सरदारशहर (चूरू). कोरोना महामारी में देश में ऐसा कम ही देखने को मिला जहां कोई भूखा सोया हो. इसकी वजह है देश की एकजुटता और वासुदेव कुटुंबकम को मानने वाली भारतीय संस्कृति की तस्वीरें सामने आई.
लॉकडाउन और शहर में लगे कर्फ्यू के चलते सरदारशहर में ऐसे बहुत से परिवार थे जो यहां फंस गए थे. जिनके खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में अखिल भारतीय किसान सभा ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया और जनता रसोई शुरू कर दी. जनता रसोई के माध्यम से ना सिर्फ जरूरतमंद लोगों को खाना खिला रहे हैं, बल्कि मीलों का सफर नापने वाले प्रवासी मजदूर जोकि सड़कों पर चल रहे हैं उनके भी गंतव्य तक जाकर उन्हें खाना दे रहे हैं.
अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा किसान मजदूर भवन में चलाई जा रही जनता रसोई की विशेष बात यह है, कि इस जनता रसोई के लिए क्षेत्र के किसानों ने अपने अन्नों के भंडार खोल दिए हैं और भोजन बनाने का काम युवाओं द्वारा किया जा रहा है.
हर दिन दोनों समय बनता है भोजन...
सरदारशहर में जरूरतमंद लोगों के लिए किसान मजदूर भवन में दोनों समय सुबह और शाम 200 से ढाई सौ लोगों का खाना बनता है, जोकि यहां फंसे हुए जरूरतमंद परिवारों के साथ-साथ झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले परिवारों को भी भोजन देते हैं. रसोई में काम करने वाले युवाओं का कहना है, कि कोरोना जैसी महामारी को हम सब मिलकर ही हरा सकते हैं. हमारा यह फर्ज बनता है, कि हमारे आस-पास कोई भी व्यक्ति भूखा ना सोए.
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इस जनता रसोई का पूरा खर्चा सरदारशहर तहसील के किसान उठा रहे हैं. किसानों की ओर से यहां पर अनाज, सब्जी और पैसे का सहयोग किया जा रहा है. गौरतलब है, कि किसानों को इस बार लॉकडाउन के चलते भारी मार झेलनी पड़ी है, लेकिन लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए अन्नदाताओं ने लोगों की पीड़ा को समझा.