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चित्तौड़गढ़: बड़ीसादड़ी में पितलिया...बेगू में प्रिंस या पुरोहित पर मुहर लगना तय, कपासन में फंसा पेच

चित्तौड़गढ़ के बेगू और बड़ी सादड़ी में कांग्रेस अपना बोर्ड बनाने जा रही है. यहां नगर पालिकाध्यक्ष पद के दावेदार भी करीब-करीब तय माने जा रहे हैं. फिलहाल, बड़ी सादड़ी में एक ही नाम प्रमुखता से आ रहा है. वहीं बेगू में दो लोगों की दावेदारी उभर कर सामने आ रही है.

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बीजेपी और कांग्रेस में फंसा पेच
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Published : Feb 1, 2021, 7:17 AM IST

चित्तौड़गढ़. तीन नगर पालिकाओं के चुनाव परिणाम जहां कांग्रेस को संजीवनी दे गए. वहीं बीजेपी में मातम छाया है. बीजेपी केवल कपासन में फिर से बोर्ड बनाने के करीब है. लेकिन दावेदारों का चयन पार्टी के लिए पेचीदा होता दिख रहा है. पार्टी के समक्ष सबसे बड़ी मुश्किल अध्यक्ष के नाम की तलाश है, जिसके लिए करीब 5 से अधिक दावेदार माने जा रहे हैं. किसी भी दावेदार के इधर-उधर होने की स्थिति में पार्टी के हाथ से बोर्ड के फिसलने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता. क्योंकि दोनों के बीच संख्या बल के लिहाज से अंतराल केवल एक सदस्य का है. ऐसी स्थिति में दोनों निर्दलीय निर्णायक भूमिका में आ सकते हैं.

बीजेपी और कांग्रेस में फंसा पेच

बेगू में कांग्रेस 14 वार्डों में जीतने में कामयाब रही. जबकि भारतीय जनता पार्टी आठ पर ही सिमट गई. वहीं दो निर्दलीय भी मैदान मारने में कामयाब रहे. यहां नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए नरेंद्र पुरोहित और प्रिंस बाबेल की दावेदारी सामने आ रही है. दोनों ही विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी के करीब माने जाते हैं. ऐसे में अध्यक्ष किसे बनाया जाए? ऐसे में अध्यक्ष पद की गेंद पूरी तरह से विधायक बिधूड़ी के पाले में बताई जा रही है.

यह भी पढ़ें: झुंझुनू: नवलगढ़ में कांग्रेस का कब्जा तो मुकुंदगढ़ में निर्दलीयों ने मारी बाजी

निर्मल पर बरस सकती है नेमत

बड़ी सादड़ी नगर पालिका के 25 में से कांग्रेस के 14 प्रत्याशी मैदान मारने में सफल रहे. जबकि भारतीय जनता पार्टी के 10 प्रत्याशी ही जीत का स्वाद चख पाए. एक निर्दलीय भी मैदान मार गया. अब यदि नगर पालिका अध्यक्ष पद के दावेदार की बात करें तो यहां निर्मल पितलिया और निवर्तमान अध्यक्ष दिलीप चौधरी ताल ठोक रहे हैं. यहां चुनाव की कमान पूरी तरह से पूर्व विधायक प्रकाश चौधरी के हाथ रही.

यह भी पढ़ें: निकाय चुनाव में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिलना सरकार के विरुद्ध जनादेश है: राजेंद्र राठौड़

दिलीप चौधरी कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस का दामन पकड़ते रहे. ऐसे में प्रकाश चौधरी निर्मल पितलिया पर अपना हाथ रख सकते हैं. पितलिया को चौधरी का काफी करीबी माना जाता है. इस बार अध्यक्ष पद की कुर्सी सामान्य वर्ग के लिए है. ऐसे में प्रकाश चौधरी सामान्य वर्ग का हक मारकर ओबीसी को अध्यक्ष पद देकर कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहेंगे.

1 सीट का अंतर, आधा दर्जन दावेदार

अब यदि कपासन नगर पालिका पर नजर डाले तो भारतीय जनता पार्टी 25 में से 12 और कांग्रेस के 11 प्रत्याशी चुनाव जीते, जबकि दो उम्मीदवार निर्दलीय बाजी मारने में कामयाब रहे. कुल मिलाकर दोनों ही दलों के बीच केवल एक सदस्य का अंतर है. कांग्रेस के 11 में से 9 सदस्य पंचायत समिति प्रधान भेरूलाल चौधरी के खेमे से होकर पूरी तरह से एकजुट हैं. वहीं दो अन्य सदस्य आनंदी लाल खटीक के समर्थक माने जा रहे हैं.

भारतीय जनता पार्टी के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती अध्यक्ष पद बनता दिख रहा है, जिसके लिए लता वैष्णव, खुशबू लता टेलर, वंदना सोनी, पुष्पा वैष्णव और मंजू स्वर्णकार के नाम सामने आ रहे हैं. जबकि कांग्रेस में चौधरी गुट से कन्या देवी सोनी को आगे किया जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी की दावेदार लता वैष्णव सांवरिया जी मंदिर मंडल ट्रस्ट के अध्यक्ष कन्हैया दास वैष्णव की पुत्री हैं. वहीं खुशबू लता टेलर पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष नंदकिशोर टेलर की पुत्रवधू हैं. पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक चंडालिया खेमे से पुष्पा वैष्णव का नाम सामने आ रहा है. पार्टी को यह चिंता भी साल रही है कि किसी भी एक दावेदार के नाराज होने की स्थिति में जीती हुई बाजी पलट भी सकती है.

25 में से 11 महिला पार्षद

कपासन में अध्यक्ष पद ओबीसी महिला वर्ग के लिए आरक्षित है. इसे देखते हुए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही दलों का महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारने पर ज्यादा जोर रहा. यहां 11 महिलाएं चुनाव जीतकर नगर पालिका पहुंची हैं.

चित्तौड़गढ़. तीन नगर पालिकाओं के चुनाव परिणाम जहां कांग्रेस को संजीवनी दे गए. वहीं बीजेपी में मातम छाया है. बीजेपी केवल कपासन में फिर से बोर्ड बनाने के करीब है. लेकिन दावेदारों का चयन पार्टी के लिए पेचीदा होता दिख रहा है. पार्टी के समक्ष सबसे बड़ी मुश्किल अध्यक्ष के नाम की तलाश है, जिसके लिए करीब 5 से अधिक दावेदार माने जा रहे हैं. किसी भी दावेदार के इधर-उधर होने की स्थिति में पार्टी के हाथ से बोर्ड के फिसलने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता. क्योंकि दोनों के बीच संख्या बल के लिहाज से अंतराल केवल एक सदस्य का है. ऐसी स्थिति में दोनों निर्दलीय निर्णायक भूमिका में आ सकते हैं.

बीजेपी और कांग्रेस में फंसा पेच

बेगू में कांग्रेस 14 वार्डों में जीतने में कामयाब रही. जबकि भारतीय जनता पार्टी आठ पर ही सिमट गई. वहीं दो निर्दलीय भी मैदान मारने में कामयाब रहे. यहां नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए नरेंद्र पुरोहित और प्रिंस बाबेल की दावेदारी सामने आ रही है. दोनों ही विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी के करीब माने जाते हैं. ऐसे में अध्यक्ष किसे बनाया जाए? ऐसे में अध्यक्ष पद की गेंद पूरी तरह से विधायक बिधूड़ी के पाले में बताई जा रही है.

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निर्मल पर बरस सकती है नेमत

बड़ी सादड़ी नगर पालिका के 25 में से कांग्रेस के 14 प्रत्याशी मैदान मारने में सफल रहे. जबकि भारतीय जनता पार्टी के 10 प्रत्याशी ही जीत का स्वाद चख पाए. एक निर्दलीय भी मैदान मार गया. अब यदि नगर पालिका अध्यक्ष पद के दावेदार की बात करें तो यहां निर्मल पितलिया और निवर्तमान अध्यक्ष दिलीप चौधरी ताल ठोक रहे हैं. यहां चुनाव की कमान पूरी तरह से पूर्व विधायक प्रकाश चौधरी के हाथ रही.

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दिलीप चौधरी कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस का दामन पकड़ते रहे. ऐसे में प्रकाश चौधरी निर्मल पितलिया पर अपना हाथ रख सकते हैं. पितलिया को चौधरी का काफी करीबी माना जाता है. इस बार अध्यक्ष पद की कुर्सी सामान्य वर्ग के लिए है. ऐसे में प्रकाश चौधरी सामान्य वर्ग का हक मारकर ओबीसी को अध्यक्ष पद देकर कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहेंगे.

1 सीट का अंतर, आधा दर्जन दावेदार

अब यदि कपासन नगर पालिका पर नजर डाले तो भारतीय जनता पार्टी 25 में से 12 और कांग्रेस के 11 प्रत्याशी चुनाव जीते, जबकि दो उम्मीदवार निर्दलीय बाजी मारने में कामयाब रहे. कुल मिलाकर दोनों ही दलों के बीच केवल एक सदस्य का अंतर है. कांग्रेस के 11 में से 9 सदस्य पंचायत समिति प्रधान भेरूलाल चौधरी के खेमे से होकर पूरी तरह से एकजुट हैं. वहीं दो अन्य सदस्य आनंदी लाल खटीक के समर्थक माने जा रहे हैं.

भारतीय जनता पार्टी के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती अध्यक्ष पद बनता दिख रहा है, जिसके लिए लता वैष्णव, खुशबू लता टेलर, वंदना सोनी, पुष्पा वैष्णव और मंजू स्वर्णकार के नाम सामने आ रहे हैं. जबकि कांग्रेस में चौधरी गुट से कन्या देवी सोनी को आगे किया जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी की दावेदार लता वैष्णव सांवरिया जी मंदिर मंडल ट्रस्ट के अध्यक्ष कन्हैया दास वैष्णव की पुत्री हैं. वहीं खुशबू लता टेलर पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष नंदकिशोर टेलर की पुत्रवधू हैं. पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक चंडालिया खेमे से पुष्पा वैष्णव का नाम सामने आ रहा है. पार्टी को यह चिंता भी साल रही है कि किसी भी एक दावेदार के नाराज होने की स्थिति में जीती हुई बाजी पलट भी सकती है.

25 में से 11 महिला पार्षद

कपासन में अध्यक्ष पद ओबीसी महिला वर्ग के लिए आरक्षित है. इसे देखते हुए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही दलों का महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारने पर ज्यादा जोर रहा. यहां 11 महिलाएं चुनाव जीतकर नगर पालिका पहुंची हैं.

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