पीने के लिए जरूर बाहर आते हैं. मुख्यतः रात्रि में ही आते हैं इसलिए रात्रि में बुद्ध पूर्णिमा रोशनी अधिक होने से उन्हें आसानी से देखा जा सकता है. और उनकी गिनती की जा सकती है .