चित्तौड़गढ़. लेह-लद्दाख से लेकर कन्याकुमारी तक पूरे देश में एक जैसी सर्दी है. ऐसे में राजस्थान कैसे अछूता रहता. पूरे प्रदेश में तेज सर्दी का असर है. दोपहर तक सूर्य भगवान के दर्शन नहीं हो रहे हैं तो ठिठूरन ने सभी को बेहाल कर दिया है. चित्तौड़गढ़ जिले में भी सर्दी से हर कोई बेहाल है. स्कूलों में भी अवकाश कर दिया गया है तो वहीं लोग भी घरों से कम निकल रहे हैं.
लेकिन बात की जाए फसलों की तो वे भी इस जाड़े से बच नहीं सके. पूरे जिले में इन दिनों रबी की फसल बोई हुई है. इसमें अधिकांश पर ठंड का असर दिख रहा है. यहां तक काले सोने के रूप में शुमार अफीम की फसल भी इससे अछूती नहीं है.
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जानकारी के अनुसार प्रदेश भर में सर्दी का सितम जारी है. वहीं चित्तौड़गढ़ में भी सर्दी लगातार रिकॉर्ड तोड़ रही है. सुबह सर्दी और घने कोहरे के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा. सुबह से ही अधिकांश इलाकों में कोहरा छाया रहा. कड़ाके की सर्दी के चलते स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भी अवकाश के आदेश जारी हो चुके हैं.
नए साल की शुरूआत में ही सर्दी ने सभी को झकझोर दिया है. कई दिनों से तापमान में आई गिरावट कारण पांच दिन पूर्व पाला गिरा था, जिससे रबी की फसलों को नुकसान हुआ है. पाला गिरने के कारण मुख्य रूप से तो सब्जियां सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है. इसके अलावा भी सरसों, मटर पर इसका असर है. साथ ही व्यावसायिक उद्देश्य से बोई मक्का के अलावा चने पर भी सबसे ज्यादा असर है.
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किसानों की मानें तो पाला पड़ने से आलू, चना, सरसों समेत कई फसलों पर बुरा असर पड़ता है. क्योंकि ऐसी स्थिति में पौधे के भीतर पानी जमने लगता है, जिससे उसके दाने सूख जाते हैं. जिले में मुख्यालय के आस-पास सहित भदेसर तहसील के सुखवाड़ा और आस-पास के गांवों में फसलों पर असर है. इस साल औसत से अधिक बरसात हुई थी. जिससे पहले से ही खेतों में नमी है. सर्दी के कारण मवेशी भी बुरी तरह परेशान है. सर्दी के कारण मवेशियों में निमोनिया सहित अन्य बीमारियां देखने को मिल रही है. कृषक मुकेश धाकड़ ने बताया कि 10 दिन से सर्दी के कारण सब्जियों में नुकसान हुआ है और सब्जियां नष्ट हो गई है. पाला गिरने के कारण अफीम में 10 प्रतिशत नुकसान है. इसके अलावा चने में भी 20 प्रतिशत तक का नुकसान का अनुमान है.
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पशुपालक बंशीलाल डांगी ने बताया कि सर्दी में दूध उत्पादन में कमी आती है. डॉ. बंशीलाल मूंदड़ा, उप निदेशक ने मवेशियों को चारा और खांकला भरपूर मात्रा में देने और दाने खिलाने का आग्रह किया है. निमोनिया और सांस रोग से बचाने के लिए हवा में नहीं बांधने की सलाह दी है. वहीं अवकाश को लेकर अभिभावकों का भी मानना है कि जिले में सर्दी ऐसी है कि स्कूलों में अवकाश जरूरी है.