दौसा. हाल ही में राज्यसभा और लोकसभा में पास हुए कृषि विधेयक के विरोध में कांग्रेस ने प्रदर्शन किया. दौसा में भी महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा, बांदीकुई विधायक जी आर खटाणा के नेतृत्व में दर्जनों कांग्रेसी कलेक्ट्रेट पहुंचे और भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी की.
इस दौरान कांग्रेसियों ने कृषि विधेयक 2020 को वापस लेने की मांग रखी. साथ ही यह आरोप लगाया कि इस नवीन कृषि विधेयक से किसानों को नुकसान होगा और किसानों की जमीनें चली जाएंगी. साथ ही मंडियां भी बंद हो जाएंगी. जिससे ना केवल किसानों, बल्कि व्यापारियों को भी नुकसान होगा. प्रदर्शन के बाद कांग्रेसियों ने जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम कृषि विधेयक वापस लेने की मांग को ज्ञापन सौंपा.
महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि कांग्रेस ने 70 साल में किसानों को समृद्ध व मजबूत बनाने के लिए प्रयास किए. जिसके लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई. चाहे किसानों की फसल को समर्थन मूल्य पर लेना हो या मंडियों के जरिए किसानों को मजबूत बनाना, लेकिन केंद्र सरकार ने किसान विरोधी कानून पारित करके किसानों की कमर तोड़ने का प्रयास किया है. ऐसे में यह विधेयक किसानों के लिए काला कानून साबित होगा.
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दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा कि सरकार को यदि विधेयक ही पारित करना था, तो इसमें एक निश्चित मूल्य तय करके किसानों की फसल को खरीदने का विधेयक पारित करना था. जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिले. सरकार ने बिना सोचे समझे यह विधेयक पारित कर दिया, जिससे किसान तो बर्बाद होंगे ही साथ-साथ लाखों की तादाद में व्यापारी जो कृषि मंडी के माध्यम से व्यापार करते हैं, उनको भी बड़ा घाटा होगा. पूरी मंडिया चौपट हो जाएगी और व्यापारी भी बर्बाद हो जाएंगे. आगामी समय में पूरे देश की हालत अमेरिका जैसे हो जाएंगे. जहां किसान अब खेती करना पसंद नहीं करते.