चित्तौड़गढ़. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है. जिसके कारण सभी जगहों पर काम-काज ठप पड़े हुए हैं. छोटे से छोटे व्यवसायी भी संक्रमण के डर से घर पर ही बैठे हुए हैं, लेकिन इन सब के बीच चित्तौड़गढ़ में हिंदुस्तान जिंक प्रबंधन सभी की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रहा है. अभी भी जिंक प्लांट चल रहा है और खाद्य सामग्री आपूर्ति के परमिट पर बस में कर्मचारियों को जिंक प्लांट पहुंचाया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार देश भर में केंद्र सरकार की ओर से करीब 1 सप्ताह से कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के खतरे को देखते हुए आपदा घोषित कर लॉकडाउन कर दी गई है. उसकी पालना सभी राज्यों में की जा रही है, लेकिन चित्तौड़गढ़ जिले के पुठोली में स्थित हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में अभी तक लॉकडाउन के आदेशों की पालना पूरी तरह से नहीं हो पा रही है. हिंदुस्तान जिंक का प्लांट अभी भी चल रहा है और इस प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को जिंक प्लांट में काम करने के लिए बसों से लाया जा रहा है.
ऐसे में महामारी के इस दौर में कर्मचारियों के साथ ही पूरे जिले के लोगों के साथ धोखा किया जा रहा है. स्थानीय प्रशासन के आला अधिकारी इस बारे में जानते हुए भी अनदेखी कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार चंदेरिया थाना पुलिस की ओर से थाने के बाहर शनिवार को नाकाबंदी की गई थी. इस दौरान हिन्दुस्तन जिंक की ओर जा रही एक बस को रुकवाया गया, तो इस बस पर परमिट तो खाद्य सामग्री आपूर्ति का था, लेकिन इसमें 24 से अधिक कर्मचारियों को जिंक प्लांट ले जाया जा रहा था.
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इस पर पुलिस ने एक बार तो इस बस को रुकवा दिया. बाद में अधिकारियों के दबाव के चलते इस बस को जाने दिया गया. बस में सवार सभी लोग जिंक की ठेका कंपनी केपीएस कंपनी में कार्यरत हैं और जिंक प्लांट में ड्यूटी करने के लिए जा रहे थे. जब बस में सवार प्लांट प्रभारी संदीप से बात की तो वे संतोषप्रद जवाब नहीं दे सकें.
इन दिनों जिले भर में जारी निषेधाज्ञा और लॉकडाउन की धज्जियां तो उड़ ही रही है. साथ ही कोरोना के संक्रमण को फैलना का खतरा भी बढ़ा रहा है. गौरतलब है कि हिंदुस्तान जिंक प्रबंधन के आगे प्रशासन और पुलिस भी सख्त कदम नहीं उठा पा रहा है.