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महामारी में लापरवाही : दौसा के आइसोलेशन वार्ड से 10 कोरोना संदिग्ध फरार

दौसा जिले में सोमवार को चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. बता दें कि जिले में कोरोना संदिग्ध मरीजों के लिए बनाए गए वार्ड से 10 कोरोना संदिग्ध फरार हो गए हैं. वहीं, इनमें से 6 मरीजों की जांच रिपोर्ट अभी आना बाकी है. चिकित्सा विभाग मामले पर लीपापोती कर रही है.

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Published : Mar 30, 2020, 11:23 PM IST

कोरोना वायरस संदिग्ध फरार, covid 19
दौसा चिकित्सा विभाग की लापरवाही

दौसा. जिले में चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. एक ओर तो पूरे देश में कोरोना को लेकर सक्रियता बरती जा रही है, तो वहीं दौसा में स्वास्थय विभाग की लापरवाही सामने आई है. दौसा के मीणा हॉस्टल को स्वास्थ्य विभाग में अस्थाई आइसोलेशन वार्ड के रूप में स्थापित किया था. इस वार्ड में अनेक कोरोना संदिग्ध मरीज भर्ती थे, लेकिन पिछले दिनों इस वार्ड से 10 कोरोना संदिग्ध मरीज फरार हो गए.

दौसा चिकित्सा विभाग की लापरवाही

बता दें कि सोमवार को जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संदिग्ध मरीजों की पड़ताल की तो 10 मरीज कम मिले. जानकारी के अनुसार इनमें से 6 कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच रिपोर्ट भी अभी आना बाकी है. चिकित्सा विभाग के सूत्रों के अनुसार राहुल कमलेश, सौदान, मीठालाल, मुकेश और इंद्राज नामक व्यक्ति कोरोना संदिग्ध होने के कारण एडमिट हुए थे और इनके जांच के सैंपल भेजे गए थे और अभी तक इनके जांच की रिपोर्ट नहीं आई है.

पढे़ं- COVID-19: भीलवाड़ा में 3 अप्रैल से 'महाकर्फ्यू', मीडियाकर्मियों तक के बाहर निकलने पर पाबंदी

वहीं, फरार हुए कोरोना संदिग्ध मरीजों में से 4 मरीज ऐसे हैं जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें आइसोलेशन में रखा हुआ था. ऐसे में एक साथ 10 संदिग्ध मरीज फरार होने से चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. मामले को लेकर दौसा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पीएम वर्मा गोलमोल जवाब देते हुए नजर आए.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पीएम वर्मा का कहना है कि आइसोलेशन वार्ड से फरार हुए 6 मरीजों की आधिकारिक रूप से रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है. हालांकि मौखिक रूप से जानकारी मिली है कि वे सभी मरीज कोरोना नेगेटिव थे और नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद होम आइसोलेशन किया जा सकता है. लेकिन बिना अस्पताल से डिस्चार्ज हुए मरीज आइसोलेशन वार्ड से फरार हो गए. फिलहाल, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग फरार हुए मरीजों की तलाश कर रही है.

दौसा. जिले में चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. एक ओर तो पूरे देश में कोरोना को लेकर सक्रियता बरती जा रही है, तो वहीं दौसा में स्वास्थय विभाग की लापरवाही सामने आई है. दौसा के मीणा हॉस्टल को स्वास्थ्य विभाग में अस्थाई आइसोलेशन वार्ड के रूप में स्थापित किया था. इस वार्ड में अनेक कोरोना संदिग्ध मरीज भर्ती थे, लेकिन पिछले दिनों इस वार्ड से 10 कोरोना संदिग्ध मरीज फरार हो गए.

दौसा चिकित्सा विभाग की लापरवाही

बता दें कि सोमवार को जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संदिग्ध मरीजों की पड़ताल की तो 10 मरीज कम मिले. जानकारी के अनुसार इनमें से 6 कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच रिपोर्ट भी अभी आना बाकी है. चिकित्सा विभाग के सूत्रों के अनुसार राहुल कमलेश, सौदान, मीठालाल, मुकेश और इंद्राज नामक व्यक्ति कोरोना संदिग्ध होने के कारण एडमिट हुए थे और इनके जांच के सैंपल भेजे गए थे और अभी तक इनके जांच की रिपोर्ट नहीं आई है.

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वहीं, फरार हुए कोरोना संदिग्ध मरीजों में से 4 मरीज ऐसे हैं जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें आइसोलेशन में रखा हुआ था. ऐसे में एक साथ 10 संदिग्ध मरीज फरार होने से चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. मामले को लेकर दौसा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पीएम वर्मा गोलमोल जवाब देते हुए नजर आए.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पीएम वर्मा का कहना है कि आइसोलेशन वार्ड से फरार हुए 6 मरीजों की आधिकारिक रूप से रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है. हालांकि मौखिक रूप से जानकारी मिली है कि वे सभी मरीज कोरोना नेगेटिव थे और नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद होम आइसोलेशन किया जा सकता है. लेकिन बिना अस्पताल से डिस्चार्ज हुए मरीज आइसोलेशन वार्ड से फरार हो गए. फिलहाल, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग फरार हुए मरीजों की तलाश कर रही है.

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