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चूरू: जेल में विचाराधीन बंदी ने किया अन्न-जल का त्याग, खुद को बताया निर्दोष - राजकीय भरतियां अस्पताल

चूरू के जिला जेल में एक विचाराधीन बंदी ने अन्न-जल का त्याग कर दिया है. इसके बाद जब उसे अस्पताल लाया गया तो उसने खुद को निर्दोष बताते हुए हत्या के मामले में पुलिस पर फंसाने का आरोप लगाया है. वहीं, अस्पताल में उसने उपचार लेने भी मना कर दिया है.

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जेल में विचाराधीन बंदी ने किया अन्न जल का त्याग
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Published : Sep 22, 2020, 10:47 PM IST

चूरू. जिला जेल में हत्या के मामले में विचाराधीन 64 वर्षीय बंदी ने अन्न जल का त्याग कर दिया है. जेल में तबीयत बिगड़ने पर बंदी को राजकीय भरतियां अस्पताल के आपातकालीन वार्ड लाया गया. जहां बंदी ने उपचार लेने से साफ इनकार कर दिया. अस्पताल के चिकित्सकों और अधिकारियों ने बंदी से काफी देर तक समझाइश की लेकिन बंदी नहीं माना.

जेल में विचाराधीन बंदी ने किया अन्न जल का त्याग

अस्पताल लाए गए बंदी डूंगर सिंह ने खुद को निर्दोष बताते हुए पुलिस पर फंसाने का झूठा आरोप लगाया. शहर के निकटवर्ती गांव ऊंटवालिया निवासी बंदी डूंगर सिंह ने बताया कि उसके गांव में हुए एक झगड़े में महिला की मौत के मामले में उसे षड्यंत्र कर पुलिस ने आरोपी बनाया.

पढ़ें- चूरू: जिले की गड़बड़ाई चिकित्सा व्यवस्थाओं की शिकायत लेकर भाजपाई पहुंचे उपनिदेशक के पास

बंदी ने बताया कि वह 5 साल से हार्ट का रोगी है. उसके बावजूद उसे फंसा कर जेल में रखा जा रहा है. बंदी ने बताया कि अब इस जिंदगी से आहत होकर उसने 16 जनवरी 2020 को पहले भी भूख हड़ताल की थी. लेकिन फिर भी उसे न्याय नहीं मिला, अब फिर उसे न्याय के लिए अन्न-जल का त्याग करना पड़ रहा है.

बंदी ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए षड्यंत्र करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. बंदी डूंगर से ने कहा है कि यदि इस दौरान उसकी मौत हो जाती है तो इसके जिम्मेदार तत्कालीन चूरू डीएसपी सुखविंदर पाल सिंह, कांस्टेबल धर्मेंद्र कुमार, गांव ऊंटवालिया के मोती सिंह, अजय पाल सिंह, देवेंद्र सिंह उर्फ बबलू, सुरेंद्र सिंह आदि होंगे.

चूरू. जिला जेल में हत्या के मामले में विचाराधीन 64 वर्षीय बंदी ने अन्न जल का त्याग कर दिया है. जेल में तबीयत बिगड़ने पर बंदी को राजकीय भरतियां अस्पताल के आपातकालीन वार्ड लाया गया. जहां बंदी ने उपचार लेने से साफ इनकार कर दिया. अस्पताल के चिकित्सकों और अधिकारियों ने बंदी से काफी देर तक समझाइश की लेकिन बंदी नहीं माना.

जेल में विचाराधीन बंदी ने किया अन्न जल का त्याग

अस्पताल लाए गए बंदी डूंगर सिंह ने खुद को निर्दोष बताते हुए पुलिस पर फंसाने का झूठा आरोप लगाया. शहर के निकटवर्ती गांव ऊंटवालिया निवासी बंदी डूंगर सिंह ने बताया कि उसके गांव में हुए एक झगड़े में महिला की मौत के मामले में उसे षड्यंत्र कर पुलिस ने आरोपी बनाया.

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बंदी ने बताया कि वह 5 साल से हार्ट का रोगी है. उसके बावजूद उसे फंसा कर जेल में रखा जा रहा है. बंदी ने बताया कि अब इस जिंदगी से आहत होकर उसने 16 जनवरी 2020 को पहले भी भूख हड़ताल की थी. लेकिन फिर भी उसे न्याय नहीं मिला, अब फिर उसे न्याय के लिए अन्न-जल का त्याग करना पड़ रहा है.

बंदी ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए षड्यंत्र करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. बंदी डूंगर से ने कहा है कि यदि इस दौरान उसकी मौत हो जाती है तो इसके जिम्मेदार तत्कालीन चूरू डीएसपी सुखविंदर पाल सिंह, कांस्टेबल धर्मेंद्र कुमार, गांव ऊंटवालिया के मोती सिंह, अजय पाल सिंह, देवेंद्र सिंह उर्फ बबलू, सुरेंद्र सिंह आदि होंगे.

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