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विद्यार्थियों की जान जोखिम में डालने वाले कोंचिग संस्थानों को सीज करेगा नगर परिषद

जिले के विद्यार्थियों की जान जोखिम में डालने वाले कोंचिग संस्थानों को नगर परिषद सीज करने की तैयारी में हैं. नगरपरिषद आयुक्त अभिलाषा सिंह ने बताया कि निर्देशों की पालना सभी कोचिंग संस्थानों को करनी होगी. अगर जांच के दौरान कोंचिग सेंटर में किसी तरह की कोई कमी पाई जाती है, तो उक्त कोचिंग सेंटर को सीज करने की कार्रवाई की जाएगी.

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Published : Jul 20, 2019, 11:53 PM IST

अभिलाषा सिंह, नगर परिषद आयुक्त

चूरू. शहर में चल रहे अवैध कोंचिग संस्थानों पर अब विभागीय कारवाई होगी. विद्यार्थियों की जान जोखिम में डालने वाले कोंचिग संस्थानों को नगरपरिषद सीज करने की तैयारी में हैं. बताया जा रहा है कि सरकारी नियमों के अनुसार कोंचिग क्लासेज में फायर सिस्टम और सुरक्षा के सभी पुख्ता इंतजामात होना जरूरी हैं. अगर, किसी भी कोचिंग संस्थान में ये जरूरी सुविधा नहीं पाई जाती है तो उस संस्थान को सीज कर दिया जाएगा.

दरअसल, नगर परिषद क्षेत्र चूरू में अवैध और बिना स्वीकृति के चलने वाले कोचिंग सेंटरों को अब नगर परिषद द्वारा सीज करने की कार्रवाई की जाएगी. नगर परिषद आयुक्त अभिलाषा सिंह ने बताया कि राजस्थान भवन विनियम 2017 के अनुसार कोचिंग सेंटर के संचालन से पूर्व निर्माण स्वीकृति नियमन से संबंधित मापदंड पूर्ण करना आवश्यक है. नगर परिषद आयुक्त ने बताया कि 100 से अधिक विद्यार्थी एक समय में उपस्थित होते हैं, तो भवन विनियमों के अनुसार संस्थानिक परियोजनार्थ भवन के मापदंड लागू होंगे.

अब अवैध कोचिंग संस्थानों पर चलेगा नगरपरिषद का डंडा

वहीं, जिस भूखंड में कोंचिग सेंटर चल रहा है, उसमें छात्र-छात्राओं के लिए सभी जरूरी सुविधाएं टॉयलेट और पेयजल का प्रावधान प्रचलित नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार होना चाहिए. नगरपरिषद आयुक्त अभिलाषा सिंह ने बताया कि निर्देशों की पालना सभी कोचिंग संस्थानों को करनी होगी. अगर जांच के दौरान कोंचिग सेंटर में किसी तरह की कोई कमी पाई जाती है, तो उक्त कोचिंग सेंटर को सीज करने की कार्रवाई की जाएगी.

चूरू. शहर में चल रहे अवैध कोंचिग संस्थानों पर अब विभागीय कारवाई होगी. विद्यार्थियों की जान जोखिम में डालने वाले कोंचिग संस्थानों को नगरपरिषद सीज करने की तैयारी में हैं. बताया जा रहा है कि सरकारी नियमों के अनुसार कोंचिग क्लासेज में फायर सिस्टम और सुरक्षा के सभी पुख्ता इंतजामात होना जरूरी हैं. अगर, किसी भी कोचिंग संस्थान में ये जरूरी सुविधा नहीं पाई जाती है तो उस संस्थान को सीज कर दिया जाएगा.

दरअसल, नगर परिषद क्षेत्र चूरू में अवैध और बिना स्वीकृति के चलने वाले कोचिंग सेंटरों को अब नगर परिषद द्वारा सीज करने की कार्रवाई की जाएगी. नगर परिषद आयुक्त अभिलाषा सिंह ने बताया कि राजस्थान भवन विनियम 2017 के अनुसार कोचिंग सेंटर के संचालन से पूर्व निर्माण स्वीकृति नियमन से संबंधित मापदंड पूर्ण करना आवश्यक है. नगर परिषद आयुक्त ने बताया कि 100 से अधिक विद्यार्थी एक समय में उपस्थित होते हैं, तो भवन विनियमों के अनुसार संस्थानिक परियोजनार्थ भवन के मापदंड लागू होंगे.

अब अवैध कोचिंग संस्थानों पर चलेगा नगरपरिषद का डंडा

वहीं, जिस भूखंड में कोंचिग सेंटर चल रहा है, उसमें छात्र-छात्राओं के लिए सभी जरूरी सुविधाएं टॉयलेट और पेयजल का प्रावधान प्रचलित नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार होना चाहिए. नगरपरिषद आयुक्त अभिलाषा सिंह ने बताया कि निर्देशों की पालना सभी कोचिंग संस्थानों को करनी होगी. अगर जांच के दौरान कोंचिग सेंटर में किसी तरह की कोई कमी पाई जाती है, तो उक्त कोचिंग सेंटर को सीज करने की कार्रवाई की जाएगी.

Intro:चूरू_ शहर में चल रहे बिना प्रशाशनिक स्वीकृति अवैध कोंचिग संस्थानों पर होगी अब विभागीय कारवाई.सरकारी नियमो के अनुसार कोंचिग क्लासेज में फायर सिस्टम,और सुरक्षा के सभी पुख्ता इंतजामात होना है जरूरी विद्यार्थियों की जान जोखिम में डालने वाले कोंचिग संस्थानों को नगरपरिषद करेगा सीज।


Body:नगर परिषद क्षेत्र चूरू में चलने वाले अब अवैध एवं बिना सक्षम स्वीकृति के चलने वाले कोचिंग सेंटरों को अब नगर परिषद द्वारा सीज करने की कार्रवाई की जाएगी. नगर परिषद आयुक्त अभिलाषा सिंह ने बताया कि राजस्थान भवन विनियम 2017 के अनुसार कोचिंग सेंटर के संचालन से पूर्व निर्माण स्वीकृति नियमन से संबंधित मापदंड पूर्ण करना आवश्यक है। नगर परिषद आयुक्त ने बताया कि 100 से अधिक विद्यार्थी एक समय में उपस्थित होते हो तो भवन विनियमो के अनुसार संस्थानिक परियोजनार्थ भवन के मापदंड लागू होंगे जिन कोचिंग संस्थानों में 10 से अधिक परंतु 100 तक विद्यार्थी एक समय में उपस्थित होते हैं तो इसके लिए सड़क मार्ग पर अधिकारी बड़े शहरों में न्यूनतम मीटर व मध्यम लघु शहरों में न्यूनतम 15 मीटर भूखंड का क्षेत्रफल न्यूनतम 300 वर्ग मीटर तथा प्रत्येक अभ्यार्थी 1 पारी के विद्यार्थी की संख्या के आधार पर के लिए न्यूनतम 4 वर्ग मीटर गणना योग्य निर्मित क्षेत्रफल होना जरूरी है.





Conclusion:जिस भूखंड में कोंचिग सेंटर चल रहा है उसमें छात्र-छात्राओं के लिए सभी जरूरी सुविधाएं टॉयलेट व पेयजल का प्रावधान प्रचलित नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार होना चाहिए.नगरपरिषद आयुक्त अभिलाषा सिंह ने बताया कि निर्देशों की पालना सभी कोचिंग संस्थानों को करनी होगी अगर जांच के दौरान कोंचिग सेंटर में किसी तरह की कोई कमी पाई जाती है तो उक्त कोचिंग सेंटर को सीज करने की कार्रवाई की जाएगी


बाईट_अभिलाषा सिंह,नगरपरिषद आयुक्त चूरू
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