दौसा. रामगढ़ पचवारा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कार की डिक्की से एक युवक का शव बरामद किया है. डेड बॉडी ठिकाने लगाने का प्रयास कर रहे तीन युवकों को पुलिस ने पकड़ा है. बताया जा रहा है कि रुपयों की लालच में एक युवक ने अपनी ही बुआ के बेटे को मौत के घाट उतार दिया. मामले की जानकारी देते हुए रामगढ़ पचवारा थाने के एएसआई छोटेलाल ने बताया कि सोमवार को पुलिस ने बीडोली गांव के पास काले रंग की बिना नंबर वाली संदिग्ध कार को रोकने का प्रयास किया तो कार चालक ने कार नहीं रोकी.
जिसके बाद पुलिस दल ने निजी वाहन से कार का पीछा करना शुरू कर दिया और सलेमपुरा गांव के पास कार के आगे गाड़ी लगाकर कार रुकवा लिया गया. पीछा करने के दौरान आरोपियों की गाड़ी के आगे का एक एक टायर फट गया, उसके बाद भी कार को तेजी से भगाने का प्रयास किया. सलेमपुरा गांव में पुलिस द्वारा रोके जाने पर कार सवार तीनों युवकों ने पुलिस टीम को रुपये देने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस टीम जब कार की तलाशी ली तो पूरा भेद खुल गया.
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पुलिस ने कार रुकवाई तो उसमें महेंद्र (23 वर्ष) पुत्र गोपाल जाट, महेंद्र (24 वर्ष) पुत्र नंदाराम जाट और विजेंद्र (25 वर्ष) पुत्र सुखदेव जाट सवार मिले. तीनों ने पुलिस को बताया कि वे पढ़ाई करने वाले युवक हैं. जब पुलिस ने कार चेक किया तो डिक्की में एक युवक की लाश पड़ी हुई मिली, जिसकी पहचान विशाल जाट (25 वर्ष) पिता श्रवण कुमार जाट, निवासी दाता रामगढ के रूप में की गई. जिसके बाद पुलिस ने लाश को अपने कब्जे लेते हुए तीनों युवकों को डिटेन करते हुए थाने पर ले गई.
एएसआई छोटेलाल ने बताया कि कार सवार युवकों से जब लाश के बारे में पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि विशाल को बगरू इलाके में मार कर शव को ठिकाने लगाने के लिए यहां आए थे. एएसआई ने बताया कि कार से 18 लाख 43 हजार 500 रुपये की नकदी बरामद की है. पुलिस ने मामले की जानकारी परिजनों व बगरू पुलिस को दे दी है. बाद में आरोपियों व लाश को बगरू पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया. बगरू पुलिस मामले की जांच कर रही है. पुलिस के अनुसार मृतक विशाल जाट के पिता श्रवण कुमार जाट जयपुर कमिश्नरेट में ट्रैफिक पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं.
श्रवण कुमार ने बताया कि उनका बेटा जयपुर में सेकंड ग्रेड भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहा था. विशाल उनसे कोचिंग की फीस के रुपये लेने आया था. इस दौरान उनके बेटे के साथ, उनके साले का लड़का महेन्द्र पुत्र नंदाराम भी आया था. विशाल के अकाउंट में ज्यादा लेन-देन नहीं होने की वजह से उसको उन्होंने साढ़े आठ लाख रुपये दिए थे और 21 जनवरी शाम को ही उनके बेटे को उनके साले के बेटे व अन्य युवकों ने रुपये डबल करने का झांसा देकर अपने चंगुल में फंसा लिया और कार में बिठा लिया. उसके बाद हत्या कर दी. फिलहाल, कार से बरामद रुपयों को लेकर पुलिस जांच कर रही है.