चूरू. 60 दिनों की बाजार बंदी के बाद चूरू जिला मुख्यालय के बाजार खुले तो सही, लेकिन कोरोना के कहर से सहमें लोगों ने बाजार से दूरी बनाए रखी. इन 60 दिनों की बेरोजगारी के बाद जब बाजार खुले तो ईटीवी भारत ने बाजार के व्यापारियों से बात की, लेकिन व्यापारियों के माथे पे ठप हुए करोड़ो के व्यापार की चिंता की लकीरें भी साफ दिखाई दे रही थी.
बता दें, कि कोरोना की वैश्विक महामारी ने भारत ही नही बल्कि विश्व के अनेकों देशों की अर्थव्यवस्था को ठप कर दिया. करीब दो माह से औंधे मुंह बंद पड़े कारोबार को सरकार और प्रशासन ने शुरू कर आर्थिक गतिविधियां शुरू करने का मानस मनाया, तो जिला मुख्यालय के बाजार खुल गए, लेकिन यहां बाजारों की रौनक गायब दिखी. ग्राहकों के अभाव में दिनभर व्यापारियों का यह सोचने में निकल गया कि कैसे अर्थव्यवस्था की यह गाड़ी पटरी पर आएगी और कर्मचारियो को पगार देंगे.
कारोबार हुआ ठप
कोरोना संक्रमण काल के बीच जब चूरू के बाजार खुले तो ईटीवी भारत ने बाजार के इन व्यापारियों से बात कर हालातों को जानने का प्रयास किया. इन 60 दिनों की बाजार बंदी के बारे में व्यापारी क्या कहते है और किस तरह के हालात आज व्यापारियों के सामने पैदा हुए और कितना इन 60 दिनों की बाजार बंदी में कारोबार ठप हुआ.
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सबसे पहले शहर के मेन मार्केट गढ़ चौराहे पर स्थित कपड़ा व्यवसायी सुनील भाउवाला से बात की तो उन्होंने कहा कि इन 60 दिनों में हमने खोने को तो बहुत कुछ खोया है, लेकिन बदले में हमने हमारा जीवन पाया है. उन्होंने कहा, कि 60 से 70 करोड़ रुपए का चूरू का कपड़ा व्यापार इन 60 दिनों की बाजार बंदी में प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा, कि बाजार की रौनक लौटने में समय लगेगा, क्योकि अभी जिले में बसों का और संचालन नहीं हुआ.
बाजारों में सन्नाटा पसरा है
इसी कड़ी में मेन बाजार में साड़ी और लेडीज सूट के व्यापारी अमर मोरानी के पास टीम पहुंची तो उन्होंने बताया, कि देहात अभी पूरी तरह से बंद है. जिसके चलते बाजारों में सन्नाटा पसरा है और सरकार के और से जारी दिशा निर्देशों की भी हम पालना कर रहे है. दुकान में आधा स्टाफ ही बुला रहे है. उन्होंने कहा, कि इस बीच कर्मचारियों की पगार की वैसे तो सभी व्यापारियों को चिंता सता रही है, लेकिन हमने हमारे कर्मचारियों को मार्च माह की पगार दे दी.
इसके साथ ही लॉकडाउन का असर किराना व्यवसाय पर वैसे तो इतना नहीं पड़ा, लेकिन शादी-विवाह जैसे समारोह नहीं होने के कारण जो बिक्री इन दिनों रहती थी वह नहीं हुई. ईटीवी भारत की टीम शहर के मुख्य बाजार में दूल्हा हाउस पहुंची, जहां व्यापारी योगेश लोहिया ने बताया कि लॉकडाउन के चलते अभी तक बस और ट्रेनें नहीं शुरू हुई. जिसके चलते लोगों की आवाजाही अभी शुरू नहीं हुई और कुछ लोगों में कोरोना का भी डर है. दूल्हा हाउस के योगेश लोहिया ने बताया, कि लॉकडाउन में शादियां कैंसिल होने से चूरू के दूल्हा हाउस संचालकों को 60 दिनों की इस बाजार बंदी में तकरीबन ढाई से तीन करोड़ का नुकसान हुआ है.
इसी क्रम में शहर की एक मिठाई की दुकान की हालात जानी गई. जहां, मिठाई का काउंटर लगभग खाली दिखा. दुकान मालिक ने बताया कि लॉकडाउन के चलते बहुत नुकसान हुआ है. दुकान के स्टाफ का खर्चा साथ में अब यह भी डर है, कि कहीं मॉल तैयार कर ले और फिर से बाजार बंद न हो जाए.