चूरू. जिले में हुए पंचायती राज चुनावों में जनता ने दिग्गजों को झटका दिया है और परिवारवाद की राजनीति को सिरे से नकारा है. मंगलवार को आए पंचायत समिति सदस्यों और जिला परिषद के चुनाव परिणामों ने दिग्गजों को आत्ममंथन करने की सलाह दी है, क्योकि यहां प्रदेश की राजनीति में हस्तक्षेप करने वाले राजस्थान विधानसभा में उपेनता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ अपने विधानसभा क्षेत्र में पंचायत समिति चुनावों में भाजपा को बहुमत नहीं दिला पाए. 19 वार्डो में से कांग्रेस दस वार्डो में अपने प्रत्याशियों को जीताकर प्रधान बनाने की तैयारी कर रही है.
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तो जनता ने यहां परिवारवाद की राजनीति को भी नकारा है और सादुलपुर से कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनियां को यह साफ संदेश दिया है कि परिवारवाद की राजनीति यहां नही चलेगी. सादुलपुर विधायक कृष्णा पूनियां की सास निहाली देवी ब्लॉक 26 और देवरानी राजबाला को ब्लॉक 18 में इन चुनावों में हार मिली है. इसी तरह सरदारशहर विधायक पंडित भंवर लाल शर्मा की पत्नी मनोहरी देवी को ब्लॉक 22 में हार का सामना करना पड़ा है, तो तारानगर के पूर्व विधायक जयनारायण पूनिया की पुत्रवधू सुनीता को भी ब्लॉक 6 की जनता ने नकारा है. पूर्व मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल के निधन के बाद कांग्रेस को सुजानगढ़ में बड़ा झटका लगा है. 61 साल में पहली बार सुजानगढ़ में भाजपा अपना प्रधान बनाएगी. यहां 25 सीटों में से 10 सीटों पर ही कांग्रेस अपने प्रत्याशियों को जीता पायी है.