सरदारशहर (चूरू). कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जब से सरकार ने शहर में लॉकडाउन और कर्फ्यू लगाया है. तब से आम जनता को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक ओर जहां शिक्षा, चिकित्सा और व्यापार थम सा गया है और इस समय आम जनता को अपने जीवन यापन की चिंता सता रही है. ऐसे में अगर बात करें सरदारशहर के चिकित्सा व्यवस्था की, तो यहां पर ताल मैदान में बना राजकीय अस्पताल रेफरल अस्पताल के नाम से जाना जाता है.
दरअसल, निजी चिकित्सा के नाम पर भी शहर में कोई बड़ी सुविधा उपलब्ध नहीं है. दिल्ली तबलीगी जमात से लौटे 9 लोगों के सूचना मिलते ही प्रशासन के हाथ पांव फूल गए. ऐसे में आगे आया सरदारशहर का गांधी विद्या मंदिर संस्थान. शहर में स्थित ब्रह्मलीन स्वामी रामशरणजी महाराज द्वारा 70 वर्ष पहले से स्थापित गांधी विद्या मंदिर इस वैश्विक महामारी में पूर्ण रूप से जनसेवार्थ कार्यों में पिछले 27 दिनों से अनवरत रूप से संस्था के 'कुछ ना चाहो काम आ जाओ' और 'कोई और नहीं कोई गैर नहीं' के सिद्धांतों पर इस क्षेत्र में उल्लेखनीय काम कर रहा है.
संस्था के अध्यक्ष हिमांशु दूगड़ के नेतृत्व में कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान गांधी विद्या मंदिर संस्थान के कर्मचारी लगातार उपखंड प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना महामारी से लड़ाई लड़ रहे है. उपखंड अधिकारी रीना छिंपा का कहना है, कि कोरोना महामारी मानवता के लिए बड़ा खतरा है. लेकिन गांधी विद्या मंदिर संस्थान जैसी संस्थाओं की मदद से इस महामारी को भी प्रास्त किया जा सकता है.
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24 घंटे में तैयार किया क्वॉरेंटाइन वार्ड...
लोगों का कहना है, कि संस्थान का हमें भरपूर सहयोग मिल रहा हैं. जो वाकई में काबिले तारीफ है. आम जनता के लिए यह कार्य किए गए हैं. अब तक संस्थान ने प्रशासन की मांग पर पूर्ण सुसज्जित सभी सुविधाओं सहित गांधी विद्या मंदिर परिसर में 500 बेड़ का क्वॉरेंटाइन वार्ड 24 घंटे में तैयार कर लिया गया. इसके साथ ही डॉक्टरों की 5 टीमें प्रत्येक दिन कई लोगों को क्वॉरेंटाइन कर उनका उपचार और देखभाल कर रही है.
वर्तमान में 160 व्यक्तियों को क्वॉरेंटाइन और 15 व्यक्तियों को आइसोलेशन में भर्ती किया गया है और भी व्यक्तियों की संख्या बढ़ने की संभावना है. आयुर्वेद विश्व भारती महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रविंद्र कुमार चौधरी, कुलतार सिंह और डॉ. त्रिभुवन आदि के नेतृत्व में अन्य कार्मिक भी कोरोना योद्धा के रूप में अपना घर और परिवार छोड़कर 24 घंटे काम जुटे हुए है.
आयुर्वेद विश्व भारती की छात्रा केयूरी दूगड़ अपना अधिकांश समय क्वॉरेंटाइन वार्ड में भर्ती व्यक्तियों की सेवा में दे रही है. उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान मानित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कनकमल दूगड़ अस्वस्थ होते हुए भी निरंतर चिकित्सालय में जाकर मरीजों का हाल चाल पूछ रहे हैं. वर्तमान में कोरोना महासंकट के समय दूगड़ परिवार कि तीनों पीढ़ियां एक साथ सेवा कार्यों में जुटी हुई है.
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निःशुल्क दिया जा रहा दूध और छाछ...
गांधी विद्या मंदिर में स्थित केंद्रीय भोजनशाला के द्वारा क्वॉरेंटाइन वार्ड के व्यक्तियों और अन्य विभागों के कार्मिकों के परिवारों के लिए रोजाना भोजन, छाछ और दूध की व्यवस्था नि:शुल्क की जा रही है. सरदारशहर के सामाजिक संगठनों के सहयोग से कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए शहर और तहसील के संपूर्ण ग्रामीण क्षेत्रों में फागिंग के साथ- साथ 15 टन सोडियम हाइपोक्लोराइड़ रसायन का छिड़काव किया जा रहा है.
इससे पहले भी दे चुका है महत्वपूर्ण योगदान...
गांधी विद्या मंदिर ने इससे पहले भी प्राकृतिक आपदाओं के समय अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. जैसे- 1956 का अकाल, 1959-60 की अतिवृष्टि, 1964 में भीषण संक्रामक रोगों का फैलना, 1973 का भयंकर दुर्भिक्ष, 1987 का भीषण अकाल, 1998 में भारत-पाक के मध्य करगिल युद्ध के समय, 2001 में गुजरात के क्षेत्र भुज में आये भूकंप 2005 में तमिलनाडु राज्य के नागापट्टीनम जिले की सुनामी त्रासदी 2006 में बाड़मेर जिले की अतिवृष्टि, 2013 में उत्तराखंड राज्य की बाढ़, 2014 में जम्मू कश्मीर में भीषण बाढ़, 2016-17 में चिकनगुनिया और स्वाइन फ्लू आदि प्राकृतिक विपदा.
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बच्चों को ऑनलाइन क्लास के जरिए दी जा रही शिक्षा...
गांधी विद्या मंदिर के सभी विद्यालयों और उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान कई दिनों से ऑनलाइन क्लास के माध्यम से शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के कई विद्यार्थियों को शिक्षा दे रहा है. इस प्रकार विद्यार्थी घर बैठकर ही अपना अध्ययन कर रहे है.
एंटीवायरल काढ़े की बढ़ रही है मांग...
साथ ही साथ श्री भंवरलाल दूगड़ आयुर्वेद विश्व भारती महाविद्यालय द्वारा लगभग 2 .5 लाख शहरी एवं ग्रामीण जनता को सर्वज्वरहर एंटीवायरल काढ़े का वितरण कर चुका और आज भी इसकी मांग निरंतर बनी हुई है. इस काढ़े का नुस्खा स्वर्गीय श्री ए. नागराज, अमरकंटक (प्रणेता मध्यस्थ दर्शन सहअस्तित्ववाद )का सर्व सुख के लिए दिया गया है. यह उनके 800 वर्ष पुरानी आयुर्वेद की परिवार परंपरा से मिला है. यह सर्वज्वरहर काढ़ा सभी प्रकार के नए और पुराने मियादी बुखार, भूख की कमी, सिर दर्द, सांस लेने में तकलीफ कफ और खांसी में फायदा करता है.
वाकई में सरदारशहर पर जब जब बड़ा संकट आया है तब तक शहर के गांधी विद्या मंदिर संस्थान ने बड़ी भूमिका निभाई है. आज सरदारशहर में कोरोना का एक भी पॉजिटिव नहीं है. गांधी विद्या मंदिर संस्थान जैसे संस्थानों के सहयोग से निश्चित ही भारत कोरोना महामारी पर विजय प्राप्त करेगा.