ETV Bharat / state

चूरू में 51 दिनों से धरना दे रही आशा सहयोगिनी उतरी सड़कों पर, चक्का जाम करने की चेतावनी

स्थायीकरण और मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर चूरू जिला मुख्यालय पर पिछले 51 दिनों से आशा सहयोगिनी धरने पर बैठी हैं. इस बीच इन लोगों ने बुधवार को सर्किट हाउस से कलेक्ट्रेट तक रैली निकालकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किया है. वहीं मांगें नहीं माने जाने पर चक्का जाम करने की चेतावनी दी है.

asha sahyogini protested in churu
चूरू में 51 दिनों से धरना दे रही आशा सहयोगिनी उतरी सड़कों पर
author img

By

Published : Dec 16, 2020, 10:13 PM IST

चूरू. स्थायीकरण और मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर चूरू जिला मुख्यालय पर पिछले 51 दिनों से जिला कलेक्ट्रेट के आगे धरने पर बैठी आशा सहयोगिनियों ने बुधवार को सर्किट हाउस से कलेक्ट्रेट तक रैली निकालकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किया है. वहीं मांगे नहीं माने जाने पर ट्रेन रोकने और सड़कों पर उतर चक्का जाम करने की चेतावनी दी है. अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरी आशाओं ने कहा कि पिछले 51 दिनों से धरने पर बैठी है, लेकिन सरकार कोई सुध नहीं ले रही है.

चूरू में 51 दिनों से धरना दे रही आशा सहयोगिनी उतरी सड़कों पर

इस बीच आशाओं ने कहा कि चाहे हमें भूख हड़ताल पर बैठना पड़े, अब हम यहां से तभी उठेंगे, जब हमारी मांगे मानी जाएगी. आशाओं ने कहा कि 2004 से वह कार्यरत है. सरकार द्वारा उन्हें मानदेय श्रेणी में रखा गया है. इतने समय बाद भी उन्हें ना ही स्थाई किया गया और ना ही उन्हें संविदा श्रेणी में रखा गया है.

यह भी पढ़ें- सरकार के 2 साल: ऋण ग्रसिता से ग्रसित है डिस्कॉम, सरकार के पास क्या है इससे उबरने के उपाय, सुनिए ऊर्जा मंत्री की जुबानी...

धरने पर बैठी आशाओं की मांग है कि दो विभाग से उन्हें एक विभाग में नियुक्त किया जाए. उनकी मांग की उन्हेंराज्य कर्मचारी घोषित किया जाए. धरने पर बैठी आशाओं ने कहा कि कोरोना काल में उन्होंने विभाग द्वारा दिए काम में कोई कमी नहीं रखी थी. इसके बावजूद भी उन्हें अपनी मांगों को लेकर संघर्ष करना पड़ रहा है.

चूरू. स्थायीकरण और मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर चूरू जिला मुख्यालय पर पिछले 51 दिनों से जिला कलेक्ट्रेट के आगे धरने पर बैठी आशा सहयोगिनियों ने बुधवार को सर्किट हाउस से कलेक्ट्रेट तक रैली निकालकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किया है. वहीं मांगे नहीं माने जाने पर ट्रेन रोकने और सड़कों पर उतर चक्का जाम करने की चेतावनी दी है. अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरी आशाओं ने कहा कि पिछले 51 दिनों से धरने पर बैठी है, लेकिन सरकार कोई सुध नहीं ले रही है.

चूरू में 51 दिनों से धरना दे रही आशा सहयोगिनी उतरी सड़कों पर

इस बीच आशाओं ने कहा कि चाहे हमें भूख हड़ताल पर बैठना पड़े, अब हम यहां से तभी उठेंगे, जब हमारी मांगे मानी जाएगी. आशाओं ने कहा कि 2004 से वह कार्यरत है. सरकार द्वारा उन्हें मानदेय श्रेणी में रखा गया है. इतने समय बाद भी उन्हें ना ही स्थाई किया गया और ना ही उन्हें संविदा श्रेणी में रखा गया है.

यह भी पढ़ें- सरकार के 2 साल: ऋण ग्रसिता से ग्रसित है डिस्कॉम, सरकार के पास क्या है इससे उबरने के उपाय, सुनिए ऊर्जा मंत्री की जुबानी...

धरने पर बैठी आशाओं की मांग है कि दो विभाग से उन्हें एक विभाग में नियुक्त किया जाए. उनकी मांग की उन्हेंराज्य कर्मचारी घोषित किया जाए. धरने पर बैठी आशाओं ने कहा कि कोरोना काल में उन्होंने विभाग द्वारा दिए काम में कोई कमी नहीं रखी थी. इसके बावजूद भी उन्हें अपनी मांगों को लेकर संघर्ष करना पड़ रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.