दौसा. पंचायत राज विभाग ने चुनाव करवाकर गांव को सरकारें तो प्रदान कर दी, लेकिन उन सरकारों के लिए कोई कार्यालय की व्यवस्था नहीं हुई. ऐसे में अब गांव की सरकार विद्यालयों से संचालित होगी. राज्य सरकार ने गांव के विकास के लिए नई पंचायत समितियां और ग्राम पंचायत तो बना दी. लेकिन अब गांव की सरकार को बैठने के लिए आश्रय की भी तलाश है.
ग्राम पंचायतों के पास स्वयं के भवन नहीं होने से उनके सामने यह सवाल है कि ग्राम पंचायत कहां से चलेगी. कोरोना के कारण इन दिनों सरकारी स्कूलों में छुट्टियां होने के कारण अधिकारी गांव की सरकार को इन भवनों में चलाने की तैयारी में लगे हुए हैं. जबकि नए भवन के निर्माण की कोई चर्चा नहीं की जा रही. बता दें कि पंचायत समिति की ग्राम पंचायतों के चुनाव हो चुके हैं. इनमें से 2 नवगठित ग्राम पंचायत कंवरपुरा और पिपल्या चैनपुरा नवगठित ग्राम पंचायत है. लेकिन अभी तक इनमें पंचायत भवन के लिए भूमि रूपांतरण नहीं होने से भवनों का निर्माण कार्य फाइलों में ही अटका पड़ा है.
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इस बीच विकास अधिकारी डॉक्टर हरकेश मीणा का कहना है कि सरकार ने लवाण पंचायत समिति में पिपल्या कंवरपुरा को नई ग्राम पंचायत बनाया. वहीं ठिकरिया कालीखाड़ और मनपुरिया को नई ग्राम पंचायत का दर्जा मिला है. विकास अधिकारी ने बताया कि पंचायत भवनों के मौके पर जाकर जमीन भी देख ली गई है, लेकिन भूमि चरागाह की होने के पट्टे जारी नहीं किए जा सकते. ऐसे में पहले भूमि का रूपांतरण होना जरूरी है.