चूरू. गहलोत सरकार की ओर से पेश किए गए बजट को लेकर चूरू विधायक और विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि यह बजट निराशाजनक है. चूरू के साथ इस बजट में नाइंसाफी हुई है. उन्होंने कहा कि हर बजट में चूरू को कुछ ना कुछ अच्छा मिलता है. कभी नेचर पार्क, तो कभी मेडिकल कॉलेज, तो कभी चूरू शहर में सड़कों के लिए 10 करोड़ रुपए मिले है, लेकिन इस बार महज 16 करोड़ रुपए तारानगर सड़क की चौड़ाई के लिए मिले है.
उन्होंने कह कि इस बजट से केवल शहर के औद्योगिक क्षेत्र का ही विकास होगा. इसके अलावा इसमें कुछ भी नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि पहली बार बजट में शिक्षा की अनदेखी की गई है. इससे पहले कभी महिला कॉलेज, कभी लॉ कॉलेज के भवन निर्माण के लिए राशि मिली है.
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उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि यह बजट खोदा पहाड़ और निकली चुहिया वाली कहावत चरितार्थ करता है. यह बजट उधार की अर्थनीति पर टिका हुआ है. प्रदेश का इस बजट से कोई विकास हो सकेगा, इसकी उम्मीद भी नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार कर्मचारियों की तनख्वाह ही नहीं चुका सकती, उनसे बजट के माध्यम से प्रदेश के विकास की उम्मीद नहीं की जा सकती है.
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उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार की ओर से पेश किए गए बजट में चूरू के लिए कुछ भी नहीं है. तारानगर रोड चौड़ी करने के लिए महज 16 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इसके अलावा चूरू को कुछ भी खास नहीं मिला है. यह बजट निराशाजनक है.